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#LockDown: सीजन में होती थी अच्छी खासी कमाई, लॉक डाउन ने तोड़ दी इनकी कमर…

शादी समारोहों के टलने से फूल विक्रेताओं का लाखों का नुकसान, स्टेज व गाड़ी सजाने के आर्डरों से सीजन में होता था अच्छा खासा मुनाफा

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कटनी

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Mukesh Tiwari

Apr 16, 2020

Loss of flower vendors in lock down

खाली पड़ी फूलों की दुकानें।

कटनी. चैत्र नवरात्र से शहर की फूल मंडी में रौनक छाने लगती थी। शुभ कार्य शुरू होने से व्यापारियों को अच्छा खासा मुनाफा होता था। लॉक डाउन में शादी समारोहों लोगों ने टाल दिए हैं और उसका असर शहर के फूल विक्रेताओं पर भी पड़ रहा है। शादी, सगाई में स्टेज सजाने से लेकर मेहमानों के स्वागत और गाड़ी सजाने के आर्डर विक्रेताओं को मिलते थे और उनसे होने वाली कमाई सीजन में लाखों में जाती थी। लॉक डाउन ने विक्रेताओं की कमर तोड़ रखी है। शहर की फूल मंडी में दो दर्जन के लगभग दुकानें हैं। नवरात्र से लेकर एक माह के समय में प्रत्येक विक्रेता को शादियों के चलते आठ से दस तक आर्डर मिलते थे। प्रत्येक विक्रेता को एक माह की अवधि में 40 से 50 हजार की कमाई होती थी। इस हिसाब से लाखों रुपये का फूलों का व्यापार विक्रेता करते थे लेकिन इस साल रोजाना दो घंटे के लगभग दुकान खोलने से एक माह से मुश्किल से परिवार का गुजारा चल पा रहा है। विक्रेताओं का कहना है कि अभी का सीजन गया और आने वाले एक माह तक अभी कोई भी उम्मीद नजर नहीं आ रही है।

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किसानों का भी हो रहा नुकसान
शहर के माई नदी क्षेत्र, जुहला रपटा, मझगवां, कैमोरी, बिलहरी, पिपरौध सहित आसपास के गांवों में कई किसान फूलों की खेती करते हैं। सभी किसान फूल मंडी में ही बिक्री करते हैं। विक्रेताओं के पास डिमांड न होने से किसानों को भी खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है। खेतोंं में जिस हिसाब से फूल उपलब्ध हैं, उस हिसाब से विक्रेता खरीद ही नहीं रहे हैं। वहीं दूसरे जिलों से आने वाले फूलों पर पिछले एक माह से पूरी तरह से रोक लगी हुई है।
खास-खास-
- एक माह से सिर्फ घरों में पूजा के लिए फूल खरीद रहे लोग
- दो से तीन घंटे खुल रहा बाजार
- अधिकांश विक्रेता लोगों के घरों तक पहुंचा रहे फूल
- सीजन की कमाई से ही विक्रेताओं सालभर के लिए परिवार की आवश्यक सामग्री कर पाते हैं पूर्ति
इनका कहना है...
नवरात्र के बाद से लेकर जुलाई के प्रथम सप्ताह तक शादी समारोहों के कारण फूलों की अच्छी खासी डिमांड रहती है। लॉक डाउन में धंधा लगभग बंद है। विक्रेताओं को घर चलाना कठिन हो रहा है।
मुकेश कुशवाहा, फूल विक्रेता

विक्रेता सालभर शादी समारोह के सीजन का इंतजार करते हैं। स्वागत से लेकर स्टेज और गाड़ी सजाने के आर्डर से ही कमाई होती है और वह एक माह से बंद है। आगे भी अभी उम्मीद नहीं है।
राकेश कुशवाहा, फूल विक्रेता