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संगीनों के साए में कासगंज, तिरंगा यात्रा रोकने को जबर्दस्त घेराबंदी

कासगंज जनपद में 350 लोग किए पाबंद, 47 स्थलों से होगी निगरानी

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कासगंज। कासगंज संगीनों के साए में है। चप्पे चप्पे पर पुलिस के जवान तैनात हैं। इसके पीछे का कारण है तिरंगा यात्रा। कासगंज के तीन दर्जन से अधिक घरों की छतों पर हथियारबंद पुलिस का पहरा है। दरअसल 26 जनवरी को कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान हिंसक झड़प हुई थी। जिसमें चंदन गुप्ता की मौत हुई थी। इसके बाद जनपद में जबरदस्त हिंसा और आगजनी हुई थी। करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ था और शहर में बमुश्किल अमन और भाईचारा स्थापति हो सका था। अब 15 अगस्त को कासगंज में एक बार फिर से तिरंगा यात्रा का मुद्दा जोर पकड़ रहा है। लेकिन, इस बार प्रशासन ने तिरंगा यात्रा के लिए इजाजत नहीं दी है।

350 लोग पाबंद, 47 स्थानों से निगरानी
कासगंज में पुलिस का पहरा है। चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात है। कासगंज पुलिस ने सुरक्षा का विशेष खाका तैयार किया है। 15 अगस्त को तिरंगा यात्रा की इजाजत रद कर दी गई हैं। यदि कोई तिरंगा यात्रा निकालने की कोशिश करता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कासगंज शहर में जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान ने सख्त निर्देश दिए हैं कि जुलूस और सभाएं नहीं होंगी। इसके लिए सभी थाना क्षेत्रों को निर्देशित किया गया है। पुलिस कप्तान द्वारा 350 लोगों को पाबंद किया गया है। वहीं 47 स्थानों से पुलिस के हथियारबंद जवान कासगंज में विशेष निगरानी रखेंगे। 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद जिन स्थानों पर आगजनी और ववाल हुआ था, वहां पुलिस की विशेष नजर है।

चंदन गुप्ता की मौत के बाद सुलगा था कासगंज
बता दें कि 26 जनवरी को तिरंगा यात्रा के दौरान हिंसक झड़प में चंदन गुप्ता की मौत हुई थी। जिसके बाद कासगंज सुलग उठा था। कासगंज में हिंसा और आगजनी हुई थी। कई दिनों तक कासगंज के बाजार बंद रहे थे। करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ था। कासगंज जनपद पर प्रदेश सरकार की नजरें हैं। 15 अगस्त के चलते कासगंज एक बार फिर से सुर्खियों में है।