
तालाब गहरीकरण का काम करते मजदूर.
कटनी. ग्राम पहाड़ी के मुरली मंदिर सलैया में मनरेगा योजना से चल रहे तालाब विस्तारीकरण के काम के दौरान 84 मजदूरों के नाम मस्टर रोल में दर्ज रहा, लेकिन मौके पर 62 मजदूर ही काम करते मिले। इन 62 मजदूरों के आगे मस्टर रोल में उपस्थिति की हाजिरी तो भरी गई थी, लेकिन शेष नाम के आगे अनुपस्थित नहीं भरी गई। 27 मई से 2 जून तक के लिए जारी मस्टर में गड़बड़ी का दूसरा मामला इसी पंचायत में चल रहे दूसरे काम में सामने आया। चिरई हार में चल रहे काम के दौरान मस्टर में 66 मजदूरों की उपस्थिति भरी गई जबकि मौके पर काम कर रहे मजदूरों ने बताया कि 32 मजदूर ही काम कर है।
कोरोना संकट काल में मजदूरों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए राज्य और केंद्र की सरकारें ज्यादा से ज्यादा मजदूरों को काम दिलाने की बात कह रहे हैं तो उसका मनमाना लाभ लेने का खेल भी शुरू हो गया है। जिले में तीन गाम पंचायत में मनरेगा योजना से चल रहे काम की ग्राउंड रियेलिटी पत्रिका ने स्कैन किया तो मनरेगा में मजदूरी के नाम पर भ्रष्टाचार का बड़ा खेल सामने आया। मस्टर में भरी जाने वाली हाजिरी में फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। ग्रामीण बताते हैं कि जो मजदूर काम पर नहीं आए उनके आगे पंचायत पदाधिकारियों द्वारा खुद ही उपस्थिति भर दी जाएगी और उनकी मजदूरी निकाल ली जाएगी।
इधर, मनरेगा में चल रही मनमानी पर ग्राम पंचायत पहाड़ी निवार के सचिव रवि तिवारी बताते हैं कि काम आने वालों की फौरन हाजिरी भरने का नियम है। कई बार काम में व्यस्तता के कारण मस्टर देखने में विलंब हो जाता है और हाजिरी नहीं भर पाती है।
सीइओ जिला पंचायत जगदीश चंद्र गोमे का कहना है कि मनरेगा शुरू होने के बाद से जिलेभर में अधिकतम 31 हजार मजदूरों ने ही काम किया था। इस बार 64 हजार से ज्यादा मजदूर काम कर रहे हैं। पता लगाते हैं कि मजदूरों की हाजिरी वास्तविक है कि नहीं।
मजदूरों को काम से नहीं जोड़ पा रहे जिला पंचायत के अधिकारी
मनरेगा में ज्यादा से ज्यादा मजदूरों को काम दिलाने का दावा जिला पंचायत के अधिकारी लगातार कर रहे हैं, लेकिन हकीकत दावों से जुदा है। पंचायतों में बने जॉबकार्ड से तुलना करें तो महज 10 प्रतिशत मजदूर ही काम करने के लिए स्पॉट पर पहुंच रहे हैं। शेष मजदूरों के नाम या तो फर्जी हाजिरी भरी जा रही है। या फिर वे काम पर ही नहीं आ रहे हैं।
एक्टिव जॉबकार्ड 160, काम पर आ रहे 70 मजदूरग्राम पंचायत जुहला में 258 जॉबकार्डधारी मजदूर है। 160 जॉब कार्ड एक्टिव है। हर एक जॉबकार्ड से दो मजदूरों को भी जोड़ा जाए तो ग्राम पंचायत में मजदूरों की संख्या 320 हो जाएगी, लेकिन यहां सिर्फ 70 लोग ही काम कर रहे हैं। जाहिर है 250 लोगों को अभी काम नहीं मिल पाया है। ग्राम पंचायत सचिव प्रवीण तिवारी ने बताया कि पंचायत में मेड़ बंधान और तालाब गहरीकरण का काम चालू है, लेकिन सिर्फ 70 मजदूर ही काम पर आ रहे। 55 मजदूर बाहर से आए है। जिसमें सिर्फ 10 लोग ही मनरेगा में काम कर रहे।
550 मजदूरों को काम का इंतजार
ग्राम पंचायत जुहिली में 333 लोगों के जॉबकार्ड बने हुए है। हर घर से दो मजदूरों का औसत देखा जाए तो 666 मजूदर होते है। ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक सुनील साहू ने बताया कि पंचायत की आबादी लगभग 4800 हंै। 8 जगहों पर मनरेगा के तहत मेड़ बंधान का काम चल रहा है। इन काम में महज 70 से 80 मजदूर ही आ रहे हैं। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि गांव में 550 से ज्यादा मजदूरों को काम की दरकार है। काम में मजदूरों के चयन में भी पक्षपात होता है।
Published on:
01 Jun 2020 08:23 am
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