
जिले का शर्मनाक प्रदर्शन, 12वीं में सिर्फ 35 फीसदी बच्चे हुए पास
कटनी. जिले में कक्षा 12वीं का इस साल का सबसे शर्मनाक परिणाम सामने आया है। मात्र 35 फीसदी बच्चे ही पास हुए हैं। स्कूलों में शिक्षकों की कमी, ठीक से पढ़ाई न होने के चलते बच्चों का भविष्य खराब हुआ है। इस परिणाम ने शासन, शिक्षा विभाग व जिला प्रशासन द्वारा बेहतर शिक्षा के दावों और वादों सहित पढ़ाई के स्तर पर निगरानी की पोल खोलकर रख दी है। जिला शिक्षा अधिकारी पीपी सिंह लगातार स्कूलों की मॉनीटरिंग का दावा कर रहे थे, पढ़ाई की स्थिति बेहतर बता रहे थे। इतना ही नहीं जिले के मुखिया कलेक्टर अवि प्रसाद ने भी कई बार स्कूलों का दौरा व समीक्षाएं की। नवाचार से सुर्खियों से बटोरी, लेकिन जब परिणाम की बारी आई तो स्थिति सभी के सामने है। दावे धरे के धरे रह गए। शिक्षा विभाग के ही अधिकारी कटनी के इतिहास में कक्षा 12वीं का यह सबसे शर्मनाक परिणाम बता रहे हैं।
2015 से लेकर अब तक के परीक्षा परिणाम में इस साल का परिणाम सबसे ज्यादा निराशाजनक है। 13794 बच्चे दर्ज थे जिसमें से 13682 बच्चों ने परीक्षा दी। इसमें से 3126 प्रथम, 1755 द्वितीय और 23 बच्चों ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है। 4904 बच्चे कुल उत्तीर्ण हुए हैं। 3059 की सप्लीमेंट्री आई है और 5718 बच्चों को निराशा का सामना करना पड़ा है। जिले का परीक्षा परिणाम 35.2 राशि आया है। नियमित अध्ययन में 12 हजार 562 नियमित विद्यार्थी पंजीकृत थे। 35 विद्यार्थियों ने परीक्षा नहीं दी। इम्तिहान में 12 हजार 527 बच्चे शामिल हुए। इसमें 3 हजार 118 बच्चे प्रथम, 1711 बच्चे द्वितीय व 13 बच्चों ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है। 4 हजार 842 बच्चे पास हुए हैं, जबकि 2908 छात्र-छात्राओं की सप्लीमेंट्री आई है। 4 हजार 777 बच्चे असफल हो गए हैं। परीक्षा परिणाम 38.65 प्रतिशत आया है।
कक्षा 12वीं के परिणामों पर नजर
2023 35.84
2022 71.31
2020 63.29
2019 74.03
2018 62.94
2017 56.32
2016 60.42
2015 61.87
वेतन व व्यवस्था में हर माह करोड़ों हो रहे खर्च
स्कूल की शैक्षणिक व्यवस्था बेहतर करने सहित कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। अकेले शिक्षकों के वेतन में 5 करोड़ रुपए से अधिक फूंके जा रहे हैं, व्यवस्थाओं व संसाधानों में हर माह लाखों रुपए खर्च होते हैं वह अलग। कक्षा 12वीं में परिणाम बेहतर आए इसके लिए रेमेडियल क्लास, एक्ट्रा क्लास आदि कराने का प्रावधान है, सबकुछ होने के बाद भी परिणाम ने हताश किया है। शिक्षा विभाग के अधिकारी शिक्षकों की अन्य कार्य में ड्यूटी तो कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी का ठीकरा फोड़ रहे हैं।
वर्जन
कक्षा 12वीं का परिणाम निराशा जनक है। इसका बारीकी से विशलेषण करेंगे। इस साल की पढ़ाई में कोविड वाला असर भी रहा है। कई शिक्षकों का स्थानांतरण हुआ, कई स्कूल जीरो शिक्षक वाले हो गए थे, जिससे पढ़ाई प्रभावित हुई है। आगे बेहतर परिणाम आए इसके लिए प्रयास किए जाएंगे।
पीपी सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी।
Published on:
27 May 2023 07:43 pm
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