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विश्व टीबी दिवस आज: टीबी को हराने के लिए पूर्व सिविल सर्जन ने बताए उपाय, हजारों रोगियों को किया है ठीक

Katni Page one news

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कटनी

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Balmeek Pandey

Mar 24, 2025

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क्षय रोग से लडऩे के लिए दी अहम सलाह, बताए बचाव और उपचार के उपाय, जिले में 926 मरीज आए हैं सामने

कटनी. टीबी (क्षय रोग) एक ऐसी बीमारी है, जिसे सही समय पर पहचान और नियमित दवा के सेवन से पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। यह कहना है क्षय रोग विशेषज्ञ एवं पूर्व सिविल सर्जन डॉ. एसके शर्मा (एमबीबीएस, एमडी टीबी रोग विशेषज्ञ) का। उन्होंने बताया कि टीबी का इलाज संभव है, लेकिन इसके लिए मरीज का पूरा कोर्स करना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि अबतक उनके द्वारा शासकीय तौर पर 60 हजार और निजी तौर पर 40 हजार रोगियों का उपचार कर चुके हैं। 2002 में प्रदेश में कटनी में संशोधित क्षय राष्ट्रीय क्षय कार्यक्रम लागू कराने का एवार्ड प्राप्त कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि विश्व क्षय रोग दिवस पर 1 दिन में शिविर लगाकर संभावित 300 से अधिक क्षय रोगियों की जांच की गई है।
डॉ. शर्मा ने कहा कि अक्सर लोग लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं या दवा बीच में छोड़ देते हैं, जिससे बीमारी दोबारा लौट आती है और दवा प्रतिरोधक (एमडीआर/एक्सडीआर) बन जाती है। इससे इलाज जटिल हो जाता है। इसलिए जरूरी है कि मरीज टीबी के लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराएं और डॉक्टर की सलाह के अनुसार पूरा इलाज करें। भारत सरकार द्वारा टीबी मरीजों के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं, ताकि टीबी को जड़ से खत्म किया जा सके। इन योजनाओं के तहत मरीजों को मुफ्त जांच, मुफ्त दवा और पोषण सहायता दी जा रही है। निक्षय पोषण योजना, डॉट्स थेरेपी, मुफ्त जांच सुविधा, गेनेक्सपर्ट, माइक्रोस्कोपी, एक्स-रे जैसी जांचें निशुल्क, बीसीजी टीकाकरण, एमडीआर/एक्सडीआर टीबी उपचार, दवा-प्रतिरोधक टीबी मरीजों को विशेष चिकित्सा सुविधाएं और एडवांस इलाज से हम इस भयावहता से बच सकते हैं।

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टीबी मरीजों को पौष्टिक आहार
जिले में पीडि़त मानवता की सेवा का सामाजिक अनुष्ठान चल रहा है। कलेक्टर दिलीप कुमार यादव के निर्देशन में जिले को 2025 में टीबी मुक्त बनाने के प्रयास जारी हैं। अब तक 925 टीबी मरीजों को पौष्टिक आहार देनें का कार्य चल रहा है। इस दौरान निर्धारित लक्ष्य 4 लाख 27 हजार 594 के विरूद्ध 4 लाख 65 हजार 993 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। 47 हजार लोगों का एक्स-रे और न्यूक्लेइक एसिड एम्प्लीफिकेशन टेस्ट 11 हजार लोगों का किया गया। जिले में 502 से नि-क्षय मित्र बने है, जिन्होनें टीबी रोग से पीडि़त लोगों को गोद लेकर उन्हे पौष्टिक आहार देने का सामाजिक दायित्व निभा रहे हैं।

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टीबी के प्रमुख लक्षण
डॉ. शर्मा ने कहा कि लगातार दो महीने से अधिक समय तक खांसी होना, बुखार रहना, रात में पसीना आना, तेजी से वजन कम होने को नजर अंदाज न करें। लक्षण दिखते ही तुरंत जांच कराएं। नजदीकी सरकारी अस्पताल में जाकर जांच कराएं और समय पर इलाज शुरू करें। उन्होंने यह भी कहा कि टीबी का इलाज केवल एक मेडिकल प्रक्रिया नहीं है, बल्कि समाज के प्रति जिम्मेदारी भी है। जब मरीज पूरा इलाज करता है, तो वह खुद को स्वस्थ करने के साथ-साथ दूसरों को भी संक्रमण से बचाता है। टीबी को हराने के लिए समाज की भागीदारी बेहद जरूरी है। सही समय पर जांच, इलाज और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर ही इस बीमारी को जड़ से समाप्त किया जा सकता है।

कोई न छूटे
कलेक्‍टर यादव के निर्देश हैं कि जिले का कोई भी टीबी मरीज इलाज और पौष्टिक आहार से न छूटे, इसके लिए सुनियोजित रणनीति पर कटनी जिले में कार्य किया जा रहा है। टीबी दवाईयां शासन से पूरी तरह निःशुल्क दी जाती है। लेकिन ये तभी असरकारी और प्रभावी सिद्ध होती है जब मरीज को पोषण युक्त आहार मिले। इसके लिए सामाजिक सहभागिता का आह्वान कर मरीजों को गोद लेने हेतु प्रेरित किया जा रहा है। कलेक्टर श्री यादव ने कहा कि जिले में इसे जन-आंदोलन बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

मरीजों को मिल रहा पौष्टिक आहार

जिले में टीबी रोगियों को नि-क्षय मित्रों की मदद से पौष्टिक आहार देने का अनुष्ठान चल रहा है। जिले में चल रहा यह प्रयास और कार्य इस बात की गवाही देता है कि, चुनौती चाहे कितनी भी बड़ी क्यों न हो, जब समाज की भागीदारी हो जाये तो नया रास्ता भी निकलता है। कलेक्टर यादव कहते है की- जिले में टी.बी के खिलाफ निर्णायक जंग मे सम्मिलित प्रयासों की दरकार है, और कटनी में इसके लिए लोगों के उठे हजारों हाथों ने बड़ी चुनौती को भी बौना बना दिया है। यहां का हर नागरिक टी.बी मुक्त कटनी बनाने के महायज्ञ में जीतेगा कटनी, हारेगा टी बी के संकल्प के साथ अपने हिस्से की पुण्य आहुति देने प्रतिबद्ध है।