
1.19 लाख परीक्षार्थियों के इम्तहान की घड़ी, नकल रोकने के लिए प्रशासन ने कसी कमर
कानपुर. देश के सबसे बड़े यूपी बोर्ड की परीक्षा की शुरूआत आज हो गई। इस साल 147 केंद्रों में 1.19 लाख परीक्षार्थी एग्जाम में हिस्सा ले रहे हैं। नकल विहीन परीक्षा के लिए पुलिस, प्रशासन के साथ ही शिक्षा विभाग कमर कस चुका है। सारे परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए हैं। साथ ही केंद्रों के 100 मीटर के दायरे में लाल झंडे लगाए गए हैं, जहां पर परीक्षा व्यवस्थापकों को छोड़कर कोई अन्य नहीं प्रवेश कर पाएगा। जिला विद्यालय निरीक्षक ने कई परीक्षा केंद्रों का औचक निरीक्षण कर प्रश्न पत्रों व कमरों को सील भी किया। साथ ही हिदायत दी कि प्रश्न पत्रों के रखरखाव में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। नकल रोकने के लिए एसटीएफ के अलावा कई टीमें भी लगाई गई हैं, जो केंद्र पर लाकर जांच-पड़ताल करेंगे। नकल कराने वाले और करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा।
147 परीक्षा केंद्रों पर होगी परीक्षा
यूपी बोर्ड परीक्षाओं में इस बार कुल 1.19 लाख परीक्षार्थी शामिल होंगे। इनमें हाईस्कूल के 60000 व इंटरमीडिएट के 59000 अभ्यर्थी परीक्षा देंगे। जिला विद्यालय निरीक्षक सतीश कुमार ने बताया कि बीएनएसडी शिक्षा निकेतन, चित्रा इंटर कॉलेज सहित कई परीक्षा केंदों का निरीक्षण किया गया। स्कूल प्रबंधन को निर्देश दिए गए कि वह प्रश्न-पत्र व कापियों को एक कमरे में रखें। उस कमरे में सील लगा होना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया जाता तो केंद्र व्यवस्थापक से लेकर प्रबंधन तक कार्रवाई की जाएगी। बोर्ड परीक्षाओं की कापियों व प्रश्न पत्रों से किसी तरह की छेड़छाड़ व गड़बड़ियां न हो इसलिए डीआईओएस ने केंद्र व्यवस्थापक को तीन सदस्यीय कमेटी गठन करने का आदेश दिया है। कमरा किस समय खुला, किसने और किस लिए खोला गया और कब बंद किया गया। यह सब एक रजिस्टर में दर्ज करना होगा। इस पर इन तीनों सदस्यों के हस्ताक्षर होंगे।
सीसीटीवी के जरिए रखी जाएगी नजर
डीआईओएस ने आदेश दिया है कि कक्षाओं में लगे सीसीटीवी कैमरे छात्रों की तरफ होने चाहिए। साथ ही रिकॉर्डिंग में किसी तरह का कट नहीं होना चाहिए। वहीं कैमरे किसी भी समय बंद नहीं किए जाएंगे। कभी भी किसी भी परीक्षा केंद्र की रिकॉर्डिंग सचल दस्ते व अन्य अधिकारी जांच कर सकते हैं। डीआईओएस ने बताया कि जिले में कुल 147 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें 20 संवेदनशील, 17 अतिसंवेदनशील हैं। 147 केंद्र व्यवस्थापक नियुक्त किए हैं, साथ ही 70 अति. केंद्र व्यवस्थापक हैं। 60700 कक्ष निरीक्षकों को नियुक्त किया गया है। डीआईओएस ने बताया कि नकल को रोकने के लिए पुलिस के अलावा एसटीएफ को भी लगाया गया है। नकल करते पाए जाने पर परीक्षार्थी को जेल भी जाना पड़ सकता है। परीक्षार्थियों की तीन स्तरीय तलाशी ली जाएगी, इसके बाद कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा।
100 मीटर दायरे में लगे होंगे लाल झंडे
डीआईओएस ने बताया कि परीक्षा व्यवस्था में लगे कक्ष निरीक्षकों से लेकर अफसरों तक के पास एक जैसा फोटोयुक्त पहचान पत्र रहेगा। एक फोटो पहचान पत्र पर और दूसरा रजिस्टर में चस्पा होगा। जोनवार रिकॉर्ड रखा जाएगा। शहर के ग्रामीण क्षेत्रों के 100 मीटर दायरे में जहां लाल झंडे लगे हों उसके अंदर कोई मूवमेंट नहीं होगी। यदि कोई दिखा तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। परीक्षा शुरू होते ही बाबू-चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सेंटर गेट के बाहर होंगे। कहा, केंद्र व्यवस्थापक को छोड़ शेष किसी के पास मोबाइल नहीं रहेगा। शिक्षकों और छात्रों के लिए दो स्टील के बॉक्स बनाए जाएं जिसमें इनके मोबाइल रखकर ताला लगाया जाए। इसकी चाबी स्टेटिक मजिस्ट्रेट को दी जाए। जो छात्र मोबाइल लाएं उनसे 500 रुपये जुर्माना भी वसूला जाए। केंद्र व्यवस्थापक अगर मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे हैं तो उन पर स्टेटिक मजिस्ट्रेट नजर रखेंगे।
जीरो टॉलरेंस पॉलिसी अपनाई जाएगी
डीआईओएस ने बताया कि प्रश्नपत्र स्टेटिक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में खोले जाएंगे। यहां मोबाइल पर इसका वीडियो भी तैयार किया जाएगा। अन्य तकनीकी संसाधनों से भी निगरानी रखी जाएगी जिसमें कॉल डिटेल आदि शामिल हैं। कहा कि जिस कक्ष में नकल मिलेगी, उसके निरीक्षक, एक से अधिक कक्ष पर केंद्र व्यवस्थापक और इसके बाद नकल मिलने पर अफसर भी जेल जाएंगे। जीरो टॉलरेंस पॉलिसी अपनाई जाएगी। बच्चों के शूज उतरवाने पर निर्णय स्वयं लें। वहीं एसएसपी अखिलश कुमार ने कहा कि केंद्र व्यवस्थापक से लिखित घोषणा पत्र लें कि उनके सेंटर पर कोई नकल सामग्री नहीं है। यदि नकल मिली तो केंद्र व्यवस्थापक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। आगे गैंगस्टर की कार्रवाई भी होगी क्योंकि बिना आर्थिक लाभ के कोई नकल नहीं कराता।
Published on:
06 Feb 2018 07:47 am
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