
नई दिल्ली। हरियाणा सरकार ने प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांग मान ली है जिसके बाद किसान नेताओं और सरकार के बीच प्रदर्शन खत्म करने पर आम सहमति बन गई है। किसान नेताओं और सरकारी अधिकारियों के बीच हुई मीटिंग में तय किया गया कि किसानों पर लाठीचार्ज का आदेश देने वाले तत्कालीन एसडीएम को छुट्टी पर भेज दिया जाएगा तथा अधिकारी के खिलाफ न्यायिक जांच कराई जाएगी। इसके अलावा मृतक किसान के परिवार में दो सदस्यों को सरकारी नौकरी दी जाएगी।
राज्य के मुख्य सचिव देवेन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार और किसानों के बीच हुई मीटिंग के बाद हरियाणा सरकार ने 28 अगस्त को बसताड़ा में हुई घटना की न्यायिक जांच का आदेश दिया है। जांच हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज द्वारा की जाएगी। इसके साथ ही घटना में मारे गए किसान सतीश काजल के परिवार से दो सदस्यों को सरकारी नौकरी दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि 28 अगस्त को किसान हरियाणा में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसानों पर लाठीचार्ज किया था। इस लाठीचार्ज में करनाल के रायपुर जाटान गांव के एक किसान सुशील काजल की घायल होने के बाद मृत्यु हो गई थी। घटना के विरोध में किसानों ने 7 सितंबर को करनाल अनाज मंडी में महापंचायत की थी और सरकार से तीन मांगे रखी थी। ये मांगे निम्न प्रकार थीं-
महापंचायत के बाद हरियाणा सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा को बातचीत के लिए बुलाया इसके बाद कई दौर की बातचीत के बाद आज यह निर्णय लिया गया।
Published on:
11 Sept 2021 01:07 pm
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