24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कासगंज हिंसा के बाद भी 12 जिलों में निकाली गई तिरंगा यात्रा

यात्रा के लिए नहीं ली गई कोई अनुमति, पुलिस से हुई नोकझोंक, नारेबाजी

2 min read
Google source verification
तिरंगा यात्रा

कासगंज। उत्तर प्रदेश के कासगंज में हिंसा के छठे दिन पुलिस को बड़ी सफलता मिली। चंदन गुप्ता की हत्या के मुख्य आरोपी सलीम को गिरफ्तार कर लिया गया। गणतंत्र दिवस पर तिरंगा यात्रा के दौरान हुए बवाल के चार वीडियो सामने आए हैं। इनसे समझा जा सकता है कि तिरंगा यात्रा के लिए रास्ता न देने के विवाद ने इतना तूल पकड़़ लिया कि युवक चंदन की हत्या कर दी गई। इसके अलावा बृज प्रांत के 12 में से 11 जिलों में बिना अनुमति के तिरंगा यात्रा निकाली गई। शाहजहांपुर के तिलहर में तिरंगा यात्रा के दौरान मारपीट हो गई। पत्थर फेंकने का भी आरोप है, लेकिन पुलिस इससे इनकार कर रही है। फिरोजाबाद में पुलिस से नोकझोंक भी हुई। कांग्रेस और रालोद नेताओं को कासगंज जाने से रोक दिया गया। इसके चलते पुलिस से नोकझोंक हुई। नेताओं ने पुलिस-प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाया है।


12 जिलों में निकाली तिरंगा यात्रा
विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल ने आगरा , मथुरा, मैनपुरी, फिरोजाबाद, अलीगढ़, एटा , हाथरस , बरेली, पीलीभीत, बदायूं और पीलीभीत जिलों में तिरंगा यात्रा का आयोजन किया इस दौरान भारी सुरक्षा रही। विश्व हिन्दू परिषद के प्रांत संगठन मंत्री मनोज कुमार का कहना है कि शहीद चंदन को श्रद्धांजिल स्वरूप ये तिरंगा यात्रा निकाली गई हैं।


कांग्रेस नेताओं को मिरहची में रोका
कासगंज। कांग्रेस पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष उपेन्द्र सिंह सात सदस्यीय जत्था के साथ मृतक चंदन गुप्ता के परिजनों से मिलने कासगंज आ रहे थे। बुधवार की सुबह उनके आने की खबर मिली तो मिरहची थाने में आगे जाने से रोक दिया। प्रशासन और कांग्रेसी नेताओ के बीच खासी नोकझोंक हुई। उपेन्द्र सिंह ने प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाया।


घटना से पांच दिन पहले दी थी जानकारी
गैर सरकारी संगठन संकल्प फाउंडेशन के एक पदाधिकारी ने केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह , उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तर प्रदेश पुलिस को ट्वीट करके जानकारी दी थी कि कासगंज में हिन्दू मुस्लिम संघर्ष हो सकता है। उसके तीन बार ट्वीट किया, लेकिन किसी ने भी गंभीरता से नहीं लिया। इसका परिणाम 26 जनवरी को तिरंगा यात्रा के दौरान बवाल और हत्या के रूप में सामने आया। गणतंत्र दिवस पर फेसबुक पर फिर से जानकारी दी थी।


कासगंज जा रहे रालोद नेता अलीगढ़ में गिरफ्तार
अलीगढ़ से खबर आई कि रालोद के पश्चिमी यूपी के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व विधायक डॉ अनिल चौधरी, मुजफ्फर नगर के पूर्व विधायक व पूर्व मंत्री योगराज सिंह, भगवती प्रसाद, त्रिलोकी राम दिवाकर, गेंदालाल चौधरी, छात्र नेता जियाउर्रहमान के साथ दर्जनों कार्यकर्ता कासगंज जा रहे थे। रामघाट रोड स्थित एक रेस्टोरेंट में मीडिया को संबोधित करते हुए नेताओं को पुलिस फोर्स ने घेर लिया। सीओ पंकज श्रीवास्तव ने आगे जाने से मना कर दिया। नेताओं की पुलिस से नोंकझोंक हुई। रालोद नेता धरने पर बैठ गए। सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया और बाद में रिहा कर दिया।


बरेली के डीएम की एक और फेसबुक पोस्ट वायरल
इस बीच बरेली के जिलाधिकारी आर विक्रम सिंह की एक और फेसबुक पोस्ट चर्चा में आई। इस पोस्ट में कहा गया है- 'जब कोई ‘चायवाला’ कोई ‘नीच’ राष्ट्र नियंता बनेगा तो भयभीत हो रहे स्थापित स्वार्थी प्रभुत्व वर्गो में हादसे तो होंगे ही ..!' जब पोस्ट वायरल हुई तो डीएम ने सफाई देते लिखा- यह पोस्ट PM के विरोधियों को उनकी औकात बतान के लिए है, न कि PM के असम्मान के लिए, यह मैं स्पष्ट करना चाहता हूं। यह पोस्ट 13 जनवरी को गई है। डीएम के कासगंज में निकाली गई तिरंगा यात्रा पर भी सवाल उठाए थे। सरकार ने डीएम के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है।