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सीएम हेल्पलाइन में भ्रष्टाचार की भोपाल से बैठकर करता है शिकायत, मामला वापस लेने फोन पर ऐसे बनाता है रुपयों के लिए दबाव

सीएम हेल्पलाइन अब कुछ लोगों के लिए वसूली का जरिया बन गई है। ऐसा ही दो मामले जिले में सामने आए हैं। रीठी जनपद क्षेत्र की ग्राम पंचायत सिमराकला व बड़वारा जनपद क्षेत्र की रोहनिया ग्राम पंचायत में मामले प्रकाश में आए हैं। अवैध रूप से रुपयों की मांग करने वाले के विरुद्ध शिकायत के 10 दिन बाद भी रीठी पुलिस ने एफआइआर दर्ज नहीं की है।

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कटनी

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Balmeek Pandey

Feb 10, 2020

CM helpline is not solving Municipal Corporation Katni

CM helpline is not solving Municipal Corporation Katni

कटनी. सीएम हेल्पलाइन अब कुछ लोगों के लिए वसूली का जरिया बन गई है। ऐसा ही दो मामले जिले में सामने आए हैं। रीठी जनपद क्षेत्र की ग्राम पंचायत सिमराकला व बड़वारा जनपद क्षेत्र की रोहनिया ग्राम पंचायत में मामले प्रकाश में आए हैं। अवैध रूप से रुपयों की मांग करने वाले के विरुद्ध शिकायत के 10 दिन बाद भी रीठी पुलिस ने एफआइआर दर्ज नहीं की है। बता दें कि सीएम हेल्पालइन नंबर 10144202 है। 24 जनवरी 2020 को अतुल कुमार जिला बैतूल ने शिकायत की। शिकायत में उल्लेख किया कि विभिन्न मदों से कराए गए निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार की जांच कराने मांग की। 9669476588 से फोन कर शिकायतकर्ता ने शिकायत बंद कराने के लिए रोजगार सहायक से 25 हजार रुपये की मांग की। समझौता न करने पर मीडिया में मामला उछालने व नौकरी से निकलवाने सहित लड़कियों से फंसवाने की धमकी दी है। झूठी शिकायत करने व रुपयों की मांग करने पर सचिव व जीआरएस ने जनपद सीइओ प्रदीप सिंह को जानकारी दी। सीइओ ने एफआइआर कराने कहा। शिकायत 30 जनवरी को रीठी थाने में दी गई, लेकिन अबतक एफआइआर दर्ज नहीं की गई।

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बड़वारा में भी शिकायत
बड़वारा जनपद क्षेत्र की ग्राम पंचायत रोहनिया में भी ऐसा मामला सामने आया है। जनपद सीइओ ज्ञानेंद्र मिश्रा ने बताया कि एक व्यक्ति ने सीएम हेल्पालाइन में शौचालय निर्माण की शिकायत की। गुणवत्तायुक्त निर्माण न होने की शिकायत की। शिकायत वापस लेने के लिए 24 हजार रुपयों की मांग है। इसके लिए रोजगार सहायक पूजा कचेर व सचिव को थाने में एफआइआर कराने के लिए कहा है। बड़वारा वाले मामले में भी यही व्यक्ति की आवाज होना बताया जा रहा है।

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यह है बातचीत के अंश
जीआरएस-सर कामों की जो मांग किए हैं
शिकायतकर्ता- काम मत बताओ उठाकर छाप दूंगा, मालूम है कितने काम हुए हैं, मैं बहुत व्यस्त आदमी हूं, मुद्दे की बात करो, सेटिंग करना है, या बात बढ़ानी है, नहीं तो जानकारी बनाकर लेवल 1 में भेजू।
जीआरएस- क्या करना है सर।
शिकायतकर्ता- 25 हजार रुपये दे दो बंद करवा देंगे शिकायत।
जीआरएस- 25 हजार ज्यादा होते हैं सर।
शिकायतकर्ता- ज्यादा कहा हैं आप जनपद, जिला, भोपाल मुख्यालय में दोगे, जांच में दोगे, टोटल करोगे तो यह बहुत कम है।
जीआरएस- काम फर्जी नहीं हुए सर।
शिकायतकर्ता- जीआरएस हो, तुम्हारी नौकरी कम मै, मेरा अनुभव ज्यादा है, मैं कई संगठनों का प्रदेश अध्यक्ष हूं, मुझे हर कुछ आता है, 25 हजार में मामला सेटल करना है तो ठीक है, नहीं तो कई फोन आएंगे, महिलाओं से फोन लगवाऊं।
जीआरएस- मिलेंगे कहां।
शिकायतकर्ता- भोपाल आ जाओ।
जीआरएस- भोपाल दूर है।
शिकायतकर्ता- हम जहां रहते हैं वहीं आना पड़ेगा, एमपी नगर भोपाल 163 नंबर में शाप है। अकाउंट में डाल दो, गूगल पे, फोन पे कर दो, 10 हजार किराया-भाड़ा बच जाएगा, बगैर रुपयों के बात नहीं बनेगी, रायता फैलाओगे तो बात बिगड़ेगी, मैं मानवता में मामला खत्म कर रहा हूं। रायता फिर समेट नहीं पाओगे। सिर पर चुनाव है, सिर के बल प्रशासन लिटा देगा तुमको, 25 हजार से एक रुपये कम मत करना, रुपये नहीं दिए तो क्या हस्र होगा यह सोच भी नहीं सकते।
जीआरएस- मैं सरपंच-सचिव से बात कर लू।
शिकायतकर्ता- आप सरपंच-सचिव से बात कर लो, कन्फंर्म कर लो, इसके बाद अकाउंट नंबर भेजूंगा, संक्रामक बीमारी की तरह फैल जाएगा मामला, ऐसी औश्र 25 सीएम हेल्पलाइन और लगवा दूंगा।

जीआरएस- छोटी पंचायत है, फर्जी काम नहीं हुए।

शिकायतकर्ता- क्या चाहते हो, आपकी जनपद और जिला पंचायत वाले फोन कर रहे हैं। मैं बहुत व्यस्त रहता हूं, आपके यहां से एल-1 में चली जाएगी तो मित्र सामने चुनाव है फिर दिक्कत हो जाएगी। नौकरी बहुत मुश्किल से मिलती है, मैं तुम्हारी नौकरी नहीं खाना चाहता। आलू-भटा नहीं ले रहे, जब सहमति बन जाए तो फोन लगाना, कब फोन लगाओ।

जीआरएस- जब सरपंच-सचिव कह देंगे तब फोन लगाऊंगा।

शिकायतकर्ता- मैं बैठा नहीं रहूंगा, समझा रहा हूं, समझ जाओ, कमलानाथ केबिनेट में प्रस्ताव रखा गया है कि जिन पंचायतों के शिकायत मामले लंबित हैं उन्हें बर्खास्त किया जाए, ऐसा हो गया तो तुम्हारे लिए काला दिन होगा, आज की तारीख में ही फोन लगा देना।

इनका कहना है
अभी इस मामले में एफआइआर दर्ज नहीं हुई है। रीठी सीइओ से बात कर शीघ्र ही इसमें कार्रवाई की जाएगी।
अजय राजोरिया, थाना प्रभारी, रीठी।

रीठी पुलिस सहित जिले के अधिकारियों व भोपाल मुख्यालय में भी सूचना दी गई है। रीठी पुलिस एफआइआर क्यों नहीं दर्ज कर रही इस संबंध में वही बता पाएंगे।
प्रदीप सिंह, रीठी जनपद सीइओ।