डांग में चुनौती से कम नहीं पानी का जुगाड़, महिलाओं को पथरीली धरा पर करनी पड़ती भाग-दौड़
करणपुर. करौली जिले के डांग क्षेत्रों में कई इलाके ऐसे है, जहां जलसंकट की स्थिति देख लगता है कि आजादी के दशकों बाद भी यहां पेयजल सुगमता से उपलब्ध कराने के लिए कोई प्रयास नहीं हुए हैं। करौली जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर करणपुर इलाके के दौलतपुरा पंचायत के गांव पातीपुरा गुर्जर बस्ती के लोग आजादी के ७५ साल बाद भी पानी के लिए तरस रहे हैं। रोजमर्रा की जरूरत पूरी करने के लिए पानी की व्यवस्था करना उनके लिए हर दिन चुनौती से कम नहीं होता। सुबह उठते ही पानी के लिए महिला-पुरुषों को भागदौड़ करनी पड़ती है।
पानी के लिए जान जोखिम में : गांव पातीपुरा गुर्जर बस्ती में एक ही कुआं है। जिससे पूरे गांव के लोगों के लिए पानी की व्यवस्था होती है। ऐसे में इस कुएं पर रोजाना काफी भीड़ रहती है। कुएं पर एक बाल्टी पानी के लिए महिलाओं केा कई घंटे इंतजार करना पड़ता है। कुएं पर भीड़ के चलते महिलाओं को इंतजार करना पड़ता है। यहां की महिलाओं को एक बाल्टी पानी भरना किसी जंग को जीतने से कम नहीं है। कुएं की मुंडेर पर महिलाएं बैठे पानी भरने का इंतजार करती रहती है। कुआं भी काफी पुराना होने से जर्जर हो रहा है।
गर्मी में गहराया पेयजल संकट : डांग क्षेत्र के गांवों में भीषण गर्मी के दौरान पेयजल संकट गहरा गया है। पानी के लिए अन्य कोई स्रोत नहीं है।
तालाब की व्यवस्था है ना हैण्डपंपों का सहारा
हर घर नल योजना का लाभ मिलना तो अभी कोसों दूर लगता है। गांव के लोग पानी के लिए केवल हैण्डपंपों पर ही निर्भर है। पानी के लिए लोग रोजाना मशक्कत करते देखे जा सकते हैं। जिसमें काफी समय खर्च हो जाता है। महिलाएं पानी की व्यवस्था में अपने घर के कार्य भी समय पर नहीं निपटा पाती है। पानी की व्यवस्था में ही दिन गुजर जाता है। गांव में भारी पेयजल किल्लत के चलते लोगों के सामने पलायन करने की मजबूरी बनी हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि भूमिगत जलस्तर कम हो जाने से हैंडपंप नकारा हो गए हैं। ऐसे में भीषण गर्मी के चलते सपोटरा उपखंड क्षेत्र के कई गांवों में जलसंकट बना हुआ है। महिलाएं पानी भरने के लिए जान जोखिम में डालकर तेज धूप में डेढ़ किलोमीटर दूर तलहटी में पानी भरने के लिए जाती है।
गांव में कई दशकों से पानी की समस्या चल रही है। जिसका कोई स्थायी समाधान नहीं हो रहा है। हमने तीन साल के अन्तराल में डेढ़ दर्जन हैण्डपंप लगवाए हैं, लेकिन जलस्तर काफी नीचे चले जाने से उनमें पानी नहीं आता है।
चंदरी देवी, सरपंच ग्राम पंचायत दौलतपुरा