
Anganwadi centers in ruins
कटनी. जिले में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में से तीन सैकड़ा से अधिक केन्द्रों के पास भवन नहीं हैं। ये केन्द्र या तो किराए के भवनों में चल रहे हैं या फिर अन्य सरकारी भवन जैसे स्कूल, पंचायत भवन और सामुदायिक भवन आदि में। पत्रिका ने जब आंगनवाडिय़ों का जायजा लिया तो ये केन्द्र छोटे-छोटे कच्चे कमरों में संचालित होते पाए गए। उल्लेखनीय है कि महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत जिले में कुल १७१० आंगनवाडिय़ां संचालित हैं। इनमें से केवल १३३७ के पास ही स्वयं का भवन है। शेष ३३७ आंगनवाडिय़ां भवन विहीन हैं। भवन विहीन आंगनवाडिय़ों में से ७८ अन्य सरकारी भवनों में संचालित की जा रही हैं। शेष किराए के कमरों में चल रही हैं। जहां बच्चों के लिए न तो कमरे हैं और न ही सुविधाएं। विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार आंगनवाड़ी भवनों के किराए के रूप में हर महीने करीब दो से ढाई लाख रुपए की राशि खर्चनी पड़ रही है। छोटे-छोटे अंधेरे कच्चे कमरों में चल रहे इन केन्द्रों पर बच्चों को ढंग से बैठ पाने तक की जगह नहीं है। औपचारिक रूप से कुछेक बच्चे इन आंगनवाडिय़ों में आते हैं। कई जगहों पर भवन बनने के बाद भी आंगनवाडिय़ों को नहीं मिले हैं।
संत कंवराम वार्ड में छोटे से कमरे में चलता है केन्द्र
आंगनवाड़ी केंद्रों की बदहाल स्थिति सिफ ग्रामीण क्षेत्र ही नहीं बल्कि शहरी क्षेत्र में भी है। शहर के उपनगरीय क्षेत्र माधवनगर के संत कंवराम वार्ड में ४३ का आंगनवाड़ी केंद्र एक छोटे से कमरे में लग रहा है। जहां बच्चों को ढंग से बैठने की जगह तक नहीं है। जबकि केन्द्र पर लगभग आधा सैंकड़ा बच्चे दर्ज हैं। कार्यकर्ता ने बताया कि केंद्र के लिए उन्होंने खुद प्रयास करके तैयार किया है। मंदिर के पीछे एक छोटी से झोपड़ी में यह केंद्र संचालित है। यही हाल भट्टा मोहल्ला, खिरहनी, सिविल लाइन, कुठला व शहर का है। ग्रामीण क्षेत्र के कई केंद्र भी बदहाल स्थिति में हैं। मिनी आंगनवाड़ी केंद्र भी जुगाड़ के भवन में चल रहे हैं।
यह है ब्लॉकवार केंद्रों की स्थिति
ब्लॉक केंद्र शासकीय भवन किराया
बड़वारा २६९ २४९ २०
बहोरीबंद २३५ २०० ३५
ढीमरखेड़ा २९३ २४४ ४९
कटनी २३१ ५२ १७९
मुड़वारा १७० १६० १०
रीठी २१९ १८३ ३६
विगढ़ २९३ २४९ ४४
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योग १७१० १३३७ ३७३
शहर की स्थिति चिंताजनक
सबसे ज्यादा खराब स्थिति शहरी क्षेत्र की है। शहर के ४५ वार्डों में २३१ आंगनवाड़ी केंद्र संचालित हैं। इन केंद्रों में महज ५२ केंद्रों के पास ही सरकारी भवन हैं। बाकी सभी केंद्र छोटे-छोटे कमरों में चल रहे हैं। १७९ केंद्र जुगाड़ में चल रहे हैं।
इनका कहना है
जिले में अधिकांश आंगनवाडिय़ों के पास सरकारी भवन हो चुके हैं। लगभग साढ़े ३०० के पास भवन की कमी बनी हुई है। ये केंद्र अभी किराए के भवन मं संचालित हैं। स्वीकृति मिलने व भवन बनने पर उन्हें नए भवन में शिफ्ट किया जाएगा।
प्रतिभा पांडे, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग।
Published on:
06 Mar 2018 11:37 am
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