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दूर-दूर तक नहीं दिख रहे बादल, महिलाओं ने खेत में चलाया हल

बारिश के लिए टोने-टुटके का दौर शुरू, चौबेपुर में दो घंटे तक खेतों में महिलाआनें दौड़ाया हल

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women in a Chobepur in perform pooja on plow while praying for rain

दूर-दूर तक नहीं दिख रहे बादल, महिलाओं ने खेत में चलाया हल

कानपुर। आसमान से बरस रही आग और उससे तप रही धरती और उस पर धान की बोवनी बिना बारिश के सूख रही है तो किसान भी भोर पहर से लेकर देररात तक आसमान में टकटकी लगाए है। इंद्रदेवता को प्रसन्न करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में टोने टोकटा करने का दौर भी शुरू हो गया है। इसी के तहत मंगलवार को चौबपुर में महिलाओं ने बारिश के लिए खेतों में हल चलाया। महिला मममा देवी ने बताया कि धान की खेती का समय आ गया है, पर अभी बादल दूर-दूर तक नजर नहीं आए। बारिश नहीं होने से धान सहित अन्य फसलों की बोवनी नहीं हो पा रही है। पंडित जी ने बताया था कि अगर तुम खेत में हल चलाओगी तो सौ फीसदी बारिश होगी।
चौबेपुर में महिलाओं ने थामा हल
अंधविश्वास से सराबोर अजीब तरह का यह चौबेपुर में देखने को मिला। यहां महिलाओं की टोली जब खेत पर पहुंची तो इलाका सुनसान था। महिलाओं ने हल का जुआ कंधों पर रखकर खेत जोतना शुरू किया। करीब दोघंटे तक यह दौर चला। वहीं पुरूष और युवा भी बारिश के लिए टोने-ठोटके करते हुए नजर आए। पुरूष और बच्चों ने शरीर से कपड़ा उतार कर जमीन पर लेट गए। इस दौरान लोग उनके शरीर पर पानी उड़ेलते रहे और इंद्रदेवता को प्रसन्न करने के लिए धार्मिक गीत गाए। ममता ने बताया कि हमारे पूर्वज बताया करते थे कि अगर महिलाएं खेत में हल चलाती हैं तो बारिश होना तय हैं। क्योंकि महिलाओं द्वारा खेत में हल चलाकर इंद्रदेव को चुनौती दी जाती है। टोटका उसी स्थिति में पूरा होता है जब हल चलाती महिलाओं को इलाके में कोई पुरुष सदस्य नहीं देख पाए।
तो हो जाएंगे बर्बाद
किसानों ने बताया कि डेढ़ दशक से बारिश की विकराल समस्या उत्पन्न हो गई है। बारिश के मौसम में भी बादल दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहे। जून माह निकलने को है, लेकिन हमारे कदम खेतों में नहीं परे। पहली बारिश होने के बाद हमलोग खेतों को जोतकर धान, मूंग उरद और तिल की बुवाई शुरू देंगे। पिछले साल भी बारिश जुलाई के माह में शुरू हुई और सितंबर के बाद बादल पूरे साल नहीं दिखाई दिए। जिसके कारण सूखा पड़ गया। कानपुर में सूखे के चलते दर्जनभर से ज्यादा किसानों ने खुदकुशी कर ली। किसान रामऔतार ने बताया कि बारिश के लिए महिलाओं ने हल चलता तो पुरूषों ने नग्न बदल होकर पानी में लोटे।
वैज्ञानिक बोले, जल्द बरसेंगे मेघा
मौसम विज्ञानियों ने कानपुर के साथ ही यूपी के कई जिलों में जून के आखरी सप्ताह में झमाझम बरसात का दावा किया था लेकिन पूरा माह निकलने को है, पर बादल नजर नहीं आए। मौसम वैज्ञानिक अनुरूद्ध दुबे ने बताया कि मानसून 27 जून के बाद यूपी में दस्तक देगा और इस वर्ष अच्डी बरसात की संभावना है। डॉक्टर दुबे ने बताया कि बारिश नहीं होने से सर्वाधिक नुकसान धान की फसल को होगा। किसानों को पौध डालने में भी सिंचाई के निजी संसाधनों का इस्तेमाल करना पड़ा है। पौध तैयार है लेकिन रोपाई तब तक नहीं की जा सकती जब तक कि खेत में पानी की कमी हो।