हिण्डौनसिटी. शहर की सड़कों पर पशुओं का जमावड़ा लोगों के लिए परेशानी का सबब बना है। मुय मार्ग सहित चौराहों व बाजार में घूमते पशु कभी भी बिदक कर मुसीबत बन जाते हैं। सड़क पर पशुओं की वजह से आए दिन अनेक लोग घायल हो रहे हैं। बावजूद इसके पशुओं से निजात दिलाने के प्रति जिमेदार गंभीर नहीं हैं।
शहर के बीच से निकल रहे करौली-महवा मार्ग में गोशाला से लेकर के 220 केवी जीएसएस तक सड़क पर जानवरों का जमावड़ा रहता है। इनमें सर्वाधिक बेसहारा गोवंश है। चौपड़ सर्किल के पास, बयाना मोड, नई मंडी चौकी, श्री राम मंदिर, 220 केवी चौराहा, मण्डावरा रोड, करौली-महुआ बाइपास रोड पर सडक़ों पर बेसहारा पशु झुण्ड के रूप में बैठे रहते हैं। इनके परस्पर लड़ने से राहगीरों में हड़कंप की सी स्थिति बन जाती है। अधिकांश मार्गों पर पशुओं का जमावड़ा होने से हर वक्त दुर्घटना होने की आशंका रहने लगी है। मवेशियों के अचानक बिदककर सामने आने से वाहन चालक अपना नियंत्रण खो बैठते हैं और दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। कमोबेश ऐसी ही स्थिति कॉलोनियों में है, जहां चौराहा व नुक्कड़ पर बेसहारा गोवंश का जमावड़ा रहता है। गोवंश के बाजारों तक पहुंचने से भीड़ भरे इलाकों में भी टक्कर मारने की आशंका का लोगों में भय बन जाता है।
शहर के मुय मार्गों पर बेसहारा गोवंश के झुण्ड बैठे रहने से दुर्घटना की आशंका रहती है। रात के समय दूर से नजर नहीं आने से वाहन चालक टकराने से बाल-बाल बच पाते हैं। इसके लिए जवाबदेह महकमों को इनका अन्यत्र समुचित प्रबंध करना चाहिए।
भीमसिंह, उद्यमी हिण्डौनसिटी
सड़क पर बैठे बेसहारा गोवंश के एकाएक उठकर चल पड़ने से वाहनों को तत्परता से बचाना पड़ता है। कई बार तेज गति में अनियंत्रित होने से बाइक गिर जाती है। या फिर दूसरे वाहन से टकरा जाती है। बीच सड़क में पशुओं का बैठना कभी भी दुर्घटना का सबब बन सकता है।
अंकित बंसल, दुकानदार हिण्डौनसिटी
सड़कों पर बेसहारा गोवंश के जमावड़े से आवाजाही के दौरान मन में एक डर सा बना रहता है। नंदी या अन्य आवारा पशु न जाने कब बिदक जाए। कई बार तो सड़क पर बैठे झुण्ड को देख कर कई बार सुरक्षित स्थान पर रुकना पड़ता है।
राधेश्याम शर्मा, वरिष्ठ नागरिक हिण्डौनसिटी
बेसहारा गोवंश का सड़क से लेकर सब्जी मंडी तक जमावड़ा रहता है। सब्जी आदि खरीदारी के दौरान सांड़ के आने थैला झपटने की आशंका रहती है। बाजार में भीड़ और बाइक खड़े रहने से बचने के लिए पर्याप्त जगह नहीं होने से डर की सी स्थिति बन जाती है। कमोबेश यहीं स्थिति मंदिर जाते समय बनती है।
भावना गर्ग, गृहिणी हिण्डौनसिटी
जिमेदार नहीं दे रहे ध्यान