
कटनी. इस सत्र से जिले में 10 माध्यमिक विद्यालयों को अमृत विद्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा। इन विद्यालयों में विशेष व्यवस्थाएं की जाएंगी, जिससे बच्चों को एक बेहतर शिक्षण माहौल मिल सके। इन स्कूलों को आवश्यक सुविधाएं डीएमएफ (जिला खनिज निधि) मद से मिलने वाले 10-10 लाख रुपए की राशि से मुहैया कराई जाएगी। इस योजना को लेकर शिक्षा विभाग ने स्कूल प्रभारियों को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं।
अमृत विद्यालय योजना के तहत स्कूलों में डिजिटल अधोसंरचना का होगा विकास होगा। आधुनिक सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा, जिसमें प्रमुख रूप से कम्प्यूटर सैट एवं प्रिंटर, वॉटर कूलर एवं इन्वर्टर/सोलर पैनल सिस्टम, लैपटॉप, स्मार्ट टीवी एवं डिजिटल बोर्ड, साउंड सिस्टम एवं ओवरहेड प्रोजेक्टर, वाइट/ग्रीन बोर्ड एवं आवश्यक फर्नीचर, खेल सामग्री की भी होगी उपलब्धता कराई जाएगी।
जानकारी के अनुसार इस अमृत विद्यालय योजना में शासकीय माध्यमिक शाला बरगवां, शासकीय माध्यमिक शाला पिपरौंध, शासकीय माध्यमिक शाला देवगांव, शासकीय इपीएस बडख़ेरा, शासकीय इपीएस कूडऩ, शासकीय इपीएस परसेल, शासकीय इपीएस महनेर/गौरा, शासकीय इपीएस चांदन, शासकीय इपीएस बरछेंका, शासकीय इपीएम माध्यमिक शाला सिमरियासानी को अमृत विद्यालय बनाया जाएगा।
शिक्षा विभाग द्वारा इस योजना को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया गया है। अमृत विद्यालयों में आधुनिक सुविधाओं के जरिए बच्चों को स्मार्ट एजुकेशन का लाभ मिलेगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी शिक्षा का स्तर बेहतर होगा और विद्यार्थियों को डिजिटल माध्यम से सीखने का अवसर मिलेगा। जिले में शिक्षा के उन्नयन के लिए अमृत विद्यालय योजना को लागू किया जा रहा है, जिससे विद्यार्थियों को आधुनिक शिक्षण सुविधाएं मिलेंगी। यह कदम डिजिटल इंडिया पहल को मजबूती प्रदान करेगा और शिक्षा के क्षेत्र में एक नया आयाम स्थापित करेगा।
केके डेहरिया, डीपीसी ने कहा कि जिले में इस साल से 10 स्कूलों को अमृत विद्यालय का दर्ज मिल रहा है। स्कूलों का चयन किया जा चुका है। इनमें डीएमएफ मद से 10-10 लाख रुपए का बजट मिल रहा है। बच्चों के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ पढ़ाई के लिए बेहतर माहौल रहेगा।
Published on:
07 Apr 2025 08:28 pm
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