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आईआईटी की तकनीक से हाईवे के नीचे निकलेगी तीसरी रेललाइन, एक महीना बंद रहेगा इटावा लखनऊ हाइवे

Kanpur news: रेलवे की गुजारिश पर आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने तीसरी लाइन के लिए तकनीक और डिजाइन तैयार की है।

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Under the highway third railway line come out with technology of IIT  Etawah Lucknow Highway closed for a month

Under the highway third railway line come out with technology of IIT Etawah Lucknow Highway closed for a month

कानपुर में चंदारी से रूमा तक डाली जाने वाली तीसरी नई रेल लाइन में बाधक बना लखनऊ-इटावा (एनएच-19) हाईवे की समस्या का स्थायी समाधान हो गया। रेलवे की गुजारिश पर आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने तीसरी लाइन किस हिसाब से और कैसे डाली जाएगी। इसकी तकनीक औऱ डिजाइन रेलवे को दे दी है। अब चंदारी से रूमा के बीच तीसरी लाइन हरहाल में मार्च - 2023 तक फिट हो जाएगी। इसके सबसे बड़ा फायदा दिल्ली-हावड़ा रूट की ट्रेनों को मिलेगा।

चंदारी से रूमा के बीच पिछले साल तीसरी रेललाइन बिछाने का काम शुरू हुआ था। इतनी दूरी के ट्रैक का लगभग जमीनी पूरा हो गया है पर लखनऊ-इटावा हाईवे के नीचे से तीसरी लाइन डालने की जगह नहीं थी, जबकि हाईवे सिक्सलेन है। बाधा की वजह यह थी कि कानपुर-प्रयागराज के बीच दो ट्रैक (अप-डाउन ) हैं। हाईवे बना तो उतनी ही हाईवे के नीचे ट्रैक की जगह छोड़ी गई। ट्रैक के दोनों तरफ जगह नहीं है,इस कारण तीसरी लाइन नहीं बिछ पा रही थी।

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एक महीने बंद रहेगा हाईवे

रेलवे जब तीसरी लाइन डालने का काम शुरू होगा तो इटावा-लखनऊ हाईवे पर ट्रैक के ऊपर वाहनों की आवाजाही नहीं प्रतिबंधित रहेगी। इस कारण या तो वाहन डायवर्ट होंगे या फिर एक साइड पहले काम होगा तो दूसरी साइड से वाहन निकलेंगे औऱ जब इस साइड का काम होगा, तो दूसरी साइड से वाहन निकाले जाएंगे।

छह महीने में तैयार हुई तकनीक और डिजाइन

चंदारी से रूमा तक तीसरी नई रेललाइन बिछाने में बड़ी बाधक लखनऊ-इटावा हाईवे था। रेलवे ने इसके लिए फऱवरी-2022 में आईआईटी से इसके निजात दिलाने का पत्र लिखा। रेलवे की गुजारिश पर आईआईटी के विशेषज्ञो ने सात बार मौके का दौरा किया। छह महीने में जुलाई के तीसरे सप्ताह में इसकी डिजाइन और तकनीक दे दी है। इस हिसाब से रेलवे की समस्या का समाधान हुआ।

70 फीसदी ट्रेनें फंसती थी चंदारी आउटर पर

प्रयागराज से कानपुर आने वाली 70 फीसदी ट्रेनें श्यामनगर पुल के नीचे यानी कि चंदारी स्टेशन के आउटर पर फंसती थी। पांच से दस मिनट तक ट्रेनें ट्रैक व्यस्तता की वजह से खड़ी होती थी। इस समस्या का समाधान स्थायी रूप से हो जाएगा।

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