script4 साल में भी नहीं बनी 24 करोड़ की 16 किलोमीटर सड़क, आस्थाधाम की राह श्रद्धालुओं को दे रही है दर्द | 24 crore 16 km road not built even in 4 years | Patrika News

4 साल में भी नहीं बनी 24 करोड़ की 16 किलोमीटर सड़क, आस्थाधाम की राह श्रद्धालुओं को दे रही है दर्द

locationकरौलीPublished: Jul 22, 2021 03:57:59 pm

Submitted by:

Surendra

4 साल में भी नहीं बनी 24 करोड़ की 16 किलोमीटर सड़कआस्थाधाम की राह श्रद्धालुओं को दे रही है दर्दबीच राह में अटकते हैं वाहन
करौली जिले में प्रसिद्ध आस्थाधाम कैलादेवी की बदहाल सड़क कैलामाता के श्रद्धालुओं के लिए दर्द दे रही है। इस सड़क के निर्माण की धीमी चाल ऐसी है जिससे कछुआ भी शरमा जाए। वर्ष 2017 से इस सड़क का निर्माण कार्य चल रहा लेकिन 16 किलमोटर की यह सड़क अभी अधूरी है। सितम्बर 2017 में 24 करोड़ रुपए के ठेके की स्वीकृति के बाद काम शुरू हुआ था।

4 साल में भी नहीं बनी 24 करोड़ की 16 किलोमीटर सड़क, आस्थाधाम की राह श्रद्धालुओं को दे रही है दर्द

4 साल में भी नहीं बनी 24 करोड़ की 16 किलोमीटर सड़क, आस्थाधाम की राह श्रद्धालुओं को दे रही है दर्द

4 साल में भी नहीं बनी 24 करोड़ की 16 किलोमीटर सड़क
आस्थाधाम की राह श्रद्धालुओं को दे रही है दर्द
बीच राह में अटक जाते हैं वाहन

करौली जिले में प्रसिद्ध आस्थाधाम कैलादेवी की बदहाल सड़क कैलामाता के श्रद्धालुओं के लिए दर्द दे रही है। खास बात यह है कि इस सड़क के निर्माण की धीमी चाल ऐसी है जिससे कछुआ भी शरमा जाए। वर्ष 2017 से इस सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है लेकिन 16 किलमोटर लम्बाई की यह सड़क अभी भी अधूरी है।
गंगापुर मोड़ से कैलादेवी आस्थाधाम तक 16 किलोमीटर लम्बाई की सड़क को बनाने के लिए सितम्बर 2017 में 24 करोड़ रुपए के ठेके की स्वीकृति के बाद काम शुरू हुआ था। सड़क कार्य के बीच में क्षेत्रीय विधायक द्वारा घटीया काम की शिकायत करने पर यह काम कई महीनों के लिए बंद पड़ा रहा। इसके बाद से इस काम ने रफ्तार ही नहीं पकड़ी है जिससे यह काम 4 वर्ष बाद भी अधूरी स्थिति में है। इस स्थिति में निर्मित की हुई सड़क भी जगह-जगह से क्षतिग्रस्त होती जा रही है।
तत्कालीन भाजपा सरकार ने करौली में गंगापुरमोड़ से कैलादेवी आस्थाधाम तक की सड़क को मॉडल सड़क के रूप में बनाने की घोषणा की थी लेकिन इस सड़क की खस्ता हालत के चलते इसकी सूरत किसी को दिखाने लायक भी नहीं। बरसाती दिनों में इस जर्जर सड़क के बीच में जगह- जगह बारिश के पानी के भराव के कारण सड़क दरिया बन गई है। कई स्थानों पर मिट्टी और पानी के कारण दलदल की स्थिति हुई है। इस कारण से आस्थाधाम आने वाले यात्रियों के वाहन रोजाना दलदल में धंस जाते हैं या जलभराव के बीच अटक जाते हैं।
ग्रामीणों की मदद से वाहनों को दूसरे वाहनों से टोचन कर निकालना पड़ता है। जलभराव और कीचड़ के कारण राहगीरों और दुपहिया वाहन चालकों का न केवल निकलना मुश्किल होता है बल्कि बड़े वाहन के गुजरने पर उनके कपड़े भी खराब होते हैं। कई चालक तो पानी में गिर ही पड़ते हैं। सबसे ज्यादा परेशानी उन महिलाओं को होती है, जो रोजाना अपनी स्कूटी से ड्यूटी करने इस रास्ते से निकलती है। उनको राह के बीच जलभराव में गिरने का औरर कपड़े खराब होने का डर सताता रहता है। ऐसे में राहगीरों और दुपहिया वाहन चालकों के यह सड़क मुसीबत भरी राह बन गई है।
चार स्थानों पर ज्यादा हाल खराब

गंगापुर मोड़ से कैलादेवी तक 4 स्थानों पर सड़क के हाल अधिक खराब हैं। रामपुर धावाई की सहकारी समिति के सामने सड़क में गड्ढ़े हो रहे हैं। इनमें पानी जमा होने से निकलना मुश्किल है। गांव मामचारी में बन रही सीसी सड़क का अधूरा निर्माण वाहनों के लिए हादसे का सबब है। यहां पर निर्माण की धीमी चाल के चलते एक तरफ की सीसी सड़क को पूरा नहीं किया गया है। इतना ही नहीं मशीनों को सड़क किनारे पर खड़ा कर रखा है। रात में सड़क दिखाई नहीं देती और दूसरी ओर वाहन चले जाते हैं। इससे कई बार दुपहिया वाहन चालक चोटिल हो चुके हैं। बड़े वाहन भी कई बार अधूरी सड़क में उतर कर गिर गए।
करसाई में दो स्थानों पर भी बदतर हालत है। महोली मोड़ के पास अधूरी सड़क में गड्ढ़े होने से रोजाना वाहन फंसते हैं। इसके अलावा करसाई में ही पानी की निकासी नहीं होने से गुर्जर बस्ती से लेकर सरकारी स्कूल तक सड़क पानी से लबालब भरी है। ऐसे में सड़क लोगों के लिए मुसीबत बन गई है। सड़क पर निकलने के लिए मन में जोखिम उठाने की सोच लेना पड़ता है।

शिथिलता पर खामोशी
आरोप है कि सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों की इस सड़क को पूरा कराने में शिथिलता रही है। जबकि सम्बन्धित ठेकेदार में लेटलतीफी करते हुए पूरी मनमानी बरती है। सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारी अधूरी सड़क की समस्या को ठेकेदार पर टाल देते हैं तो ठेकेदार कराए गए काम का भुगतान नहीं मिलने की शिकायत करता है। असल में 4 साल में इस सड़क के निर्माण की लागत भी बढ़ गई है। कहा जा रहा है कि इस कारण ठेकेदार की रुचि इस काम में नहीं रही है। आधे-अधूरे काम का खामियाजा उन हजारों श्रद्धालुओं को भोगना पड़ रहा है जो कैलामाता के दर्शन करने को आते हैं। इस मार्ग से जिले अधिकारी और जनप्रतिनिधि भी निकलते हैं लेकिन फिर भी उनको ये समस्या नजर नहीं आती है।
इनका कहना है…………

कोरोना के कारण भी कार्य काफी समय बंद हो गया था। अब फिर से काम शुरू करा दिया है। अतेवा गांव से कार्य शुरू किया गया है। अतेवा गांव में लगभग 300 मीटर का टुकड़ा बीच में रह गया था, जिसे अब पूरा कराया जा रहा है। साथ ही अगले महिनों में सड़क का कार्य पूरा हो जाएगा।
हरिनारायण मीना, अधिशासी अभियंता, करौली

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