
Fake company exposed in GST raid
कटनी. स्टेट जीएसटी के द्वारा तीन जिलों कटनी, जबलपुर, छिंदवाड़ा में बड़ी कार्रवाई की गई है। एक फर्म द्वारा फर्जी तरीके से आयरन स्कै्रप का कारोबार सिर्फ कागजों में करने का भंडाफोड़ हुआ है। करोड़ों रुपए के न सिर्फ ट्रांजेक्शन हुए हैं बल्कि करोड़ों रुपए के टैक्स की चोरी भी की गई है। फर्म द्वारा इनपुट टैक्स क्रेडिट चोरी करने के इरादे से यह बड़ा खेल किया गया है। विभाग द्वारा अब कारोबारी को तलाशा जा रहा है, ताकि वास्तविकता का पता लगाया जा सके।
जानकारी के अनुसार स्टेट जीएसटी की टीम ने भारती इंटरप्राइजेज संचालक मयूरी जैन निवासी बुधनी सिहोर की फर्म का संचालन माधवनगर के राबर्ट लाइन में होना बताया गया है। कंपनी द्वारा आयर स्क्रैप का कारोबार बताकर पंजीयन कराया गया व फर्म का संचालन होना बताया गया है। इमें हर माह लेनदेन भी होता रहा। एक साल में 10 करोड़ रुपए से अधिक के ट्रांजेक्शन होना बताया जा रहा है, इसमें कंपनी द्वारा आइटीसी चोरी की जा रही थी। मुख्यालय के निर्देश पर टीम को फर्म की जांच करने के निर्देश दिए।
टीम ने दी दबिश तो नहीं मिली फर्म, हुआ यह खुलासा
मुख्यालय से मिले रेड कार्रवाई के निर्देश पर जीएसटी की टीम ने माधवनगर के रॉबर्ट लाइन पहुंची। जब यहां पर फर्म की तलाश की तो कोई भारतीय इंटरप्राइजेज नाम की फर्म नहीं मिली। कंपनी द्वारा 2024 में नानकी बाई चावला के नाम का किरायानामा लगाया गया है, जब उनके परिजनों से पूछताछ की गई तो पता चला कि इनकी मौत 2009 में हो गई है। उनके फर्जी हस्ताक्षर व किरायानामा बनवाकर कंपनी कार्यालय होने का उल्लेख किया गया है।
बड़ी चेन का है अनुमान
बताया जा रहा है कि इस खेल में बड़ी चेन शामिल है। आयरन स्क्रैप के नाम पर करोड़ों का खेल किया जा रहा है। जीएसटी टीम को प्रारंभिक जांच में 10 करोड़ रुपए से अधिक के ट्रांजेक्शन की रिपोर्ट हाथ लगी है। तीनों जिलों को मिलाकर कई करोड़ रुपए बताए जा रहे हैं। करोड़ रुपए के इनपुट टैक्स क्रेडिट चोरी का अनुमान लगाया जा रहा है। इस मामले की जीएसटी द्वारा व्यापक स्तर की जांच की जा रही है। इस फर्म के संचालकों का पता लगाया जा रहा है।
वर्जन
जीएसटी मुख्यालय के निर्देश पर रॉबर्ट लाइन में संचालित होने वाली आयरन स्क्रैप की भारती इंटरप्राइजेज फर्म की जांच की गई है। यहां पर कोई फर्म नहीं मिली। जिस महिला के नाम का किरायानामा लगा है उनकी मौत 2009 में हो चुकी है। करोड़ों रुपए के ट्रांजेक्शन हुए है। बड़े पैमाने पर इनपुट टैक्स क्रेडिट चोरी की आशंका है। जांच पूरी होने के बाद भी इसमें कुछ बताया जा सकेगा।
प्रकाश सिंह, उपायुक्त जीएसटी।
Published on:
27 Mar 2025 09:16 am
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