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लॉक डाउन में बढ़ गई मुसीबत, दाना के लिए करना पड़ रहा जुगाड़..

शादियों के सीजन में बघ्घी, घोड़ी वालों के पास नहीं काम, बैंड वालों का भी हो रहा नुकसान

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कटनी

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Mukesh Tiwari

Apr 15, 2020

Can not find wedding booking

घोड़ों की देखभाल करता संचालक।

कटनी. लॉक डाउन में लोगों ने अपने शादी समारोहों की तिथियों को आगे बढ़ा दिया है या फिलहाल शादियों को टाल ही दिया है। इसका सीधा असर शहर के शादी समारोहों के माध्यम से खुद का परिवार चलाने वालों पर पड़ रहा है। बघ्घी, घोड़ी और बैंड वाले सीजन में खाली हाथ बैठे हैं। बघ्घी व घोड़ी का काम करने वालों को जहां पाले मवेशियों को दाना खिलाना मुश्किल हो रहा है तो सीजन में कमाई करके परिवार को पालने वाले बैंड दलों के सदस्य भी आय का जरिया न होने से परेशान हैं। पहले से की गई बुकिंग लोगों ने कैंसिल कर दी है तो आने वाले दिनों में भी काम मिलेगा, इसकी भी गारंटी नहीं है।

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5-5 तक पाल रखे घोड़े
शहर में बघ्घी व शादियों में घोड़ी उपलब्ध कराने वालों को सबसे बड़ी परेशानी मवेशियों को दाना खिलाने की है। बघ्घी का काम करने वाले सोहनलाल उर्फ सोले का कहना है कि शहर में 15 के लगभग लोग बघ्घी का काम करते हैं। उनमें से कई लोगों ने तो 5~5 तक घोड़े पाल रखे हैं और सीजन में काम न मिलने से मवेशियों को दाना खिलाना कठिन हो रहा है। बघ्घी के साथ ही लाइट का काम करने वालों की संख्या भी शहर में 40 के लगभग है। संचालकों का कहना है कि सीजन में कई लोगों की 10 से 12 तक बुकिंग कैंसिल हो गई हैं। एक शादी में लाइट व बघ्घी का काम करने पर 12 से 15 हजार रुपये मिलते थे और आगे भी अभी कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही।
20 से अधिक बैंड दलों के पास नहीं काम
शहर में बैंड व धमाल चलाने वाले लगभग 20 दल हैं। प्रत्येक दल के पास सीजन में पहले से 10 से 12 तक शादियों की बुकिंग थी लेकिन सभी ने लॉक डाउन के चलते कार्यक्रम कैंसिल कर दिए। बैंड संचालक केशव का कहना है कि सीजन में बैंड के काम से कई परिवारों की रोजी-रोटी चलती थी लेकिन वर्तमान में सब खाली हाथ घरों में बैठे हैं। सतीश खंपरिया ने बताया कि सीजन में होने वाली कमाई से ही सालभर उनका व उनके साथियों का परिवार चलता है और आपदा में परिवार को ही पालने में दिक्कत हो रही है।