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शहर की साहसी-बहादुर बेटी अमिता: खतरों से खेलकर बचा रही हजारों जान

समाज के लिए बनीं मिसाल, 29 हजार गौ-सेवा से लेकर 450 सांपों का किया रेस्क्यू, जीव-जंतुओं की रखवाली में समर्पित है जीवन

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कटनी

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Balmeek Pandey

Sep 22, 2025

Girl rescuing snakes

Girl rescuing snakes

कटनी. शहर के राजीव गांधी वार्ड क्रमांक 14 सिंघई का बगीचा निवासी अमिता श्रीवास (30) ने समाज में मिसाल कायम की है। एम.कॉम और आईटीआई की पढ़ाई पूरी करने के बाद जहां वे नौकरी या अन्य क्षेत्र में जा सकती थीं, लेकिन उन्होंने समाजसेवा और जीव-जंतुओं की सेवा को ही जीवन का उद्देश्य बना लिया। साल 2019 से अमिता ने मूक मवेशियों, पक्षियों और घायल जानवरों की सेवा करना शुरू किया। धीरे-धीरे उनका यह दायरा बढ़ता गया और आज वे न केवल गायों और श्वानों का उपचार करती हैं बल्कि जहरीले सांपों, गोह और अन्य खतरनाक जीवों का रेस्क्यू भी करती हैं। उनकी बहादुरी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वे अब तक 450 सांपों का रेस्क्यू कर चुकी हैं, जिनमें कई बार लोगों की जान बचाने का बड़ा योगदान रहा है।

गौ-सेवा से लेकर घायल जीवों की देखभाल

अमिता अब तक 29 हजार गायों और बछड़ों की सेवा कर चुकी हैं। इसके अलावा सैकड़ों घायल श्वान, बिल्ली, पक्षी, बंदर और गिलहरी का भी उपचार कर उन्हें नई जिंदगी दी है। कटनी स्टेशन के प्लेटफॉर्म क्रमांक 5 के पीछे उन्होंने एक गौशाला बनाई है। यहां फिलहाल 18 गाय-मवेशी, 12 बिल्ली, 7 कुत्ते, 3 खरगोश, एक गिलहरी और एक बंदर घायल अवस्था में हैं जिनकी सेवा-चिकित्सा की जा रही है।

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हर दिन खतरे से सामना

अमिता के जीवन में सेवा के साथ खतरा भी जुड़ा हुआ है। कोबरा और अन्य जहरीले सांपों के साथ उनका रोज का सामना होता है। फिर भी वे निर्भय होकर रेस्क्यू करती हैं और सांपों को सुरक्षित जंगल में छोड़ देती हैं। उनकी इस सेवा से न केवल लोगों की जान बच रही है बल्कि सर्पों का जीवन भी सुरक्षित हो रहा है।

इसलिए चुना सेवा का रास्ता

अमिता का कहना है कि मूक प्राणियों और जीवों की सेवा से उन्हें सबसे ज्यादा सुकून और खुशी मिलती है। उनका मानना है कि जिनका कोई नहीं, उनके लिए सहारा बनना ही जीवन का सबसे बड़ा संतोष है। यही कारण है कि उन्होंने समाजसेवा को अपनी पहचान बना लिया है। अमिता श्रीवास आज कटनी ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के लिए बहादुरी और संघर्ष की प्रेरणादायी मिसाल बन चुकी हैं। उनके कार्यों से न केवल जीव-जंतु सुरक्षित हैं बल्कि समाज में सेवा और करुणा की नई अलख भी जग रही है।