ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के वित्तीय सलाहकार (ईजीएस) सिरमौर मीना की ओर से प्रदेश के जिलों की 10 जून से 18 जून तक के समयबद्ध टी+8 दिवस के भुगतान के आंकड़ों की जारी रिपोर्ट के अनुसार बीकानेर और उदयपुर जिले 50 फीसदी के अन्दर रहे हैं।
गौरतलब है कि मनरेगा के प्रावधानुसार एक पखवाड़े में श्रमिकों के खाते में भुगतान किया जाना होता है। पखवाड़ा समाप्ति के आठ दिवस में नरेगा सॉफ्ट पर विकास एवं कार्यक्रम अधिकारी द्वारा द्वितीय डिजिटल हस्ताक्षर करने होते हैं।
ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशानुसार एक से आठ दिवस में मस्टररोल फीडिंग, श्रमिक द्वारा किए गए माप अनुसार भुगतान योग्य राशि, वेज लिस्ट जनरेशन, एफटीओ पर प्रथम व द्वितीय डिजिटल हस्ताक्षर किए जाने होते हैं।
इसके बाद 9 वें से 15 दिन तक का समय पीएफएमएस, बैंक एवं एनपीसीआई को उनके द्वारा श्रमिक भुगतान की राशि उनके खाते में जमा करानी होती है। करौली जिले में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज के अधिकारियों ने आठ दिवस की प्रक्रिया को पूरी कर करीब 30 हजार श्रमिकों के भुगतान का शत-प्रतिशत लक्ष्य अर्जित किया है।
इसके लिए जिला परिषद सीईओ दुर्गेसकुमार बिस्सा ने लगातार मॉनीटरिंग की। इधर जिन जिलों में भुगतान की स्थिति कमजोर है, उन्हें लेकर विभाग ने असंतोष व्यक्त करते हुए 100 प्रतिशत समयबद्ध भुगतान की प्रगति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
पहले नम्बर पर रहे हैं
आठ दिवस में समयबद्ध भुगतान में हमारा जिला प्रदेश में पहले नम्बर पर रहा है। जो संभवत: पहली बार है। सभी अधिकारी-कर्मचारियों ने टीम भावना से कार्य किया, जिससे यह सफलता हासिल हुई।
दुर्गेसकुमार बिस्सा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, करौली