चिकित्सक ने कहा है कि ठंड के कारण रक्तवाहिनियां सिकुड़ जाती हैं, जिससे दिल पर अधिक दबाव पड़ता है। हमेशा गर्म कपड़े पहनें और ठंडी हवाओं से बचने के लिए खुद को ढककर रखें। गर्म भोजन और पेय का सेवन करें। दिनभर गर्म सूप, गुनगुना पानी, और पौष्टिक आहार लें। तैलीय और मसालेदार भोजन से बचें, क्योंकि यह हृदय पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। सुबह की ठंडी हवा में व्यायाम करने से हृदय रोगियों के लिए खतरा बढ़ सकता है। इसके बजाय हल्की धूप में ही टहलें या हल्का व्यायाम करें।
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दवाइयों का नियमित सेवन करें
डॉ. एसके शर्मा ने कहा कि हृदय रोगियों को अपनी दवाइयों का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए। किसी भी परेशानी की स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। धूम्रपान और शराब से परहेज करें। सर्दियों में धूम्रपान और शराब दिल की धडकऩ और रक्तचाप को प्रभावित करते हैं। इनसे पूरी तरह बचना चाहिए। डॉ. शर्मा ने कहा कि ठंड के मौसम में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में हृदय रोगियों को अपने ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का नियमित रूप से परीक्षण करवाना चाहिए। यह समय रहते किसी भी समस्या को पहचानने में सहायक होगा।
जरूरतमंदों की मदद करें
डॉ. शर्मा ने समाज से आवाहन किया है कि वे ठंड के प्रकोप से बचने के लिए जरूरतमंदों को गर्म कपड़े, कंबल, और अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराएं। यह पहल ठंड से जनहानि को रोकने में सहायक होगी। अलाव और गर्माहट की व्यवस्था करें। प्रशासन से कहा है कि सार्वजनिक स्थानों पर अलाव और गर्माहट की उचित व्यवस्था की जाए। इससे गरीब और बेघर लोगों को ठंड से राहत मिलेगी। यह सलाह ठंड के मौसम में हृदय रोगियों और आम जनता के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। हृदय की देखभाल के साथ-साथ जरूरतमंदों की मदद करना भी इस सर्द मौसम में समाज की जिम्मेदारी बनती है।