हिण्डौनसिटी.राजकीय चिकित्सालय में क्षमता से अधिक एक्स-रे होने से एक्स-रे मशीनें हॉफ रही हैं। प्रति दिन 200 से अधिक एक्स-रे होने से मशीन ओवरलोड़ हो रही हैं। डिजीटल एक्स-रे मशीन खराब होने पर अब पंाच दिन से परेशानी और बढ़ गई है। रोगियों को एक्स-रे के लिए कतार में घंटों इंतजार करना पड रहा है। काफी रोगियों को बगैर एक्स-रे के निराश लौट रहे हैं। ऐसे में चिकित्सालय में डायरेक्ट डिटेक्शन डिजीटल रेडियोग्राफी तकनीकि एक्स-रे मशीन की दरकार है।
जिला स्तर के राजकीय चिकित्सालय के रेडियोलॉजी विभाग में नि:शुल्क जांच योजना के तहत प्रतिदिन रोगियों के 200 से अधिक एक्स-रे खींचे जाते हैं। इनमें अधिकांश एक्स-रे ओपीडी में आए रोगियों के होते है। जबकि भर्ती रोगियों के एक्स-रे संख्या 15-20 होती है। चिकित्सालय सूत्रों के अनुसार आमतौर एक एक्स-रे मशीन से लगातार 35-45 एक्स-रे खीचने क्षमता होती है। कार्य क्षमता से अधिक एक्स-रे खीचने पर ओवरलोड होनेेे से गुणवत्ता पूर्ण कार्यदक्षता प्रभावित हो जाती है। साथ ही मशीन खराब होने की आशंका रहती है। चिकित्सालय में सामान्य और डिजीटल एक्स-रे मशीनें सीआर (कम्प्यूटर रेडियोग्राफी) तकनीक की है। बार-बार कैसेट बदल कर सैकड़ों एक्स-रे खींचने में काफी समय लगता है। ऐसे में चिकित्सालय में रोगी भार को देखते हुए डीआर(डायरेक्ट रेडियोग्राफी) एक्स-रे मशीन की दरकार है। जिससे समय की बचत होने के साथ रोगियों को उच्च गुणवत्ता के एक्स-रे मिल सकेंगे।
एक मिनट में एक्स-रे देती है डीआर मशीन
चिकित्सालय के रेडियोलॉजी विभाग के अधीक्षक हंसराम मीणा ने बताया कि डिजिटल रेडियोग्राफी (डीआर) एक्स-रे निरीक्षण का एक उन्नत रूप है। जो कंप्यूटर पर तुरंत एक डिजिटल रेडियोग्राफिक छवि बनाता है। जिसे कैसेट के बिना कंप्यूटर में स्थानांतरित कर दिया जाता है। यह अन्य इमेजिंग उपकरणों की तुलना में उच्च गुणवत्ता वाली डिजिटल छवियां(एक्स-रे) तैयार करता है। डीआर मशीन से एक्स-रे लेने में एक मिनट व सीआर मशीन से कम से कम पांच-6 मिनट का समय लगता है।
इनका कहना है-
एक एक्स-रे मशीन का डीआर सिस्टम खराब हो गया है। नया डीआर सिस्टम मंगवाने के लिए लिखा है। रोगियों के सामान्य मशीन से एक्स-रे लिए जा रहे हैं।
डॉ.पुष्पेंद्र कुमार गुप्ता, पीएमओ
राजकीय जिला चिकित्सालय, हिण्डौनसिटी.