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कानपुर

सरकारी शेल्टर हाउस में लगे हैं कई दाग, सरोजनी, मीनाक्षी को नहीं मिला इंसाफ

देवरिया के बाद शेल्टर होम का अधिकारी कर रहे हैं निरीक्षण, पूराने मामले पर बोले सभी की कराई जाएगी जांच

कानपुरAug 08, 2018 / 03:30 pm

Vinod Nigam

untold stories of Government Shelter Home in kanpur hindi news

सरकारी शेल्टर हाउस में लगे हैं कई दाग, सरोजनी, मीनाक्षी को नहीं मिला इंसाफ

कानपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर और यूपी के दवरिया जिले की शेल्टर होम में महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न से पहले कानपुर के स्वरूप नगर स्थित राजकीय संवासिनी गृह में कई पुराने दाग लगे हैं, जिनको शासन-प्रशासन ने साफ नहीं किया। छह माह पहले सरोजनी नाम की सवांसिनी का शव संदिग्ध हालात में पाया गया। कर्मचारियों ने इसे मामले का दबाने का प्रयास किया, पर हैलट के डॉक्टर्स ने पुलिस को बुला शव का पोस्टमार्टम कराया तो रिपोर्ट में जो खुलासा हुआ, उससे पुलिस-प्रशासन को हिला कर रख दिया था। संवासिनी गृह के बगल में रहने वाले धनीराम पैंथर कहते हैं कि महिला के साथ ज्यादती की गई और तड़ता-तड़पा कर मौत के घाट उतारा गया। छह माह बीत गए, लेकिन अभी जांच जारी है।
होता रहा है महिलाओं के साथ उत्पीड़न
देवरिया के नारी निकेतन गृह से लापता हुई 18 किशोरियों के बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया। इसी के बाद शहर के सबसे पॉस इलाका स्वरूप नगर में बने राजकीय संवासिनी गृह पर शासन-प्रशासन की नजर पड़ी और मंगलवार को डीएम ने एक बार नहीं पूरे चार बार छापामारी की। लेकिन उन्हें यहां कमी व गड़बड़ी नजर नहीं आई। पर पड़ोसियों की मानें तो यहां पर रहने वाली महिलाओं के साथ उत्पीड़न किया जाता है। पड़ोसी राजू कहते हैं कि कुछ दिन पहले एक महिला यहां से लापता हो गई थी। कर्मचारियों ने मामला दबाए रखा। तभी महिला का बड़ा बेटा जो मुम्बई में रहता है, वो यहां आया। बेटे ने कर्मचारियों से मां के बारे में पूछा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला तों उसने पुलिस में जाकर शिकायत दर्ज कराई थी। तीन दिन के बाद बुजुर्ग महिला को पुलिस ने पनकी से बरामद किया था।
जब पुलिस ने घेर लिया था गृह
यहां के लोग बताते हैं कि एसएसपी शलभ माथुर को यहां पर गड़बड़ी की शिकायत मिली थी, तब उन्होंने देरशाम पुलिस के साथ रेड मारा था। लेकिन जांच के दौरान उनके हाथ कोई गैरकानूनी सामान बरामद नहीं हुआ था। एसएसपी को जानकारी मिली थी कि यहां अराजकतत्वों का जमावड़ा लगता है और अंदर जुआ खेला जाता है। धनीराम पैंथर कहते हैं कि यहां पर अनेक गैर कानूनी कार्य होते हैं और कई सफेदपोश बिना रोक-टोक के अंदर जाते हुए देखे गए हैं। धनीराम बताते हैं कि सरोजनी के मामले पर हमने हैलट जाकर डॉक्टर्स से उसके शव के पोस्टमार्टम की मांग की थी। इसी के बाद पूरी सच्चाई सामने आई। एसएसपी अखिलेश मीणा ने इसके जांच के आदेश तत्कालीन सीओ स्वरूप नगर अभय नरायण राय को दिए थे, लेकिन अभी तक जांच कागजों में चल रही है।
कौन थी संवासिनी
राजकीय संवासिनी गृह में सात साल से सरोज विश्वकर्मा रह रही थी। फरवरी 2018 को उसकी संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई थी। उस दौरान कर्मचारियों ने मौत का कारण मिर्गी बताया था। मृत अवस्था में महिला के शव को हैलट अस्पताल भिजवाया गया। जहां डॉक्टर्स ने उसे देखने के बाद मृत घोषित कर दिया था। कर्मचारी महिला के शव को ले जाने लगे तभी हैलट के डॉक्टर्स को शुह हुआ और पुलिस-प्रशासन को सूचना दी। मजिस्ट्रेट ने उसका पंचनामा भरा था। मजिस्ट्रेट ने पंचनामा भरने के दौरान दस्तावेज में खि था कि महिला को मृत हालत में हैलट लाया गया था। इसी के बाद हत्या की आशंका व्यक्त की गई और जब पोस्टमार्टम किया गया तो कर्मचारियों की बात झूठ साबित हुई।
मीनाक्षी को भी नहीं मिला न्याय
कोपरगंज में तलवामंडी में रहने वाली अनाथ मीनाक्षी को 26 फरवरी 2009 को राजकीय बाल गृह में लाया गया था, लेकिन उसकी उम्र 18 साल से थी। इसलिए उसे बाल गृह से निकालकर महिला शरणालय में रखा गया। जहां उसने फरवरी 2014 में टॉयलेट में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मीनाक्षी ने मरने से पहले एक सुसाइड नोट लिखकर छोड़ा था, जिसमें उसने मौत का कारण लिखा था। तत्कालीन डीएम डीएम रोशन जैकब ने घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दे दिए थे। एक माह के बाद जांच में सवासिनी गृह को क्लीन चिट दे दी गई। वहीं करीब नौ साल पहले संवासिनी गृह से कई लड़कियां भाग गई थीं। जिन्हें पुलिस ने 24 घंटे के अंदर बरामद कर लिया था। पुलिस की पूछताछ के दौरान लड़कियों ने संवासिनी गृह की पोल खोल दी थी। इन प्रकरण पर डीएम ने कहा कि सभी केसों के जानकारी की जा रही है। जांच के बाद क्या पाया गया, इसके लिए जांच अधिकारी को तलब किया जाएगा। अगर कोई दोषी होगा तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
दिनभर चलती रही छापेमारी
राजकीय संवासनी गृह में सबसे पहले मंडलीय अधिकारी ऋतु शर्मा पहुंची। वे जांच कर रही थीं कि एसीएम चतुर्थ रिजवान शाहिद ने रेड की। कुछ देर के बाद एडीएम वित्त भी जांच के लिए संवासनी गृह में धावा बोला। कुछ देर के बाद विधान परिषद की संसदीय एंव समाजिक सदभाव समिति के चारों सदस्य आ गए। इस दौरान महिलाओं ने पेयजल सहित कई समस्याएं गिनाई। पिछले 24 घंटे के दौरान इस सरकारी संवासनी गृह में अधिकारियों को तांता लगा हुआ है। वो मीडिया के सामने कुछ भी बोलने को तैयार नहीं। लेकिन इतना जरूर है कि लखनऊ से आई टीम के सदस्यों को महिलाओं ने अंदर के राज बताए हैं। डीएम ने भी यहां नजर लगा दी थी और एसीएम चतुर्थ रिजवान शाहिद को लगा दिया है।

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