
Ayurvedic treatment: गर्मी के मौसम में धूल, पसीना और हार्मोनल बदलाव के कारण महिलाओं और युवतियों में पिंपल (मुंहासे) की समस्या तेजी से बढ़ रही है। त्वचा पर होने वाले इन दानों से न केवल चेहरे की सुंदरता प्रभावित होती है, बल्कि गलत उपचार से त्वचा की रंगत भी खराब हो सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि बिना डॉक्टरी सलाह के क्रीम या दवाओं का प्रयोग करने से समस्या और बढ़ सकती है।
त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. मनीष मिश्रा के अनुसार, गर्मियों में त्वचा के रोमछिद्र (Pores) बंद हो जाते हैं, जिससे संक्रमण और पिंपल्स की समस्या बढ़ जाती है। इसके प्रमुख कारणों में हार्मोनल बदलाव, चेहरे की सफाई में लापरवाही, अधिक ऑयली त्वचा, खराब डाइट और तनाव शामिल हैं। डॉ. मिश्रा ने बताया कि पिंपल्स से बचने के लिए नियमित साफ-सफाई और संतुलित खानपान जरूरी है।
आयुर्वेद विशेषज्ञ वैद्य एस.एन. त्रिपाठी के अनुसार, पिंपल्स की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए शरीर की गर्मी को नियंत्रित करना जरूरी है। उन्होंने कुछ घरेलू नुस्खे सुझाए हैं—
विशेषज्ञों का कहना है कि पिंपल्स की समस्या से घबराने की बजाय सही इलाज अपनाना जरूरी है। घरेलू उपायों के साथ-साथ संतुलित आहार और स्वच्छता का ध्यान रखकर इस समस्या से बचा जा सकता है।
Published on:
19 Mar 2025 02:52 pm
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