डीआइजी की जांच में प्रथम दृष्टया मिले दोषी, अनुशासनात्मक कार्रवाई अबतक लंबित, सीएसपी के सरकारी बंगले में मारपीट का मामला
कटनी. जिले में पदस्थ रहीं सीएसपी ख्याति मिश्रा के सरकारी बंगले में उनके व तहसीलदार पति शैलेन्द्र बिहारी शर्मा के परिवार के साथ पुलिस अधिकारियों द्वारा मारपीट करने व महिला थाना में बंद रखने के मामले पर खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव नजर बनाए गए हैं। सोमवार को डीएसपी अजाक प्रभात शुक्ला व महिला थाना प्रभारी मंजू शर्मा को जिले से हटाकर जबलपुर अटैच कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने दोनों अधिकारियों को कटनी से हटाने की जानकारी खुद एक्स पर पोस्ट की।
जानकारी के अनुसार इस पूरे प्रकरण की जांच जबलपुर डीआइजी अतुल सिंह द्वारा की गई है। डीआइजी की जांच रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया डीएसपी अजाक प्रभात शुक्ला व महिला थाना प्रभारी मंजू शर्मा को दोषी पाया गया है। जांच रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय पहुंचने के बाद सोमवार को डीजीपी कैलाश मकवाणा ने दोनों अधिकारियों को उप पुलिस महानिरीक्षक जबलपुर रेंज में अटैच कर दिया है। हालांकि इस कार्रवाई को प्रशासनिक दृष्टि से अटैच करना बताया गया है।
मुख्यमंत्री ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ‘कुछ दिन पहले जिला कटनी में हुए घटनाक्रम के फलस्वरूप मैने दोषी पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। जांच उपरात डीएसपी अजाक प्रभात शुक्ला एवं महिला थाना प्रभारी मंजू शर्मा को डीजीपी ने उप पुलिस महानिरीक्षक जबलपुर रेंज के कार्यालय में प्रशासनिक दृष्टि से संबद्ध कर दिया है। उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रचलन में है’।
जानकारी के अनुसार 31 मई की रात हुए इस प्रकरण के बाद 1 जून को डीएसपी प्रभात शुक्ला का एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद पूरे प्रदेश में हडक़ंप मच गया था। सोशल मीडिया पर वायरल हुए ऑडियो के अनुसार डीएसपी प्रभात शुक्ला ने बंगले में घुसते ही सीएसपी ख्याति के पिता नागेन्द्र मिश्रा को गाली देकर पीटना शुरू कर दिया था। डीएसपी के पीटते ही चीख-पुकार मच गई और महिलाएं घबरा गईं थी। इस दौरान कोतवाली थाने के पुलिसकर्मी भी मौजूद थे। हालांकि पत्रिका इस वायरल ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है। बताया जा रहा है कि इस ऑडियो के वायरल होने के बाद ही डीएसपी पीएचक्यू के निशाने पर आ गए थे।
सीएसपी के बंगले से परिजनों को पकडकऱ लाना और महिला थाना के अंदर बंद रखना महिला थाना प्रभारी को भी भारी पड़ गया। यहां डीएसपी सहित पुलिस अधिकारियों की तत्कालीन सीएसपी के पति शैलेन्द्रबिहारी शर्मा के साथ तीखी बहस हुई थी। थाना परिसर के अंदर बंद परिजनों ने भी इस दौरान पुलिस अधिकारियों पर मारपीट करने का आरोप लगाया था। सीएसपी के आठ वर्षीय पुत्र को भी चैनल गेट के अंदर बंद करके रखा गया था। सीएसपी के शासकीय आवास व महिला थाने में मचे इस बवाल में कोतवाली टीआई अजय सिंह भी शामिल रहे हैं। हालांकि अबतक की जांच में इनको क्लीनचिट मिली है।
प्रदेशभर में चर्चित रहे इस प्रकरण से पुलिस का कू्रर चेहरा और गुंडागर्दी भी उजागर हुई है। सीएसपी बंगले में मौजूद 8 वर्ष के बच्चे से लेकर 80 वर्ष की सीएसपी की नानी तक से पुलिस ने बुरा बर्ताव किया। मारपीट की और घसीटकर कार में बैठा लिया। महिला थाना में भी पुलिस ने दुव्यर्वहार किया। पूरे परिवार को थाने का चैनल गेट बंद करके बंधक बनाकर रखा गया और करीब दो घंटे बाद मेडिकल परीक्षण के लिए बाहर निकाला गया। प्रकरण में पीडि़त परिवार ने मप्र बाल अधिकार आयोग, राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष व मुख्यमंत्री से भी शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की थी।
जानकारी के अनुसार सीएसपी बंगले में हुए विवाद की पूरी पटकथा शहर के राहुल बाग स्थित एक बंगले में ही लिखी गई थी। 31 मई की दोपहर में हुए विवाद के बाद सीएसपी ख्याति मिश्रा अपनी महिला मित्र के साथ उनके बंगले में चली गई थीं। इसके बाद यहां शाम तक मौजूद रहीं। यहीं से बैठकर पुलिस अधिकारियों को प्रकरण की जानकारी दी। सीएसपी के बंगले में जाने से पहले डीएसपी प्रभात शुक्ला अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ इसी बंगले में पहुंचे थे और सीएसपी से प्रकरण जाना था। इसके बाद यहां से ही निर्देश मिलने पर पुलिस ने सीएसपी के सरकारी बंगले में धावा बोल दिया था। बताया जा रहा है कि इस दौरान यहां एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे, हालांकि इसकी पुष्टी नहीं हो सकी है।
यह पूरा प्रकरण तत्कालीन सीएसपी ख्याति मिश्रा, उनके तहसीलदार पति शैलेन्द्र बिहारी शर्मा व तत्कालीन एसपी अभिजीत रंजन से जुड़ा हुआ है। प्रकरण में सबसे पहले सरकार ने ख्याति मिश्रा का तबादला किया था, उन्हें कटनी से हटाकर मैहर जिले के अमरपाटन में एसडीओपी के रूप में पदस्थ कर दिया गया था। 31 मई की रात हुए बवाल के बाद खुद मुख्यमंत्री ने जिले में सबसे अधिक विवादित रहे तत्कालीन एसपी अभिजीत रंजन को हटाया था। एसपी रंजन इस विवाद में केंद्र में रहे हैं। चर्चा रही कि इन्हीं के इशारे पर पूरा कांड हुआ है। तहसीलदार पति एसपी पर आरोप लगाते रहे हैं और तत्कालीन सीएसपी एसपी का बचाव करते हुए अपने ही पति पर आरोप लगाती रही हैं।
पूर्व सीएसपी ख्याति मिश्रा व उनके पति दमोह तहसीलदार शैलेन्द्र बिहारी शर्मा के बीच लबें समय से विवाद चल रहा है। पति शैलेन्द्र ने कटनी एसपी अभिजीत रंजन पर गंभीर आरोप लगाए थे। कहा था कि एसपी उनकी पत्नी ख्याति को ब्लैकमेल कर परिवार से दूर करने व संबंध तोडऩे का दबाव बनाते हैं। मुझे भी जान से मारना चाहते हैं। इसके बाद ख्याति ने अपने ही पति के खिलाफ अनर्गल शिकायत करने का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। यह विवाद चल ही रहा था कि सीएसपी का तबादल अमरपाटन एसडीओपी के लिए हो गया। 31 मई को की रात सीएसपी के सरकारी बंगले पर विवाद हुआ था। यहां ख्याति मिश्रा के पिता, मां, नानी, बहन व तहसीलदार पति शैलेन्द्र शर्मा की मां चाची मौजूद थी। इसी दौरान अचानक पुलिस बंगले में पहुंच गई थी और दोनों परिवारों को पकडकऱ महिला थाना में लाकर बंद कर लिया था। ख्याति के पिता व परिजनों ने पुलिस अधिकारियों पर मारपीट करने का आरोप लगाया था। महिला थाना में भी जमकर हंगामा हुआ था। इस विवाद के बाद 1 जून को कटनी एसपी अभिजीत रंजन को हटा दिया गया था और प्रकरण की जांच डीआइजी जबलपुर को सौंपी गई थी।