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मदरसों में अब किए जा सकेंगे वोकेशनल कोर्स, खुलेंगे एनआईओएस सेंटर, छात्रों से नहीं लगेगी फीस

-मान्यता प्राप्त मदरसों में खुल सकते हैं एनआईओएस सेंटर-मदरसों में लोग हिंदी, अंग्रेजी, गणित आदि विषयों की भी कर सकेंगे निशुल्क पढ़ाई

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मदरसों में अब किए जा सकेंगे वोकेशनल कोर्स, खुलेंगे एनआईओएस सेंटर, छात्रों से नहीं लगेगी फीस

मदरसों में अब किए जा सकेंगे वोकेशनल कोर्स, खुलेंगे एनआईओएस सेंटर, छात्रों से नहीं लगेगी फीस

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
कानपुर. यूपी मदरसा बोर्ड (Madarsa Board) से मान्यता प्राप्त मदरसों में अब दि नेशनल स्कूल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (NIOS) सेंटर खोलने की योजना है, जल्द ही बच्चों को इसका लाभ मिल सकता है। इसके माध्यम से प्राइमरी, माध्यमिक, उच्च सहित वोकेशनल कोर्स (Voaction Course) भी किए जा सकते हैं। मदरसों को रजिस्ट्रेशन शुल्क से मुक्त रखा गया है। वहीं छात्रों को भी मदरसों में फीस नहीं देनी होगी। दरअसल जो बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं या जो बच्चे बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते हैं। ऐसे बच्चों को शिक्षा दिलाने का स्रोत एनआईओएस है, जो एक केंद्रीय संस्था है। मदरसों में मुख्य रूप से दीनी तालीम देने की वजह से बच्चे अंग्रेजी, हिंदी, मैथ्स आदि विषय नहीं पढ़ पाते हैं।

एनआईओएस सेंटर में आवेदन के लिए सिर्फ उन्हीं मदरसों को छूट है, जो अपने राज्यों के मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त हैं। अगर मदरसों में एनआईओएस सेंटर की स्थापना की जाती है तो इसमें पढ़ने वाले छात्रों को शुल्क से छूट दी जाती है। यदि छात्र अपने मदरसे के द्वारा कोई भी कोर्स करेंगे तो छात्रों से उसका कोई शुल्क नहीं लगेगा। बताया गया कि अगर मान्यता प्राप्त मदरसे एनआईओएस में पंजीकरण के लिए आवेदन करते हैं और मूलभूत सुविधाएं जुटा लेते हैं तो एनआईओएस मदरसा को प्रत्यायन देगा। यह एक तरह की संबद्धता है।

आपको बता दें कि एनआईओएस से मिलने वाले प्रमाणपत्र देश भर में मान्य हैं। एनआईओएस में प्राथमिक, माध्यमिक और व्यावसायिक कोर्स आदि किए जा सकते हैं। इससे मदरसा छात्रों की शिक्षा का स्तर बढ़ जाएगा। जमीअत उलमा-ए-हिंद अपने मदरसों को एनआईओएस से एक्रीडिटेशन कराने की तैयारी कर रही है। साथ ही एनआईओएस प्रदेश से मान्यता प्राप्त बोर्डों के अलावा दारुल उलूम से संबद्ध मदरसों को भी इसका लाभ देगा। नगर महासचिव मौलाना अमीनुल हक अब्दुल्लाह कासिमी ने बताया कि एनआईओएस के साथ मदरसों में पढ़ रहे बच्चों की पढ़ाई का स्तर बढ़ाया जाएगा ताकि उन्हें रोजगार मिल सके।