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छह दिन बाद पांच नंबर प्लेटफॉर्म में शुरू हुई वेंडिंग, छापामार कार्रवाई के बाद हो गईं थीं बंद

- मुख्य रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 5 पर छह दिन बाद खाद्य सामग्री की वेंडिंग शुरू हुई है। बता दें कि 12 जून से वेंडरों ने काम बंद कर दिया था। इसकी मुख्य वजह थी जबलपुर विजलेंस और आरपीएफ द्वारा अवैध वेंडरों पर कार्रवाई किया जाना। - नियम के अनुसार जिस स्थान पर स्टॉल है वहीं से ही वेंडर खाद्य सामग्री यात्रियों को बेच सकते थे, लेकिन पिछले कई दिनों से मनमानी जारी थी। वेंडर पूरे प्लेटफॉर्मों में घूम-घूमकर खाद्य सामग्री बेच रहे थे। - इससे न सिर्फ नियमों का उल्लंघन हो रहा था बल्कि रेलवे को राजस्व की क्षति भी पहुंच रही थी। टीम ने दबिश देकर कार्रवाई की थी।

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कटनी

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Balmeek Pandey

Jun 18, 2019

Jaipur to Ringas Sikar Train Route

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कटनी. मुख्य रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 5 पर छह दिन बाद खाद्य सामग्री की वेंडिंग शुरू हुई है। बता दें कि 12 जून से वेंडरों ने काम बंद कर दिया था। इसकी मुख्य वजह थी जबलपुर विजलेंस और आरपीएफ द्वारा अवैध वेंडरों पर कार्रवाई किया जाना। नियम के अनुसार जिस स्थान पर स्टॉल है वहीं से ही वेंडर खाद्य सामग्री यात्रियों को बेच सकते थे, लेकिन पिछले कई दिनों से मनमानी जारी थी। वेंडर पूरे प्लेटफॉर्मों में घूम-घूमकर खाद्य सामग्री बेच रहे थे। इससे न सिर्फ नियमों का उल्लंघन हो रहा था बल्कि रेलवे को राजस्व की क्षति भी पहुंच रही थी। टीम ने दबिश देकर कार्रवाई की थी। जिसके विरोध में वेंडरों ने काम भी बंद कर दिया था। रेल अधिकारियों से सख्ती दिखाई। अब फीस जमा करने के बाद से मात्र पांच नंबर प्लेटफॉर्म पर खाद्य सामग्री की वेंडिंग शुरू हुई है। इसके लिए ठेकेदारों को एक्स्ट्रा लाइसेंस फीस जमा कराई गई है। पांच नंबर में आरडी शर्मा द्वारा ठेका लिया गया है। यहां पर काम अभिलाष केशरवानी द्वारा देखा जा रहा है, जिनसे अतिरिक्त फीस जमा कराने की कार्रवाई की गई है।

निर्धारित यूनीफॉर्म में रहेंगे वेंडर
स्टॉल के अलावा जो भी वेंडर प्लेटफॉर्म में खाद्य सामग्री बेचेंगे उन्हें ड्रेस कोड का पालन करना होगा। रेलवे अधिकारियों के अनुसार अब ऐसे वेंडरों को काला पेंट और नेवी ब्लू टीशर्ट में रहकर ही खाद्य सामग्री बेचना पड़ेगी। इसके अलावा वेंडर और लाइसेंसी का नाम भी लिखवाना पड़ेगा। आइडी कार्ड जबलपुर से बनकर आएंगे। तभी यहां-वहां घूमकर खाद्य सामग्री बेचेंगे। खास बात यह है कि गाड़ी के अंदर वे खाद्य सामग्री नहीं बेचेंगे। इसके अलावा दूसरे स्टॉल लगे हैं उनके दो मीटर से दूर ही जाकर बेंच पाएंगे।

दो ठेकेदारों को लगेगी मोटी फीस
मुख्य रेलवे स्टेशन के दो ठेकेदारों को मोटी फीस चुकानी पड़ेगी। फूड प्लाजा और जन आहार वालों को अधिक फीस जमा करनी होगी। ठेका मंजूरी के दौरान जो फीस ज्यादा थी उसी फीस के अनुसार ही अतिरिक्त फीस लगाई जा रही है। जन आहार में 12 वेंडर चलाने के लिए साढ़े 6 लाख रुपये सालाना लगेगी। फूड प्लाजा वाले को 12 वेंडर के लिए 4 लाख 70 हजार रुपये शुल्क लगेगा। बता दें कि हेमंत शुक्ला के 3-4 पर, साहनी के स्टॉल 1-2 पर हैं। इनकों 8-8 वेंडरों के मान से 80 हजार रुपये का शुक्ल जमा करना होगा।