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सरकार के इस आदेश से भड़के निजी विद्यालय संचालक, जताया विरोध

करौली. कक्षा एक से आठवीं तक बिना टीसी के प्रवेश के राज्य सरकार के आदेश के विरोध में सोमवार को निजी शिक्षण संस्था संचालकों का गुस्सा फूटा।

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सरकार के इस आदेश से भड़के निजी विद्यालय संचालक, जताया विरोध

सरकार के इस आदेश से भड़के निजी विद्यालय संचालक, जताया विरोध

करौली. कक्षा एक से आठवीं तक बिना टीसी के प्रवेश के राज्य सरकार के आदेश के विरोध में सोमवार को निजी शिक्षण संस्था संचालकों का गुस्सा फूटा। निजी शिक्षण संस्थान संचालकों ने सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करते हुए आदेशों को स्थगित करने की मांग की। इसके अलावा अन्य मांगों को लेकर भी निजी शिक्षण संस्थान संघ करौली की ओर से मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।

संघ के करौली ब्लॉक अध्यक्ष कमल गौतम के नेतृत्व में कलक्ट्रेट पहुंचे निजी शिक्षण संस्था संचालकों ने राज्य सरकार के खिलाफ कलक्ट्रेट परिसर में विरोध-प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि कक्षा एक से आठवीं तक बिना टीसी के अस्थायी प्रवेश का आदेश दिया गया है, जो गैर सरकारी विद्यालयों में हित में नहीं है। इस आदेश के तहत कोई भी विद्यार्थी विद्यालय की टीसी एवं बकाया शुल्क जमा कराए बिना अन्य विद्यालय में प्रवेश ले लेगा जो कि अनुचित है। इस आदेश को स्थगित किया जाना चाहिए।

निजी विद्यालय संचालकों ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान सभी निजी विद्यालयों में लम्बे समय तक अवकाश होने के कारण शहरी-ग्रामीण सभी विद्यालय संचालकों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। विभाग द्वारा सभी विद्यालयों में आरटीई पोर्टल पर ऑनलाइन अध्ययन का विवरण मांगा है, जबकि विभाग द्वारा स्माइल 1 और स्माइल 2 के माध्यम से पढ़ाई करवाई गई है और इसी आधार पर बच्चों को विभाग द्वारा क्रमोन्नत किया गया है, तो ऑनलाइन विवरण के साथ ऑफलाइन का विवरण भी डाला जावे, जिससे लघु एवं मध्यम वर्ग के विद्यालयों को पोर्टल भरने में परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।

उन्होंने कहा कि जिले में सभी प्रतिष्ठान और धार्मिक स्थल खुल गए है। अब विद्यालयों को भी खोला जाना चाहिए। विरोध-प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में उक्त मांगों के साथ अन्य मांगें भी की गई हैं। इसमें लघु एवं मध्यम वर्ग के विद्यालयों को सत्र 2020-21 ऑफलाइन पोर्टल चालू करने, विद्यालयों को मार्च से जून तक का बिजली बिल माफ करने, सत्र 2020-21 के दसवीं-बारहवीं बोर्ड शुल्क का पैसा विद्यालयों को वापस देने के साथ आईटीई पोर्टल पर ऑफलाइन विवरण चालू करने एवं निजी विद्यालयों को आर्थिक सहायता देने की मांग की गई है। इस दौरान विनोद शर्मा, धारासिंह माली, शिम्भूदयाल, रमेशचन्द शर्मा, रामनिवास शर्मा सहित अन्य निजी विद्यालय संचालक मौजूद थे।