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सरकार ने खूब दीं सौंगात, साकार होने की है धीमी रफ्तार

Government gave a lot of gifts, slow pace of realization गत बजट घोषणाएं है अभी आधी-आधूरी

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सरकार ने खूब दीं सौंगात, साकार होने की है धीमी रफ्तार

सरकार ने खूब दीं सौंगात, साकार होने की है धीमी रफ्तार

हिण्डौनसिटी.

हिण्डौनसिटी. राÓय सरकार ने चौथे बजट में जनसुविधाओं और विकास के लिए सौगातों की हैट्रिक लगा दी। लेकिन पिछले तीन बजटों की घोषणाएं क्रियान्वयन की धीमी रफ्तार से पूर्णता पर नहीं पहुंची है। हिण्डौन जिला चिकित्सालय में दर्जे के अनुरूप न तो चिकित्सकों का पदस्थापन हुआ है। न ही कन्या महाविद्यालय में स्टाफ मिला है। पूरा एक वर्ष बीतने के बाद भी घोषणाएं आधी-अधूरी ही साकार हो पाई हंै। क्रियान्वति की यही चाल रही तो गत दिवस एक साथ मिली तीन सौगातों को साकार होने के लिए लम्बा इंतजार करना पड़ सकता है।
वर्ष 2018 में सत्ता में आई कांग्रेस सरकार पहले बजट 2019 में राजकीय चिकित्सालय में 25 पलंगों का इजाफा किया। साथ ही सूरौठ उपतहसील को तहसील में क्रमोन्नत किया। इसी वर्ष में श्रीमहावीरजी को पंचायत समिति बनाया गया। वर्ष 2020 के बजट में भी हिण्डौन चिकित्सालय में 25 पलंगों का इजाफा किया गया। साथ ही क्षेत्र के सड़क दुर्घटनाओं के लिहाल से ट्रोमा सेंटर खोलने की घोषणा की गई। वर्ष 2021 में तीसरे बजट में सरकार ने शहर में जिला चिकित्सालय व कन्या महाविद्यालय की दोहरी सौगात दी। वहीं बुधवार को विधानसभा में पेश किए राÓय के चौथे बजट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिला चिकित्सालय में ब्लड बैंक, खेल स्टेडियम और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय की घोषणा कर एक़ से डेढ़ दशक पुरानी तीनों मांगों को एक साथ पूरा कर दिया।


गत बजट घोषणाओं का ये है हाल

श्रीमहावीरजी पंचायत समिति को भवन का इंतजार
राÓय सरकार वर्ष 2019 के बजट में हिण्डौन से प्रथक कर पंचायत समिति सृजित की गई। तीन वर्ष बाद भी पंचायत समिति कार्यालय के लिए भवन नहीं बन सका है। तहसील कार्यालय भवन की पहली मंजिल पर अस्थाई तौर पर पंचायत समिति कार्यालय संचालित है। जमीन आवंटित होने के बावजूद भी अभी तक बजट की स्वीकृति नही हुई है जिसके कारण अभी तक पंचायत समिति के अनुभाग कार्यालयों के लिए पर्याप्त कक्षों का अभाव है।


जिला अस्पताल में चिकित्सकों के पद रिक्त
राÓय सरकार ने वर्ष 2021 के बजट में हिण्डौन के उपजिला चिकित्सालय को जिला चिकित्सालय में क्रमोन्नत किया। लेकिन एक वर्ष बाद दूसरा बजट पेश होने के बावजूद रोगियों को जिला चिकित्सालय स्तर की सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। चिकित्सालय में नवसृजित चिकित्सकों के 15 पद अभी रिक्त है। जिला चिकित्सालय में 57 के स्थान पर 42 चिकित्सक कार्यरत हैं। वहीं 2020 के बजट में स्वीकृत हुआ ट्रोमा सेंटर की दो वर्ष बाद भी ट्रोमा सेंटर खुलने की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई। गत वर्ष अगस्त माह में सरकार को घोषणाओं की प्रगति रिपोर्ट मांगी तो महवा रोड पर क्यारदा के पास जिला अस्पताल के साथ ही ट्रोमा सेंटर तय किया गया।


कन्या महाविद्यालय में नहीं लगे प्राध्यापक-
वर्ष 2021 की बजट घोषणा के तहत खुले राजकीय कन्या महाविद्यालय में स्वीकृत विषयों के प्राध्यापकों का पदस्थान नहीं हो सका है। महाविद्यालय का राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के अधीन संचालित किया जा रहा है। कन्या महाविद्यालय को स्नातकोत्तर महाविद्यालय परिसर में भूमि आवंटित हुई है। लेकिन भवन निर्माण की अभी शुरूआत नहीं हुई है। महाविद्यालय में 96 छात्राएं अध्ययनरत है। कन्या महाविद्यालय में एक मात्र प्रोफेसर पदस्थापित है।