बताते चलें कि गुरुवार को पुलिस ने एक पत्र जारी किया था जिसमें पिता द्वारा या लिखा गया था कि मृतक अल्ताफ डिप्रेशन में था जिसके चलते उसने आत्महत्या कर ली। अब एक बार फिर से पिता अपने बयान से पलट गए है। अल्ताफ के पिता का कहना है कि उन्होंने पत्र पर पुलिस के दबाव की वजह से अंगूठा लगाया था। अल्ताफ की मृत्यु के बाद पिता ने हत्या के आरोप लगाए थे आरोपों से बचने के लिए पुलिस ने एक पत्र जारी किया जिसमें पिता की ओर से यह लिखा गया था कि अल्ताफ तनाव में था और उसने फांसी लगा ली। पिता के बयान के बाद पुलिस के रवैया पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
“गले में कोई रस्सी या कपड़े का फंदा नहीं पाया गया” कासगंज जिले की सदर कोतवाली के हवालात में एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला तूल पकड़ा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह लिखा हुआ है कि “गले में कोई रस्सी या कपड़े का फंदा नहीं पाया गया” पोस्टमार्टम रिपोर्ट की इस लाइन के बाद कासगंज पुलिस सवालों के घेरे में है।
एसपी ने दिया था बयान पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने से पहले एसपी रोहन पी बोत्तरे ने बयान दिया था कि लड़की भगाने के आरोपो में मृतक युवक को हिरासत में लिया गया था। पूछताछ के दौरान युवक ने बाथरूम जानें की बात कही और बाथरूम में जाकर अपने जैकेट की टोपी में लगी रस्सी से तीन फिट के नल से फांसी लगा ली।
क्या ये संभव है पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात साफ हुई है कि युवक के गले पर किसी रस्सी या कपड़े के निशान नहीं है। इसके बाद पुलिस की थ्योरी सवालों के घेरे में है। जिस तरह ने पुलिस ने बताया कि युवक ने कोतवाली के बाथरूम के नल में फांसी लगा ली यह थ्योरी भी गले के नीचे नहीं उतर रही क्योंकि नल की लंबाई काफी कम होती है ऐसे में नल से कोई फांसी कैसे लगा सकता है वही जैकेट की टोपी में जो रस्सी होती है वह काफी छोटी होती है उससे भी फांसी लगाना संभव नहीं है।