
Cloth market of Katni city
कटनी. दीपोत्सव का महापौर 31 अक्टूबर को है, 28 अक्टूबर को धनतेरस का महापर्व व उसके पहले पुष्य नक्षत्र…। उल्लासों के इन संगम और शुभ मुहूतों की इन घडिय़ों में कपड़े चार चांद लगाते हैं। दीपावली जैसे त्योहार में लोग नए वस्त्र धारण करते हैं वह भी खास वैरायटी वाले। इसके लिए शहर का कपड़ा बाजार पूरी तरह से सज चुका है। यह कारोबार 100 वर्ष से भी अधिक पुराना है। सशक्त और समृद्ध बाजार कई प्रदेशों और जिलों के तार जोड़े हुए है। थोक हों फुटकर कारोबारी एक-दूसरे से रिश्ते की खास डोर में बंधे हुए हैं। ये जिला, प्रदेश और देश की अर्थ व्यवस्था को मजबूत तो बना ही रहे हैं, साथ ही शहर का नाम भी बढ़ा रहे हैं। त्योहार में बाजार एकदम बूम पकड़ रहा है। रविवार को अवकाश होने के कारण बाजार में जमकर खरीददारी हुई। लोग करवाचौथ के साथ दीपावली की खरीददारी करते नजर आए।
कपड़ा कारोबार किशोर कुमार हीरानी बताते हैं कि शहर में रेडीमेट गारमेंट्स, साड़ी, बच्चों के कपड़े का किसी हब से कम नहीं हैं। दिल्ली, महाराष्ट्र, पंजाब, यूपी, गुजरात सहित कई प्रदेशों के तार को जोड़े हुए है। बच्चों के कपड़े, विद्यार्थियों की यूनीफॉर्म, स्पोट्र्स ड्रेस की मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में शहर खास पहचान बना रहा है। इसके अलावा कपड़ा कारोबारी कन्हैयालाल रतनान बताते हैं लेडीज कर्ती, बच्चों की ड्रेस का निर्माण हो रहा है। जरुरत है रेडीमेट गारमेंट्स के लिए ट्रांसपोर्ट नगर की तर्ज पर जमीनें आवंटित करोबार को बढ़ावा देने की। इस संबंध में कई बार मांग की जा चुकी है। आवश्यकता है अधिकारी व जनप्रतिनिधियों के ध्यान देने की। कपड़ा कारोबारी जसूजा का कहना है कि शहर का कपड़ा बाजार दीवाली तक खास गुलजार रहने का अनुमान है।
इन प्रदेशों व शहरों से जुड़े हैं दिल के तार
कपड़ा कारोबार कई प्रदेशों व शहरों को जोड़े हुए है। यह सिर्फ व्यापार ही नहीं बल्कि दिलों के तार जुड़े हैं। क्योंकि अपनेपर और विश्वसनीयता की कसौटी पर दशकों से कारोबार जारी है। कपड़ा कारोबारी मगन जैन बताते हैं कि शहर में कपड़ा दिल्ली, मुम्बई, कलकत्ता, मालेगांव, इंदौर, बैंगलोर, लुधियाना, कानपुर, बनारस, मथुरा सहित अन्य बड़े शहरों से माल आता है।
सप्लाई से भी रिश्तों में मिठास
ऐसा नहीं है कि कटनी में सिर्फ माल बाहर से आता है। इस शहर से भी कई जिलों व शहरों के लिए कपड़ों की सप्लाई होती है। कारोबारी बताते हैं कि कटनी से थोक व रिटेल ंमें कपड़ा छत्तीसगढ़-रायपुर, रीवा, होशंगाबाद, भोपाल, जबलपुर, सागर, दमोह, सीधी, उमरिया, मैहर, सतना, इंदौर आदि जाता है। लोग यहां से भी खरीददारी करते हैं। कपड़ों का बाजार कई जिलों के तार शहर से जोड़े हुए है।
Published on:
21 Oct 2024 08:24 pm
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