हिण्डौनसिटी. एक माह से अधिक की देरी से शुरू हुई समर्थन मूल्य की खरीद में अब फसल बेचना करने वाले किसानों को भुगतान का इंतजार करना पड़ रहा है। 11 दिन में कृषि उपज मंडी में राजफैड के खरीद केद्र पर हिण्डौन क्रय विक्रय सहकारी समिति ने किसानों से एक करोड़ 17 लाख रुपए से अधिक की सरसों व चना की खरीद कर कर ली है। लेकिन फसल के बेचान के 10 दिन बाद भी किसानों को भुगतान नहीं मिला है।
प्रदेश के एक अप्रेल के शुरू हुई समर्थन मूल्य की खरीद प्रांरभ हो गई थी। लेकिन राजफैड़ की ओर से हिण्डौन के 5 मई से कैलाश स्थित कृषि उपज मंडी खरीद केंद्र शुरू किया था। खुले बाजार के भाव से समर्थन मूल्य अधिक होनेे से पहले दिन सरसों के एक हजार कट्टों से सरसों की तुलाई का श्री गणेश हुुआ। खरीदकेंद्र शुरू होने के साथ फसल बेचान के लिए किसानों के पंजीयन का ग्राफ भी बढ़ गया। हिण्डौन केवीएसएस के सूत्रों के अनुसार 5 मई से से 16 मई तक कृषि उपज मंडी के खरीद केंद्र पर 150 किसानों से 4145 कट्टा यानी के 2072 क्विंटल सरसों की खरीद की गई। सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य 5450 रुपए के अनुसार किसान एक करोड 12 लाख 92 हजार रुपए की सरसों का बेचान कर चुके हैं। इस प्रकार केवीएसएस ने किसानों से 90 क्विंटल चना की खरीद की है। जिसकी समर्थन मूल्य 5335 रुपए के अनुसान 5 लाख 28 रुपए की कीमत होती है।
पंंजीयन की कतार, तुलाई की धीमी रफ्तार-
हिण्डौन में समर्थन मूल्य पर सरसों व चना की फसल बेचने के लिए किसानों के पंजीयन का आंकड़ा 744 को पार कर गया है। लेकिन खरीद केन्द्र मात्र 92 किसानों की फसल की तुलाई हो सकी है। सूत्रों के अनुसार राजफैड के पोर्टल से प्रति दिन 10-15 किसानों को फसल तुलाई को तिथी दी जा रही है। ऐसे में 650 से अधिक किसानों को तुलाई का इंतजार है।
इनका कहना है
समर्थन मूल्य के खरीद केंद्र पर फसलों की दैनिक खरीद को ऑनलाइन सत्यापित किया जा रहा है। राजफैड द्वारा के जल्द की फसल बेचान की राशि किसानों के खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
सुरेंद्र कुमार शर्मा, प्रभारी
समर्थन मूल्य खरीद केंद्र कृषि उपज मंडी, हिण्डौनसिटी.