जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग के निर्देशन में एनआईसी करौली के सहयोग से ऑनलाइन व्यवस्था के तहत प्रत्येक किसान के खाते को ई-साइन किया गया है। सभी गांवों के नक्शे भी डिजिलाइजेशन किए हैं। इसका बड़ा फायदा किसान को यह मिलेगा कि वह जिस खसरे की नकल की जरुरत होगी, वह उसे प्राप्त कर सकेंगे। नकल की लिखावट के साथ ही नक्शा का भी प्रिंट होकर मिल सकेगा।
डीआईएलआरएमपी योजनान्तर्गत मण्डरायल तहसील को ऑनलाइन करने के लिए सेग्रिगेशन एवं मेप डिजिटाइजेशन का कार्य पूर्ण किया गया है। इस तहसील क्षेत्र के सभी राजस्व गांवों की ई-धरती एवं भू-नक्शा एरर रिपोर्ट को भी शून्य किया जा चुका है। एनआईसी करौली के तकनीकी निदेशक अनिल जैन ने बताया कि ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत यह सभी कार्य होने के बाद जमाबंदियों को एनआईसी जयपुर की ओर से प्राप्त सॉफ्टवेयर द्वारा लॉक करने की कार्रवाई भी की जा चुकी है। ऑनलाइन की गई मण्डरायल तहसील क्षेत्र में कुल 78 राजस्व गांव शामिल हैं। जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग के निर्देशन में एनआईसी करौली की ओर से ऑनलाइन की पूरी कार्रवाई की गई।
मासलपुर भी होगी शीघ्र
जिला प्रशासन की ओर से मासलपुर तहसील के राजस्व रिकार्ड को भी ऑनलाइन करने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। उम्मीद है कि आगामी कुछ दिनों में मासलपुर तहसील भी ऑनलाइन हो जाएगी। इसके बाद सपोटरा और करौली तहसील ऑनलाइन से शेष रहेंगी।
इनका कहना है…………
डीआईएलआरएमपी योजनान्तर्गत मण्डरायल तहसील को ऑनलाइन कर दिया गया है। ऑनलाइन किए जाने के लिए अधिसूचना भी जारी हो गई है। तहसील के ऑनलाइन होने से अब कोई भी व्यक्ति-काश्तकारों को जमाबंदी, खसरा आदि रिकार्ड ऑनलाइन देख सकेंगे। इससे उन्हें सुविधा मिलेगी।
सिद्धार्थ सिहाग, जिला कलक्टर, करौली