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आरोपियों की बढ़ी संख्या, 16 किलो सोना का नहीं सुराग

बिहार जेल में बंद मास्टर माइंड सुबोध सहित एक अन्य बदमाश दीपक सिंह पर भी पुलिस करेगी कार्रवाई, दो अन्य बदमाशों ने कार से पहुंचकर सोना को लगाया ठिकाना, पुलिस तलाश में जुटी

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कटनी। बरगवां स्थित मणप्पुरम गोल्ड लोन फाइनेंस बैंक में 26 नवंबर को हुई डकैती के मामले में छह दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। पुलिस की जांच में डकैती की वारदात में भले ही अपराधियों की संख्या बढ़कर 11 पहुंच गई है, लेकिन लगभग 8 करोड़ रुपए कीमत का 16 किलोग्राम सोना और साढ़े तीन लाख रुपए नकद लेकर फरार होने वाले बदमाशों का पुलिस पता नहीं लगा पाई है। हालांकि जांच में कई अहम सुराग हाथ लग रहे हैं, जिनकी बदौलत पुलिस शीघ्र ही मामले का खुलासा करने का दावा कर रही है। इस मामले में पुलिस बिहार के जेल में बंद सरगना कुख्यात अपराधी सुबोध सिंह व दिलीप सिंह को भी आरोपी बनाएगी। इन दोनों पर कार्रवाई व गिरफ्तारी के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है।
डकैती की वारदात में शामिल फरार चार अन्य बदमाशों के मामले में भी पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने पकड़े गए तीन आरोपियों से की गई पूछताछ के बाद फरार चार बदमाश अखिलेश उर्फ विकास उर्फ जॉन निवासी वैशाली बिहार, अर्जुन उर्फ पीयूष उर्फ आयुष जयसवाल निवासी पटना, मिथिलेस उर्फ धर्मेन्द्र पाल निवासी बक्सर एवं अमित सिंह उर्फ विक्कू निवासी हॉजीपुर वैशाली के घरों का पता लगा लिया है। परिजनों तक पहुंचने के बाद पुलिस अब शीघ्र ही बदमाशों को पकड़ लेने का दावा कर रही है। वहीं पुलिस का मानना है कि इसमें दो बदमाश वे लोग भी हैं जो कार से पहुंचे हैं और गोल्ड सहित कैश को लेकर चंपत हैं।

पुलिस ने की पूछताछ
गुरुवार को रंगनाथ नगर थाना पुलिस ने मणप्पुर गोल्ड लोन फाइनेंस बैंक में भी पहुंचकर पूछताछ की है। बैंक के अधिकारी-कर्मचारियों से डकैती के संबंध में पूछताछ की है। पुलिस ने बैंक प्रबंधन से अन्य दस्तावेज मुहैया कराने कहा है। हैरानी की बात तो यह है कि मणप्पुर गोल्ड लोन फाइनेंस कंपनी में इतना बड़ा कारोबार बिना सुरक्षा गार्ड के हो रहा था, सुरक्षा में लापरवाही भारी पड़ी है। यह तो गनीमत रही कि डकैती करने वाले बदमाशों ने किसी तरह से कर्मचारियों को नुकसान नहीं पहुंचाया।

बैंक अधिकारियों ने काटी कन्नी
मणप्पुरम बैंक में में जब पुलिस पूछताछ कर रही थी तो इस दौरान मीडिया ने बैंक के अधिकारियों व सिक्योरिटी से जुड़े आध्किाारियों से बातचीत करनी चाही तो वे कुछ भी बताने से कन्नी काटते रहे। ब्रांच प्रभारी ने कह दिया कि उनके पास अब कोई जानकारी नहीं है। बैंक में एरिया मैनेजर सिक्योरिटी ओमकार नाथ भी पहुंचे, जब उनसे सिक्योरिटी के संबंध में चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि वे इस मामले में कुछ नहीं जानते और ना ही कुछ कहेंगे।

तीनों ने सुबोध सिंह को बताया सरगना
अब तक डकैती की वारदात में पकड़े गए तीनों बदमाशों ने बताया है कि सुबोध सिंह के नेतृत्व में काम करते हैं। वही हमारा लीडर है। सरगना के द्वारा जिस साथी को जो जवाबदेही सौंपी जाती है वही करता है। बक्सर जेल में बंद सुबोध सिंह कुख्यात बदमाश है। इस पर 300 किलोग्राम सोना लूटने का आरोप है। पांच राज्यों का मोस्ट वांटेड बदमाश है। पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में बदमाशों ने बताया अधिकांश रास्ते गांवों वाले चुने थे, ताकि कैमरे की नजर से बच सकें।

ठिकानों व रैकी मार्ग में लेकर पहुंची पुलिस
डकैती कांड में पकड़े गए दो मुख्य आरोपियों आरोपी शुभम तिवारी (24) निवासी पटना बिहार एवं अंकुश साहू उर्फ विवेक (25) निवासी बक्सर बिहार 10 दिन की रिमांड पर लगातार पुलिस इनसे पूछताछ में जुटी हुई है। बदमाशों को पुलिस वारदात स्थल के अलावा बघराजी, स्लीमनाबाद के अलावा कहां-कहां पर ठिकाना बनाए हुए हैं वहां लेकर पहुंची है और पूछताछ की है। वारदात के बाद किन-किन रास्तों से भागे थे व उनके साथी किस तरफ भागे हैं, बदमाशों को लेकर पुलिस ने यह भी पता लगाया है।

डकैती मामले में जांच जारी है। फरार आरोपियों के ठिकानों का पता लगाया गया है। दो उन बदमाशों का भी पता लगाया जा रहा है जो डकैती वाले दिन कार से पहुंचे हैं। पकड़े गए बदमाशों को लेकर घटना स्थल, भागने वाले मार्ग, जिन शहरों व नगरों में ठहरे थे वहां लेजाकर पूछताछ की जा रही है।
सुनील कुमार जैन, एसपी