ये है हाथ की खासियत
संजय जैन ने बताया कि यह हाथ बेहद हल्का है और लगाने में बहुत आसान रहेगा। पीडि़त व्यक्ति खुद ही अपनी आवश्यकता के अनुसार इसे हटा और लगा सकता है। एक बार लगाने क बाद इसमें कोई खर्च नहीं है। हाथ लगाकर व्यक्ति साइकिल और बाइक चलाने के साथ ही सामान्य भार का सामान पकडऩे और लिखने का काम भी कर सकता है। यह हाथ उन लोगों को लगाया जा सकता है जो जिनका हाथ कोहनी के नीचे से कटा हो। पांच वर्ष से उपर के किसी भी महिला पुरूष को यह हाथ लगाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि ट्रस्ट अभी तक कृत्रिम पैर, कैलीपर्स, वैसाखी आदि लगाने की पहल की है। अब कृत्रिम हाथ लगाने की पहल की जा रही है।