
youth not showing no intrest in aam admi party
विकास वाजपेयी
कानपुर – कभी शहर के सम्भ्रान्त और
भष्टाचार के विरोधी लोगों के बीच एक आशा की किरण बन कर उभरी आम आदमी पार्टी से नये
क्या पुराने लोगो का भरोषा भी डिगने लगा है।
कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में जगह न
मिलने और दोनो से ऊब चुके लोगो ने कानपुर शहर में आम आदमी पार्टी को एकदम से सिर
पर उठा रखा था लेकिन अरविन्द केजरीवाल और उनकी टीम से अब शहर के लोगो का भरोषा
उठने लगा है।
संदीप कुमार प्रकरण से लोगो में निराशा
दिल्ली में अन्ना हजारे के आन्दोलन से
आस्तित्व में आयी आम आदमी पार्टी से आम लोगो को राजनीति में काफी भरोषा पैदा हुआ
था लेकिन रोज दिल्ली सरकार के झगड़े और अरविन्द केजरीवाल की टीम पर लग रहे
अनैतिकता के आरोपो ने आम आदमी खास कर युवा वर्ग को निराश किया है।
हाल ही में संदीप कुमार के सेक्स केस में
फसने के बाद से सोशल मीड़िया में जिस तरह आम आदमी पार्टी की नैतिकता का मजाक
उड़ाया है उससे भी शहर के लोगो को निराशा हाथ लग रही है।
समाजिक संगठन के तहत काम करने वाले संदीप
दीक्षित का कहना है कि आप से जुड़ाव पर अब पछतावा होने लगा है और आरविन्द केजरीवाल
की रणनीति से भी आम आदमी और सोशल मीडिया में पार्टी के कार्यकर्ताओ को अपमान झेलना
पड़ रहा है।
राजनीतिक अनुभव की कमी
आम आदमी पार्टी में मौजूद अधिक्तर लोगो के
गैर राजनीतिक होने से शहर में पार्टी की कोई रणनीति नहीं तैयार हो पा रही है।
हलांकि जिस तरह से आम आदमी पार्टी से शहर के आरटीआई एक्टीविस्ट जुड़े थे उन पर भी
आरोपो की बौछार से आम आदमी पार्टी की दिक्कते बढ़ी है।
यही नहीं शहर में आम आदमी पार्टी से जुड़े
कई आरटीआई एक्टीविस्टों पर भ्रष्टाचार को बड़ावा देने का ऐरोप लगने लगा है।
हाल ही में पार्टी ने ऐसे ही एक
एक्टीविस्ट को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया है जिस पर आरटीआई के माध्यम से
ब्लैक मेल करने का आरोप लग रहा था।
रोजनीतिक लोगो को भी जोड़ने की तैयारी
शहर में पार्टी को सबसे ज्यादा समस्या गैर
राजनीतिक लोगो से पैदा हो रही है और साथ ही ऐसे लोग मीडिया में अपने अच्छे कामों
को जनता तक पहुंचाने में नाकाम रहे है।
हाल ही में कांग्रेस पार्टी से आये जुझारू
राजनीतिक मदन लाल भाटिया को पार्टी कुछ अहम जिम्मेदारी सौपने की तैयारी कर रही है।
मदन लाल भाटिया काफी लम्बे समय से कानपुर
नगर निगम में बतौर पार्षद भी चुनकर आते रहे है और भाषण के जरिये अपनी बात रखने में
भी सक्षम रहे है।
खुद मदन लाल भाटिया मानते है कि राजनीति
में आने पर सयम रखना सबसे ज्यादा जरूरी कदम है लेकिन गैर राजनीतिक लोगो को एक साथ
जोड़े रखना भी एक कला है।
आने वाले 2017 के विधान सभा चुनाव से पहले
आम आदमी पार्टी कई साफ सुथरे राजनीतिक व्यक्तियों को पार्टी में लोने की तैयारी कर
रही है।
विधान सभा चुनाव में हलांकि आम आदमी
पार्टी ने अभी तक अपनी रणनीति का खुलासा नहीं किया है लेकिन जिस तरह से आम आदमी का
पार्टी से भरोषा हटने लगा है उससे ये बात तो साफ है कि केवल सुचिता और भ्रष्टाचार
की बात करके लोगो को अपनी तरफ खीचने अब इस पार्टी के लिए इतना आसान नहीं होगा।
यहीं नहीं पार्टी को खुद के नोताओ पर लग
रहे आरोपो का हिसाब किताब भी जनता को देना पड़ेगा।
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