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रात के अंधेरे में ढूंढ़े जा रहे कृमि, लोगों को गंभीर बीमारी से बचाने इस जिले में शुरू हुआ नाइट ब्लड सर्वे

- वाहक जनित रोग से बचने के लिए और फायलेरिया के मरीजों का पता लगाने के लिए जिले में नाइट ब्लड सर्वे शुरू हो गया है। ग्राम छपरा बहोरीबंद में नाइट ब्लड सर्वे शुरू किया गया है। जिसमें 500 लोगों की ब्लड स्लाइड बनाई जाएगी। - अभी 100 लोगों की ब्लड स्लाइड बनाई गई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एसके निगम के निर्देशन और शालिनी नामदेव जिला मलेरिया अधिकारी के मार्गदर्शन में टीम को रात्रि 8 बजे रवाना किया जाता है। - टीम में शामिल पीके महार मलेरिया निरीक्षक, नितिन बाल्मीकि एफडब्ल्यू, रवि यादव, गोलू बर्मन द्वारा नाइट ब्लड सर्वे किया जा रहा है।

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कटनी

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Balmeek Pandey

Jul 10, 2019

Malaria Department launches night blood survey

Malaria Department launches night blood survey

कटनी. वाहक जनित रोग से बचने के लिए और फायलेरिया के मरीजों का पता लगाने के लिए जिले में नाइट ब्लड सर्वे शुरू हो गया है। ग्राम छपरा बहोरीबंद में नाइट ब्लड सर्वे शुरू किया गया है। जिसमें 500 लोगों की ब्लड स्लाइड बनाई जाएगी। अभी 100 लोगों की ब्लड स्लाइड बनाई गई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एसके निगम के निर्देशन और शालिनी नामदेव जिला मलेरिया अधिकारी के मार्गदर्शन में टीम को रात्रि 8 बजे रवाना किया जाता है। टीम में शामिल पीके महार मलेरिया निरीक्षक, नितिन बाल्मीकि एफडब्ल्यू, रवि यादव, गोलू बर्मन द्वारा नाइट ब्लड सर्वे किया जा रहा है। गंभीर एवं लाइलाज बीमारी फायलेरिया स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती बनी हुई है। जिले में 2004 से उन्मूलन के लिए प्रयास चल रहे हैं, लेकिन बीमारी खत्म होने का नाम नहीं ले रही। साल-दर-साल मरीज सामने आ रहे हैं। हाथीपांव उन्मूलन के लिए 'नाईट ब्लड सर्वे' शुरू किया है। सर्वे रिपोर्ट में पॉजिटिव मरीज पाए जाने पर फायलेरिया उन्मूलन के लिए उपचार दिया जाएगा। बता दें कि वंशरूप वार्ड, बहोरीबंद का तेवरी, विजयराघवगढ़, देवरी हटाई, बहोरीबंद, बिलहरी, बरही में मरीजों ज्यादा हैं। इसका सर्वे जिला मलेरिया शाखा द्वारा रात्रि 8 बजे से 12 बजे तक किया जाता है, क्योंकि रात में कृमि लीवर से त्वचा के नीचे आते हैं इसलिए सर्वे होता है।

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ऐसे होता है फायलेरिया
जिला मलेरिया अधिकारी शालिनी नामदेव ने बताया कि फायलेरिया कृमि जन्य रोग है। बाउचेरिया ब्रॉन क्राफ्टाई निमिटोड कृमि है जो बाहर मच्छर क्यूलेक्स के माध्यम से माईक्रो फायलेरिया पॉजिटिव बीमारी पैदा करता है। संक्रमति मच्छर के काटने से 9 माह से लेकर 10 माह तक कृमि संबंधित को इफैक्ट करता है। इस पर 12 दिन डीईसी गोली का मौलिक उपचार देकर एमएफ खत्म किया जाता है। जिस मरीज को हाइड्रोसिल की बीमारी है उसमें भी इसके लक्षण संभावित होते हैं। इसमें तेज बुखार, हाथ-पैर में सूजन, शरीर में लाल दाग, सूजन में गड्ढे पडऩा लक्षण होते हैं।

यह बरतें सावधानी
- गंदगी से करें बचाव
- मच्छरों से रहें दूर
- डीईसी का करें सेवन
- एल्वेंड्राजोल लें दवा
- शिकायत पर चिकित्सक से संपर्क।

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वार्ड दारोगा को बताए वाहक जनित रोग से बचने के तरीके
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसके निगम के निर्देशानुसार मंगलवार को राष्ट्रीय वाहक जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत अंतर विभागीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में नगर निगम के अधिकारियों एवं वार्ड दरोगा को डेंगू, चिकनगुनिया, फायलेरिया, जीका बीमारी के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। उक्त जानकारी शालिनी नामदेव जिला मलेरिया अधिकारी के द्वारा दी गई। कार्यशाला में आयुक्त आरपी सिंह, संध्या सैय्यमा डिप्टी कमिश्नर, पीके महार मलेरिया निरीक्षक, संजय चौदाहा, तेजभान, सलीम, कल्लू आदि उपस्थित रहे।