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राजस्थान: जहां पीने के पानी के पड़े हैं लाले, वहां पानी को लेकर ही हुआ बवाल, पत्थरबाजी और फायरिंग से फैली दहशत

सूबे में ज्यादातर स्थानों पर पेयजल की व्यवस्था का बुरा हाल है। लोग हफ्तेभर में भी शुद्ध ताजा पानी नहीं जुटा पा रहे...

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करौली

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Vijay ram

Nov 01, 2018

राजस्थान: जहां पीने के पानी के पड़े हैं लाले, वहां पानी को लेकर ही हुआ बवाल, पत्थरबाजी और फायरिंग से फैली दहशत

राजस्थान: जहां पीने के पानी के पड़े हैं लाले, वहां पानी को लेकर ही हुआ बवाल, पत्थरबाजी और फायरिंग से फैली दहशत

करौली.
सूबे में ज्यादातर स्थानों पर पेयजल की व्यवस्था का बुरा हाल है। करौली के कई दर्जन गांवों में लोग हफ्तेभर में भी शुद्ध ताजा पानी नहीं जुटा पा रहे। इधर पानी को लेकर गोलियां चल गईं....

संवाद सूत्रों के अनुसार, टोडाभीम के तिघरिया (मोहन का पुरा) में देर शाम दो पक्षों में पानी को बंद करने को लेकर झगड़ा हो गया। पथराव हुआ और फिर फायरिंग हो गई। रास्ते से निकलने वाले पानी के इस झगड़े में 2 को हॉस्पीटल पहुंचाया गया।

झगड़े में एक पक्ष के गजराज सिंह ने बताया कि गांव के आम रास्ते से घरों से निकलने वाला गंदा पानी जाता है। इसको गांव के एक व्यक्ति ने बंद कर दिया है। रविवार सुबह उससे इस मामले को लेकर कहासुनी हो गई। शाम को रास्ता बंद करने वाला व्यक्ति अपने परिजनों के साथ हथियार लेकर गजराज के घर पहुंचा और पथराव करते हुए हमला कर दिया। इस दौरान दो आरोपियों ने बंदूक से फायर भी किए। इसमें गजराज सिंह (४२) पुत्र नंगूराम एवं पप्पूराम (३८) पुत्र रघुवीर सिंह घायल हो गए। दोनों घायलों का अस्पताल में उपचार चल रहा है। सूचना मिलने पर बालघाट थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई।

इधर, रीते बर्तनों के साथ महिलाओं ने बोला धावा
टोडाभीम उपखण्ड क्षेत्र की ग्राम पंचायत सांकरवाड़ा की बैरवा बस्ती में पेयजल समस्या को लेकर महिलाएं जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के सहायक अभियंता कार्यालय पहुंच गई। रीते बर्तन लेकर आई महिलाओं ने अभियंता के खिलाफ नारे लगाए। साथ ही मौके पर मौजूद कार्मिकों को खरीखोटी सुनाई।


महिलाओं ने बैरवा बस्ती में पेयजल सप्लाई करने वाले कर्मचारी पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए। साथ ही पाइप लाइन में ग्रामीणों के द्वारा अवैध कनेक्शन करने की शिकायत की।

महिलाओं ने दो दिन में पेयजल समस्या का समाधान नहीं होने पर सहायक अभियंता कार्यालय का घेराव करने की चेतावनी दी। महिलाओं ने बताया कि पेयजल के लिए दूसरे मौहल्लों में जाना पड़ता है।

पांच दिन से पानी की आपूर्ति कम
इलाके में गर्मी के साथ पेयजल समस्या भी पीछा नहीं छोड़ रही है। स्थिति यह है कि जलदाय अधिकारी-कर्मचारियों की लापरवाही के चलते कस्बे के लोग पांच दिन से नलों में पानी कम आने से परेशान हैं। पूर्व पंचायत समिति सदस्य हरकेश मीना ने बताया कि माली मोहल्ले, बस स्टैण्ड, मुख्य बाजार, झण्ड़ा चौराहा, न्यू कॉलोनी आदि में गत पांच दिनों से नलों में पर्याप्त जलापूर्ति नहीं हो रही है। इससे लोगों को पेयजल के लिए भटकना पड़ रहा है।

उपभोक्ताओं ने बताया कि विभाग के कार्मिकों द्वारा पांच दिन से नलों द्वारा थोड़ी देर पानी देकर बंद कर दिया जाता है। कस्बे में अधिकांश हैण्डपंप खराब हंै। लोगों को कई किमी दूर से निजी नलकूपों से या टैंकर मंगवाकर प्यास बुझानी पड़ रही है। ग्रामीणों ने जिला कलक्टर को पत्र भेजकर जलापूर्ति बहाल करवाने की मांग की है। इसी प्रकार ढहरिया गांव में भी पानी का संकट गहराया है। गांव में लाखों की पेयजल स्कीम की योजना होने के बाद भी लोगों को पेयजल नहीं मिल पा रहा है।

गंदा पानी पीने को मजबूर हैं लोग
गुढ़ाचन्द्रजी . ढहरिया पंचायत के उजिरना गांव में सैकड़ों लोग कुएं का गंदला पानी पीने को मजबूर हैं। इससे ग्रामीणों को चर्म रोग भी हो रहे हैं। ग्रामीण मुंशी राजपूत ने बताया कि जलदाय विभाग की करीब ३ करोड़ रुपए की पेयजल योजना भी लोगों की प्यास नहीं बुझा पा रही है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा ना तो पेयजल योजना से उन्हें जोड़ा गया है और ना ही टैंकर की व्यवस्था की गई है। मजबूरी में लोगों को एक कुंआ का गंदा पानी पीना पड़ रहा है। इस कु एं में पानी के कम पड़ जाने से पेंदे का गंदा पानी ही बचा है। इससे लोग खाज, खुजली, पेट दर्द सहित अन्य चर्म रोगों के शिकार हो रहे हैं। साथ ही मवेशियों को भी पानी के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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