10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जगह-जगह टूटी नहर, हर दिन लाखों गैलन व्यर्थ बह रहा पानी, है गंभीर समस्या

Canals are broken in many places

2 min read
Google source verification

कटनी

image

Balmeek Pandey

Dec 15, 2024

Canals are broken in many places

Canals are broken in many places

किसानों के खेतों तक सिंचाई के लिए नहीं पहुंच रहा पानी, महेहटा जलाश की नहर क्षतिग्रस्त, सरकारी योजनाओं को अधिकारियों की अनदेखी से किसानों को लग रहा झटका, जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान

कटनी. केंद्र और राज्य सरकारें खेती को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं, लेकिन कटनी जिले में अधिकारियों की लापरवाही के चलते ये योजनाएं दम तोड़ रही हैं। अमेहटा (अमैठा) जलाशय से जुड़े नहर में खामियां उजागर हुई हैं, जिससे हर दिन लाखों लीटर पानी बेकार बह रहा है।
यह नहर अमेहटा जलाशय से तखला तक जाती है, जिससे देवरीसानी, बडख़ेरा, तखला, धपई, और निवार के सैकड़ों किसान सिंचाई करते हैं। हजारों एकड़ जमीन सिंचित होती है। नहर कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त है, जिससे अधिकांश पानी खेतों तक पहुंचने से पहले ही व्यर्थ बह जाता है।

सबसे अधिक समस्या निवार के पास
निवार क्षेत्र के पास नहर की हालत सबसे खराब है। यहां नहर टूटने से 24 घंटे पानी बर्बाद हो रहा है। किसान गुलजारी यादव, माधव प्रसाद, मनोज सिंह वैश्य और दशरथ काछी ने बताया कि नहर की मरम्मत न होने से उनकी सिंचाई प्रभावित हो रही है। इसका असर फसल उत्पादन पर पड़ रहा है।

अधिकारियों की अनदेखी
किसानों ने बताया कि जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को कई बार समस्या की जानकारी दी गई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। समय पर मरम्मत न होने से अब समस्या गंभीर हो गई है। नहर के टूटने से कुछ किसानों के खेतों में अत्यधिक पानी भर रहा है, जिससे उनकी फसलें खराब हो रही हैं। कई किसान अपनी फसल बोने में भी असमर्थ हैं। किसानों ने प्रशासन से तुरंत कार्रवाई करने की मांग की है।


अजब ट्रेन: 53 मिनट में 62 किमी फिर 3 किमी के लिए लगे 2.38 घंटे

किसानों ने रखी मांग
किसानों ने जिला प्रशासन और जल संसाधन विभाग से मांग रखी है कि जल्द से जल्द नहर की मरम्मत कराई जाए। अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो फसलों की बर्बादी के कारण किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। प्रशासन की अनदेखी और किसानों की बढ़ती परेशानियों के बीच सवाल यह है कि क्या संबंधित विभाग इस गंभीर समस्या पर ध्यान देगा, किसान अब समाधान की उम्मीद में हैं।

किसानों ने बयां की पीड़ा
हमने कई बार अधिकारियों को शिकायत की है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। नहर से पानी खेतों तक नहीं पहुंच पा रहा। सिंचाई न होने से हमारी कई बार फसलें सूख जाती हैं। सरकार से निवेदन है कि जल्द से जल्द नहर की मरम्मत कराई जाए।
गुलजारी यादव, किसान।

नहर टूटने से न केवल पानी बर्बाद हो रहा है, बल्कि हमारे खेतों में भी पानी भर गया है। अधिक पानी से फसलें खराब हो रही हैं। जल संसाधन विभाग को कई बार समस्या बताई, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला।
माधव प्रसाद, किसान।

यह समस्या नई नहीं है। हर साल हमें इसी तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। नहर फूटने से सिंचाई का काम प्रभावित हो रहा है। इस बार अगर समय पर फसल नहीं बोई तो बड़ा नुकसान होगा।
मनोज सिंह वैश्य, किसान।

हमारे यहां कई किसानों के खेतों में पानी नहीं पहुंच रहा, जिससे खेती पिछड़ रही है। कई किसान बुआई नहीं कर पा रहे हैं। दूसरी ओर कुछ किसानों के खेतों में अधिक पानी भर गया है। प्रशासन को इसे तुरंत ठीक करना चाहिए।
दशरथ काछी किसान।

वर्जन
नहर में यदि अधिक समस्या है तो इस मामले को दिखवाया जाएगा। क्षेत्रीय एसडीओ को निरीक्षण कर आवश्यक व्यवस्था कराने के निर्देश दिए जाएंगे। पानी व्यर्थ न बहे, उसका सहीढंग से किसान उपयोग कर पाएं, यह व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
आरएन सिद्दकी, इइ जल संसाधन विभाग।