
कानपुर। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपना एक साल का कार्यकाल पूरा कर लिया। इन 365 दिनों में कई फेसले लिए गए, जिनमें कुछ का असर जमीन पर दिखा तो कुछ अफसरशाही के चलते कागजों पर दौड़े। लेकिन सीएम की रेड के कारण भूमि, नकल और राशन माफियाओं ने प्रदेश छोड़कर फुर्र हो गए। बोर्ड परीक्षाओं में जहां करीब पंद्रह लाख से ज्यादा परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ी तो विश्वविद्यालयों में यह आंकडज्ञ 25 हजार के पार हो गया है। कानपुर नगर की करीब 15 सौ राशन दुकानों से अब गरीबों को आनाज मिल रहा है। पहले उपभोक्ता आएदिन शिकायत लेकर डीएम, डीएसओ और जनप्रतिनिधियों के पास जाते थे, पर पिछले छह माह में सार्वजनिक वितरण प्रणाली विभाग में महज चार फीसदी शिकायतें आई हैं। वहीं भूमाफिया भी सीएम योगी के खौफ के चलते अंडरग्राउंड हो गए हैं और जिन्होंने जबरन कब्जे किए उन पर छह सौ से ज्यादा लोगों के खिलाफ केडीए सहित अन्य विभागों ने एफआईआर दर्ज कराई है।
15 लाख से ज्यादा छात्रों ने छोड़ी परीक्षा
सीएम की रेड के चलते बोर्ड परीक्षा से करीब 15 लाख परीक्षार्थियों ने कदम पीछे खींच लिए हैं। आंकड़ों के मुताबिक, 66 लाख से अधिक छात्रों में से 15 फीसदी से ज्यादा बच्चों ने सिर्फ चार दिनों में परीक्षा छोड दी थी। परीक्षा के पहले दिन ही करीब 1 लाख 80 हजार बच्चों ने परीक्षा छोड़ दी थी, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड माना जा रहा है। बोर्ड के इतिहास में अभी तक परीक्षा छोड़ने वालों की संख्या 2016 में दर्ज की गई, जब 6.4 लाख से अधिक छात्रों ने परीक्षा छोड़ दी थी। यहां तक कि 1991 और 1992 में, जब वर्तमान में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश में शिक्षा मंत्री थे और उन्होंने नकल विरोधी अध्यादेश शुरू किया था। उन दिनों ड्रॉपआउट संख्या 1.3 लाख से 1.6 लाख थी। डीएबी कॉलेज के प्रिसिपल डौक्टर अमित कुमार ने कहा कि नकल के चलते छात्रों का भविष्य चौपट हो रहा था, पर इस साल नकल नहीं होने से मेधावी छात्रों अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
25 हजार छात्रों ने यहां भी छोडी परीक्षा
उत्तर प्रदेश की सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी बोर्ड के बाद विश्वविद्यालयों के एग्जाम में नजर अड़ा दी है और उनकी रेड के खौफ के चलते नकलचली एग्जाम छोड़ रहे हैं। सूबे के 14 जिलों के कालेजों में सीएसजेएम यूनीवर्सिटी, कानपुर की परीक्षाऐं चल रही हैं और अब तक परीक्षा ड्राप आउट करने वाले छात्रों का ऑकड़ा 25 हजार को पार कर चुका है। कानपुर विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार हुआ है। अब तक 25 हजार छात्र परीक्षा छोड़ चुके हैं। कानपुर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार संजय कुमार का कहना है की ऐसा नजारा पहली बार देखने को मिल रहा है। इसके पीछे नकल विहीन परीक्षा भी एक वजह है। नकल रोकने के लिये सभी परीक्षा केन्द्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं और पुलिस व प्रशसन के साथ् साथ फ्लाइंग स्कवायड एग्जाम सेंटर पर सघन चेकिंग कर रहा है। बताया, सीएसजेएम यूनीवर्सिटी ने चैदह जिलों में छह सौ परीक्षा केन्द्र बनाये हैं जहॉ स्नातक और परास्तानक की परीक्षाऐं चल रही हैं। लगभग ढाई लाख परीक्षार्थी इस बार परीक्षा दे रहे हैं।
गायब हो गए कालाबाजारी
केंद्र सरकार ने गरीबों की थाली में दो रोटी पहुंचाने के लिए सार्वजनिक प्रणाली के जरिए राशन की व्यवस्था की। लेकिन इस योजना पर माफियाओं की नजर अड़ा दी। सरकारी राशन की दुकानों की राशन माफियाओं के गोदामों में जाने लगे। जनप्रतिनिधि और सरकारी बाबुओं को मिलाकर राशन बिक्रेता गरीबों के अनाज से अपनी तिजोरी भरी। राशन व्यवस्था की बदहाली पर सुप्रीम कोर्ट ने भी राज्य सरकार को फटकार लगाई, बावजूद माफियाओं ने सरकारी गोदामों और केरोसिन के थोक दुकानदारों से नहीं हटे। योगी सरकार सत्ता में आने के बाद कुछ हद तक राशन माफियाओं पर शिकंजा सका। कानपुर नगर की करीब 15 सौ दुकानों में मशीनें लगवाई गई, जिनके चलते राशन बिक्रेता के अरमानों में पानी फिर गया। समाजसेवी राजेंद्र खरे कहते हैं कि हमारे वार्ड में आज से एक साल पहले कभी-कभार दुकानदार राशन गरीबों को देता था, पर अब हर माह समय से गरीबों का हक मिल रहा है।
भूमाफिया हुए अंडरग्राउंड
प्रदेश सरकार की भूमाफियाओं के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम अब कानपुर में भी रंग लाने लगी है। जिसके तहत यहां पर करीब छह सौ भूमाफिया चिन्हित किये गये हैं। जो सरकारी जमीनों पर व किसी गरीब की जमीन पर अवैध कब्जा कर रखे हैं। तो वहीं 34 राजस्व विभाग की जमीन पर कब्जा दबाए बैठे भूमाफियाओं के नाम सामने आए हैं, जिनके खिलाफ राजस्व विभाग ने मुकदमा दर्ज कराया है। केडीए ने कानपुर में अगस्त 2017 में 130 भूमाफियाओं को चिन्हित किया था। 34 के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई। साथ ही दर्जनभर इनारतों को शील किया। सीएम की रेड के चलते पिछले दो माह में भूमि कब्जा के मामले तहसील दिवस और थानों में नहीं पहुंचे। भाजपा नगर अध्यक्ष सुरेंद्र मेथानी ने कहा कि बिगड़ी व्यवस्था को ठीक करने में समय लगता है। पर योगी सरकार सरकारी सिस्टम को पूरी तरह से ठीक कर देगी और जो सुधरने को तैयार नहीं होंगे, उन्हें जेल भेजेगी।
Published on:
22 Mar 2018 01:39 pm
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