हिण्डौनसिटी. करौली-महवा बायपास ओवरब्रिज से वाहनों से फर्राटे से निकलने का लोगों का 30 साल का इंतजार अब पूरा होने को है। रेवले ट्रेक के ऊपर गर्डरों पर आसीसी डलने के बाद ओवरब्रिज निर्माण के जल्द ही पूरे होने की उम्मीद है। निर्माण एजेंसी की ओर ओवर ब्रिज व एप्रोच रोड़ पर डामर सड़क का निर्माण किया जा रहा है। यदि कार्य की गति ठीक रही तो मई माह के दूसरे पखवाड़े में बायपास रोड के ओवर ब्रिज से वाहनों की फर्राटे से निकासी शुरू हो जाएगी। गौरतलब है कि तीन दशक पहले ओवर ब्रिज की निर्माण की नींव रखी गई थी। हालांकि वर्ष 2015 में प्रवेश का निर्माण नए सिरे से प्रारंभ हुआ था।
शहर के बीचों बीच से निकल रहे करौली-महवा मार्ग से यातायात को दबाव और भारी वाहनों की निकासी से रहत देने के लिए राज्य सरकार ने वर्ष 1991 में बायपास रोड़ स्वीकृत किया था। उस दौरान सार्वजनिक निर्माण विभाग ने करीब 7 किलोमीटर लम्बा दो लेन का पास रोड मय रेलवे ओवर ब्रिज(आरओबी) निर्माण शुरु कराया था। लेकिन ेरेलवे ट्रेक के दोनों ओर सड़क निर्माण हो सका और काम ठप हो गया। कई बार निविदाएं आमंत्रित करने के बाद भी काम शुरू नहीं होने सका। कई वर्षों तक काम बंद रहने के बाद वर्ष राजस्थान स्टेट रोड डवलपमेन्ट्स कॉर्पोरेशन (आरएसआरडीसी) ने वर्ष 2015 में दिल्ली की पीआरएल प्रोजेक्टर एण्ड इंफ्रास्टे्रक्चर लिमिटेड कंपनी को निविदा जारी कर ओवर ब्रिज का कार्य शुरू कराया था। साथ ही 19 जनवरी 2017 यानी दो वर्ष की निर्माण अवधि सुनिश्चित की थी। बाद में जिसे मार्च 2023 तक बढ़ाया गया था। कार्य में बिलम्ब की पैनल्टी के चलते निर्माण में आई तेजी से मई माह में बायपास एप्रोच रोड सहित ओवर ब्रिज के निर्माण के पूरी होने की आस जगी है।
2 करोड़ की लागत से हो रहा डामरीकरण-
ओवर ब्रिज से वाहनों को फर्राटे से निकालने के लिए बायपास रोड की सड़क का नए सिरे से डामरीकरण किया जा रहा है। इसके लिए आरएसआरडीसी की ओर से ओवर ब्रिज बना रही पीआरएल कम्पनी को निविदा जारी की गई है। करीब 2 करोड़ रुपए की लागत से कैलाश नगर स्थित मंडी तिराहे से करौली रोड तक कलाम सर्किल तक सड़क का नवीनीकरण किया जा रहा है। अभी महवा रोड की तरफ डामरीकरण किया जा रहा है। जल्द ही करौली रोड की तरफ कार्य शुरू होगा।
800 मीटर लम्बा और 10 मीटर चौडा बन रहा पुल-
सूत्रों के अनुसार करौली-महवा बायपास पर 800 मीटर लंबा और 10 मीटर चौड़ा आरओबी निर्माण हो रहा है। इसके लिए वर्ष 2015 में 31 करोड़ 35 लाख रुपए स्वीकृत किए थे। डबल लेन के ओवर ब्रिज पर दो तरफा वाहनों की निकासी हो सकेगी। इससे वाहनों के शहर के बाहर से निकलने से समय की भी बचत होगी।
इनका कहना है-
बायपास और रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य पूर्ण होने नजदीक है। काम की गति को और तेज कर मई माह में बायपास ओवरग्रिज से वाहनों की निकासी शुरू करने का प्रयास है।
सियाराम मीणा, परियोजना निदेशक
आरएसआडीसी यूनिट धौलपुर