अभी तक करौली जिले में 13 बांधों की देखरेख रहे जल संसाधन विभाग को अब 55 बांधों की देखरेख करनी होगी। यानि जल संसाधन विभाग के अधीन अब जिले में 55 बांध हो गए हैं। ऐसे में जहां एक ओर विभाग की जिम्मेदार बढ़ गई है, वहीं दूसरी ओर वर्षों से समुचित सार-संभाल के अभाव में बदहाल हो रहे बांधों के संरक्षण की उम्मीद बंधी हैं।
असल में राज्य सरकार ने पिछले दिनों एक निर्णय करते हुए पंचायती राज विभाग के अधीन आने वाले बांधों को फिर से जल संसाधन विभाग को सौंपने का निर्णय किया है, जिसकी पालना में करौली जिले में 42 बांध-तालाबों को जल संसाधन विभाग को हस्तांतरित किया जा चुका है। पहले जल संसाधन विभाग के पास जिलेभर में कुल 13 बांध थे, जिनकी संख्या बढ़कर अब 55 हो गई है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि इन बांधों की समुचित सार-संभाल हो सकेगी।
पंचायती राज विभाग से जो बांध जल संसाधन विभाग को हस्तांतरित किए गए हैं, वे सभी लघु श्रेणी के हैं। ये सभी बांध पहले जल संसाधन विभाग के ही अधीन थे, जिन्हें वर्ष 2001 और 2003 में पंचायती राज विभाग को सौंप दिया गया था, लेकिन अब सरकार ने इन्हें वापस जल संसाधन विभाग को सौंपा है। सूत्रों के अनुसार 80 हैक्टेयर क्षेत्रफल की सिंचाई वाले 16 बांधों को वर्ष 2001 में तथा 80 हैक्टेयर से 300 हैक्टेयर क्षेत्रफल सिंचाई वाले बांधों को वर्ष 2003 में पंचायती राज विभाग को सौंपा गया था।
पंचायत समिति करौली के डफलपुरा, मासलपुर के रतियापुरा, सपोटरा के धावली, अपरडाबरा, लोवरडाबरा, दौलतपुरा, कल्याणपुरा, मरमदा, कुड़ावदा, मण्डरायल के रानीपुरा, जैरदा, मारेकाकुआं, हिण्डौन का जलसेन तालाब, नादौती का रायसना, भीटकी, जादौलाब शामिल हैं।
हिण्डौन का जटवाड़ा, क्यारदा, मासलपुर का मदनपुर, मदनसागर, करौली का अतेवा, मासलपुर का रूधपुरा, दोरिनकाताल, नादौती का रामसागर, सिंगोलाव, गुमानसागर, नया तालाब कैमा, रौशी, होदाहेली, तालुका, नाजिमवाला कुंजैला, सपोटरा का मण्डावरा, नैनिया की गुवारी, पिडिया शेखपुर, बालौती, राहिर बनीजरा, खेड़ा, मण्डरायल का मरौना, टोडाभीम का ओल्ड टेंक महस्वा, राजौली, अनन्तपुरा तथा बौल शामिल हैं।
Published on:
16 Jun 2025 01:54 pm