scriptन सपनों की पटरी, न उम्मीदों का पुल; रेल को ताकते बूढ़ी हुईं आंखें, ये ही शहर अछूता है क्या जो कहीं और बगलें झांकें | indian railway project status in karauli rajasthan | Patrika News
करौली

न सपनों की पटरी, न उम्मीदों का पुल; रेल को ताकते बूढ़ी हुईं आंखें, ये ही शहर अछूता है क्या जो कहीं और बगलें झांकें

केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने चम्बल नदी पर ओवरब्रिज बनाने के लिए उम्मीदों के पुल तो बांध दिए, मगर…

करौलीMay 18, 2018 / 06:35 pm

Vijay ram

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big mistake of Indian Railway in hindi

करौली.
आजादी के बाद से ही करौली में रेल चलने का सपना पाले बैठीं आंखें अब बूढ़ी हो चली हैं, लेकिन यह ख्वाहिश अब तक अधूरी ही है।

वहीं केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने चम्बल नदी पर ओवरब्रिज बनाने के लिए उम्मीदों के पुल तो बांध दिए, लेकिन जिलेवासियों को आज भी दक्षिण के शहरों में जाने के लिए २०० किमी का फेरा लगाना पड़ रहा है।
दूरी कम करने के सपने भी हो रहे चकनाचूर
चुनावी वर्ष के बजट में मेडिकल कॉलेज खुलने की उम्मीदें भी धराशायी हो गईं। करीब ११ माह बाद फिर से जिले के दौरे पर आ रहीं मुख्यमंत्री से लोग उम्मीद पाले बैठे हैं कि नई सौगात भले ही न मिले, लेकिन अधरझूल में लटकी पुरानी योजनाओं को गति मिले।
नहीं बिछी पटरी
करीब आठ साल पहले नई रेल परियोजना को मंजूरी मिलने से जिले की खुशियों का पारावर न रहा, लेकिन यह खुशियां अब तक सपनों की पटरी नहीं बिछने से उदासी में बदल रही हैं। विभागीय उलझनों के बीच चलता हुआ काम रुक गया है। इसके लिए रेल विकास समिति लगातार रोष जता रही है। समिति उम्मीद जता रही है कि मुख्यमंत्री इसका कुछ हल निकालें, जिससे जिले के विकास को गति मिल सके।
पुल की नहीं शुरुआत
जिले से मध्यप्रदेश की सीमा में जाने के लिए चम्बल नदी पर पुल बनाने की वर्षों पुरानी मांग पर केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने ओवरब्रिज बनाने का वादा किया, लेकिन यह वादा अब तक हकीकत में नहीं बदला है। अभी नदी पर बने अस्थाई पुल से लोग पैदल सफर करते हैं। यह सफर लोगों के लिए काफी जोखिम भरा है। यदि इस पुल का निर्माण हो जाता है तो जिले के लोगों की मुम्बई या अन्य शहरों में जाने के लिए २०० से २५० किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी।
आंकड़ों में रेल की कहानी
६० साल के संघर्ष के बाद मिली मंजूरी
२०१०-११ में धौलपुर से सरमथुरा गेज कन्वर्जन एक्सटेंशन अप टू गंगापुरसिटी नाम से नई रेल परियोजना की स्वीकृति
१ फेज में धौलपुर से सरमथुरा तक गेज कन्वर्जन
२ फेज में सरमथुरा से गंगापुरसिटी तक विस्तार
२८ जून २०१३ को मिला पहला बजट
२१२.२३ करोड़ मिले गेज कन्वर्जन को
२०१४ में भूमि अवाप्ति प्रस्ताव राज्य सरकार को भिजवाकर उप मुख्य इंजीनियर धौलपुर एट ग्वालियर ने धौलपुर से मोहारी जंक्शन तक रेलवे की अपनी भूमि पर गेज कन्वर्जन का कार्यशुरू कराया।
१८ मार्च २०१६ को जिला कलक्टर धौलपुर ने चाहा राजस्व सचिव से मार्गदर्शन

फैक्ट फाइल
२०१६ अक्टूबर माह में की थी पुल बनाने की घोषणा
१७ अप्रेल २०१७ को मध्यप्रदेश सरकार ने दिया अनापत्ति प्रमाण पत्र
१५० करोड़ की डीपीआर सार्वजनिक निर्माण विभाग ने चम्बल नदी अटारघाट पर पुल निर्माण के लिए बनाई
२००-२५० किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर बचेगा
१५० किमी का फेर लगाना पड़ रहा है कि एमपी के मुरैना, शिवपुरी और सबलगढ़ जाने के लिए।
अध्यक्ष करौली आएंगे
करौली. राजस्थान राज्य भण्डार व्यवस्था निगम के अध्यक्ष जनार्दन सिंह गहलोत तीन दिवसीय यात्रा पर करौली आएंगे। निजी सहायक ने बताया कि अध्यक्ष 22 अप्रेल को करौली जिला मुख्यालय पर आयोजित आयुर्वेद हॉस्पिटल आचार्य कुलम एवं गौशाला के भूमि पूजन में भाग लेंगे।
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