
कटनी. शहर में बिजली कंपनी का अजब-गजब कारनामा सामने आया है। नगरनिगम की मानें तो बिजली विभाग द्वारा नगर निगम को 28 बिल ऐसे भेजे जा रहे हैं, जिनके न तो कनेक्शन हैं और ना ही मीटर लगे हैं। ये बिल कई माह से जारी हो रहे हैं। अकेले तीन से चार माह का 50 लाख रुपए से अधिक के बिल हो गए हैं। इस संबंध में आयुक्त ने कार्यपालन अभियंता शहर संभाग को पत्र लिखकर फर्जी बिलों की जानकारी देते हुए वित्तीय क्षति से बचाने व राशि समायोजन करने की बात कही है। 26 दिसंबर से लेकर अभी तक नगर निगम ने इस संबंध में बिजली विभाग को 3 बार पत्र लिखकर राशि समायोजन करने व वित्तीय क्षति से बचाने के लिए पत्राचार किया जा चुका है। कार्यपालन अभियंता शहर संभाग को आयुक्त ने पत्र क्रमांक 2976/विद्युत विभाग,2024-25 भेजा गया है।
आयुक्त ने डीई को कहा है कि नगर निगम द्वारा मासिक रूप से विद्युत देयकों का भुगतान प्रतिमाह किया जा रहा है। नगर निगम में संचालित विद्युत देयकों की रीडिंग लेने के लिए स्थापित मीटरों का भौतिक परीक्षण करने के लिए उपयंत्री मोना करेरा के साथ दल गठित किया गया था। स्थानीय स्तर पर आपके विभाग अंतर्गत लाइनमैन आदि से मौखिक रूप से जानकारी ली गई है। जांच में सामने आया है कि हर माह नगर निगम को लगभग 11 लाख रुपए की वित्तीय क्षति हो रही है। विगत कुछ माहों की गणना में सामने आया है कि लगभग 50 लाख रुपए से अधिक देयक नगर पालिक निगम द्वारा आपके कार्यालय के खाते में जमा किया गया है। आयुक्त ने डीई को सूची के अनुसार परीक्षण कर समुचित कार्रवाई से अवगत कराने व ननि की वित्तीय क्षति कम करने कहा है।
भेजे जा रहे हैं ये बिल
बिजली विभाग द्वारा नगर निगम को अरविंद प्यासी, मनीराम रघुवंशी, गजानन पाठक, अमित खरे ऐसे हैं जिनके यहां कनेक्शन ही नहीं हैं। इसके अलावा गाटरघाट विसर्जन स्थल के पास, पाठक वार्ड, रबर फैक्ट्री रोड, छपरवाह चौधरी मोहल्ला, अधारकाप, इंदिराज्योति कॉलोनी नेपाली मोहल्ला, कृषि उपज मंडी के पीछे पन्नी कॉलोनी, इंदिरा नगर गली-9, स्माल वंडर स्कूल के पास, डॉ. डीपी साहू के घर के पास, अधारकाप शिव मंदिर के पास, माई नदी के पास, सीएल प्लाजा के पास, भट्टा मोहल्ला सुरेश दुबे के घर के पास, गाटरघाट विसर्जन स्थल, अधारकाप, तिलक कॉलेज गेट के पास, रबर फैक्ट्री रोड, डन कॉलोनी मोड़ के पास, द्वारिका सिटी, जगन्नाथ चौक के पास, एमपी हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी, शंकरजी के मंदिर के पास कटनी व भट्टा मोहल्ला खदान के पास मिलाकर 28 कनेक्शनों के बिल भेजे जा रहे हैं। जिनकी एक माह की बिलिंग 11 लाख 12 हजार 948 रुपए है।
अचानक मीटर लगाने का आरोप!
अभी तक आपने अधिक रीडिंग, कम रीडिंग, रीडिंग के अनुसार बिल न आना, या खपत से अधिक बिल आ जाने का वाक्या सुना है, लेकिन यह मामला हैरान करने वाला है। जहां पर कनेक्शन और ना ही मीटर होने का दावा नगर निगम आयुक्त ने किया है। आयुक्त ने तो यहां तक कहा है कि जब बिजली विभाग को यह पत्र लिखा गया तो विभाग के कुछ कर्मचारी कुछ स्थानों पर रातोरात मीटर लगाने पहुंच गए थे, जिनकी भी जांच कराई जा रही है।
बिजली कंपनी ने दिया तर्क
आयुक्त के पत्र लिखे जाने के बाद जहां बिजली कंपनी में हडक़ंप की स्थिति मची हुई तो वहीं बिजली कंपनी ने भी पलटवार किया है। कार्यपालन अभियंता शहर का कहना है कि नगर निगम के अधिकारियों ने बिना किसी जांच के पत्र लिख दिया है। सभी जगह कनेक्शन हैं व मीटर लगे हैं। अधिकारियों को वास्तविकता की ही जानकारी नहीं है। कई स्थानों पर तो क्षमता से अधिक भार है, जिसपर कार्रवाई की जाएगी।
वर्जन
बिजली कंपनी द्वारा विभाग को हर माह लगभग सवा 11 लाख रुपए के बिल भेजे जा रहे हैं, जिनके ना तो कनेक्शन हैं और ना ही मीटर। तीन माह में लगभग 50 लाख रुपए के बिल आए हैं। इस संबंध में कार्यपालन अभियंता शहर संभाग को पत्र लिखकर जानकारी भेजी गई है व समायोजन करते हुए वित्तीय क्षति कम करने कहा गया है।
नीलेश दुबे, आयुक्त नगर निगम।
वर्जन
नगर निगम का पत्र प्राप्त हुआ है, उसमें तीन माह में 50 लाख रुपए के बिल बेवजह भेजना बताया गया है, जिनका कोई आधार नहीं है। हमने जांच कराई है। बिल सही जा रहे हैं। कई स्थान पर तो भार से अधिक बिजली का उपयोग होना पाया गया है, जिस संबंध में कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में नगर निगम को भी अवगत करा दिया गया है।
मुकेश मोहबे, डीई शहर।
Published on:
28 Feb 2025 08:27 pm
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