
एक ऐसे MLC जिन्हें कोई 1992 से हरा ही नहीं पाया, अब 76 साल की उम्र में BJP-SP के लिए बने चुनौती
कानपुर उन्नाव खंड स्नातक व शिक्षक विधान परिषद के चुनाव में निवर्तमान विधायकों का लगातार दबदबा देखा गया है। इस बार भी शिक्षक और स्नातक क्षेत्र में निवर्तमान विधायक मैदान में हैं। देखना दिलचस्प होगा कि अपनी सीट बचा पाने में सफल हो पाते हैं कि नहीं। सपा और बीजेपी ने भी अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है।
राज बहादुर सिंह चंदेल के खिलाफ बीजेपी ने वेणु रंजन को दिया टिकट, दोनों उन्नाव के
शिक्षक एमएलसी कि सीट पर 1992 से उन्नाव के रहने वाले राजबहादुर सिंह चंदेल का कब्जा है। जिन्होंने लगातार पांच चुनाव में जीत हासिल की है। 31 साल से शिक्षक एमएलसी के रूप में विधान परिषद का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। जो छठी बार चुनाव मैदान में हैं। बीजेपी ने शिक्षा क्षेत्र से ही जुड़े वेणु रंजन भदौरिया को टिकट दिया है। राज बहादुर सिंह चंदेल और वेणु रंजन भदौरिया दोनों ही उन्नाव के मूल निवासी हैं। देखना दिलचस्प होगा कि राजबहादुर सिंह चंदेल अपनी सीट बचा पाते हैं कि नहीं।
शिक्षक विधान परिषद सदस्य के अब तक के विजेताओं के नाम
1962 में राजाराम पांडे ने जीत हासिल की थी। जिसके बाद 1974 में मूल कृष्ण चतुर्वेदी, 1980 में हरिप्रसाद तिवारी, 1986 में चंद्र भूषण त्रिपाठी ने जीत हासिल की थी। इसके बाद हुए 1992, 1998, 2004, 2010, 2017 के चुनाव में राजबहादुर सिंह चंदेल ने जीत हासिल की। जिन्होंने अब तक हुए लगातार 5 चुनाव में जीत हासिल की है।
स्नातक एमएलसी सीट पर स्वरूप परिवार का ही रहा कब्जा
स्नातक एमएलसी सीट पर भी पिछले कई दशकों से एक ही परिवार का राज रहा। शिक्षा क्षेत्र से जुड़े स्वरूप परिवार के पास लगातार यह सीट रही है। कानपुर उन्नाव खंड स्नातक विधान परिषद सीट पर पिछले 34 वर्षों से जोगेंद्र स्वरूप का कब्जा था। उनके निधन के बाद 2015 में हुए उपचुनाव में यह सीट पहली बार परिवार के बाहर गई और बीजेपी के अरुण पाठक ने उनके पुत्र मानवेंद्र स्वरूप को 1816 मतों से हराया था। इस सीट के लिए कानपुर नगर, कानपुर देहात और उन्नाव जिले के मतदाता मतदान करते हैं। 2017 को हुए चुनाव में बीजेपी के अरुण पाठक ने एक बार फिर मानवेंद्र स्वरूप को हराया। लगातार तीसरी बार अरुण पाठक बीजेपी से चुनाव मैदान में है। सपा से डॉ कमलेश यादव को टिकट दिया गया है।
कानपुर स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के अब तक के विजेता प्रत्याशियों के नाम
1922, 1928, 1932, 1938, 1944, 1950 में डॉ बृजेंद्र स्वरूप एमएलसी थे। उसके बाद 1956, 1962, 1968, 1974 के चुनाव में डॉ वीरेंद्र स्वरूप में जीत हासिल की। 1980, 1986, 1992, 1998, 2004, 2010 में जगेंद्र स्वरूप ने विधान परिषद का प्रतिनिधित्व किया है। 2015 के उपचुनाव और 2017 के चुनाव में में बीजेपी के अरुण पाठक ने जीत हासिल की है।
Published on:
12 Jan 2023 11:05 am
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