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कमाल की धरती पुत्री: शक्कर की जगह लोगों की जिंदगी में इस फसल से घोलेंगी मिठास, दूर होगी शुगर की बीमारी

- देशवासियों को 'शुगर फ्री' बनाने देश का पहला स्टीविया फॉर्मिंग प्लांट, युवा किसान देवांशी बनीं मिसाल, लाखों की नौकरी छोड़ शुरू की मीठी तुलसी की खेती।- मीडिया साइकोलॉजी, लिट्रेचर में मास्टर डिग्री, ब्रिटिश काउंसिल में काम, इंडिया और यूके के संबंध पर रिसर्च और डिप्लोमैटिक रिलेशन पर काम, हिमांचल में दराई लांबा के साथ सामाजिक क्षेत्र में काम करने के बाद अपनाया खेती करा रास्ता।- इस काम से हर माह लाखों रुपये की कमाई छोड़कर बेटी ने देश के लिए कुछ अलग कर गुजरने का चाह को लेकर शुरू की पहल।- देश के किसानों की आय को बढ़ाने के लिए उठाया है बीड़ा, पौधे बेचकर व किसानों को खुद तैयार करने कर रहीं प्रेरित, उद्यानिकी विभाग कर रहा मदद।

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कटनी

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Balmeek Pandey

Jul 09, 2019

Girl doing unique farming Stivia

Girl doing unique farming Stivia

कटनी. मीडिया साइकोलॉजी और लिट्रेचर में मास्टर डिग्री के बाद ब्रिटिश काउंसिल में काम..., इंडिया और यूके के संबंध पर रिसर्च और डिप्लोमैटिक रिलेशन पर काम, हिमांचल में दराई लांबा के साथ सामाजिक क्षेत्र में काम, इस काम से हर माह लाखों रुपये की कमाई, लेकिन मन में कौंध रही अन्नदाता की समस्या ने नौकरी छोडऩे को विवश कर दिया और अब ऐसे क्षेत्र में हाथ आजमाना शुरू कर दिया है, जिससे करोड़ों रुपये की आमदनी तो होगी ही साथ ही देशवासियों को गंभीर बीमारी 'शुगर' से मुक्ति मिलेगी। याने कि शक्कर के स्थान पर लोग अब स्टीविया के माध्यम से मिठास का भरपूर आनंद उठा सकेंगे। युवा कृषक देवांशी देवा ढीमरखेड़ा विकासखंड के ग्राम मंगेली में खेती शुरू की है। 30 एकड़ क्षेत्र में औषधि पौधों की खेती शुरू की है। देवांशी ने कॉन्टेक्ट फॉर्मिंग के माध्यम से स्टीविया (मीठी तुलसी) का पौधारोपण कराया है। खास बात यह है कि देश का यह पहला ऐसा प्लांट तैयार हुआ है जो लोगों को शक्कर के स्थान पर स्टीविया से शुगर मुक्त करेगा। देवांशी औषधि पौधा मीठी तुलसी का मदर प्लान्ट तैयार कर जिले के अन्य किसानों को पौधरोपण के लिये पौधे विक्रय की तैयारी की है। परियोजना अधिकारी उद्यान वीरेन्द्र सिंह, वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी ढीमरखेड़ा आरपी गौतम द्वारा इन किसानों को उत्कृष्ट कृषि के बारे में तकनीकी मार्गदर्शन दिया जा रहा है।

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खास-खास:
- देवांशी ने बताया कि मीठी तुलसी का प्लांट 100 एकड़ में करने का लक्ष्य रखा है, इसके साथ किसानों को हजारों एकड़ में कराने का। पांच एकड़ में प्लांटेशन पूरी तरह तैयार है, दो-दो एकड़ हर हफ्ते हो रहा है।
- दो से तीन माह में फसल हो जाती है तैयार, फसल काटकर तैयार किया जा रहा स्टीविया, 10 साल के लिए गांव में किसानों से देवांशी ने ली है सिकमी में जमीन, खेत में ही तैयार किया स्टीविया की फैक्ट्री।
- प्राकृतिक मिठाई के साथ वजन घटाने, एंटी बैक्टीरिया और एंटी इंफ्लेमेटरी सहित रक्तचाप को करती है कम,, डायजीशन सिस्टम ठीक करने, हेल्थ सुधारने पर होगा उपयोग।

patrika IMAGE CREDIT: patrika

किसानों की आय बढ़ाने विशेष प्रयास
देवांशी खुद स्टीविया का बड़ा प्लांट तैयार तो कर ही रहीं हैं साथ ही क्षेत्र और जिले के किसानों की आय को बढ़ाने के लिए प्रयास कर रही हैं। किसानों को स्टीविया सहित अन्य उद्यानिकी की खेती करने प्रेरित कर रही हैं। अभी तक 50 किसान जुड़ चुके हैं। देवांशी ने कहा कि पढ़ाई करने के बाद और हालातों को जानने के बाद यह आभाष हुआ कि खेती बहुत जरूरी है। किसानों की आय बहुत कम है, परंपरागत खेती में कम आमदनी हो रही है। उद्यानिकी से किसान और देश की तकदीर को बदलना है, आय को तीन गुना तक बढ़ाना है।

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बड़ा तय किया है लक्ष्य
देवांशी ने बताया कि मीठी तुलसी का प्लांट सौ एकड़ से में करने का लक्ष्य रखा है, इसके साथ किसानों को हजारों एकड़ में कराना का। पांच एकड़ में प्लांटेशन पूरी तरह तैयार है, दो-दो एकड़ हर हफ्ते हो रहा है। बता दें कि मीठी तुलसी एकदम नेचुरल तरीके से तैयार की जा रही है। शुगरफ्री पत्तियों से चीनी की तरह तैयार किया जा रहा है। इसमें जीरों कार्बोहाइडे्रट रहता है। यह पूरी तरह ये डायबिटिक फ्रेंडली है, शुगर मरीजों के लिए अमृत का काम करेगी।