8 जुलाई 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

12 घंटे काम लेकिन सैलरी बस 8400, छुट्टी लेने पर मिलती है सजा, रेलवे स्टाफ की हालत खस्ता

railway contract staff warned agitation: कटनी जंक्शन पर वाटरिंग स्टाफ 12 घंटे तक पसीना बहा रहे हैं, लेकिन मिल रही सिर्फ 8400 रुपए तनख्वाह। ठेकेदार की मनमानी से त्रस्त कर्मचारी अब आंदोलन के मूड में हैं। (mp news)

कटनी

Akash Dewani

Jun 23, 2025

railway contract staff warned agitation Katni Junction mp news (फोटो सोर्स- Patrika.com)
railway contract staff warned agitation Katni Junction (फोटो सोर्स- Patrika.com)

mp news: मध्य प्रदेश के कटनी जंक्शन से गुजरने वाली लंबी दूरी की 80 ट्रेनों में यात्रियों की सुविधा के लिए पानी भरने का जिम्मा निजी ठेके पर कार्यरत सीएंडब्ल्यू (कोचिंग डिपो) वाटरिंग स्टॉफ के कंधों पर है। लेकिन इन कर्मचारियों को बेहद कठिन परिस्थितियों में काम करना पड़ रहा है। ठेकेदार और सुपरवाइजर की मनमानी के चलते न सिर्फ इन्हें कम वेतन दिया जा रहा है, बल्कि अधिकारों से भी वंचित किया जा रहा है। (railway contract staff warned agitation)

हर माह मिलते है बस 8400 रुपए

वर्तमान में स्टेशन पर करीब 40 वाटरिंग स्टॉफ कार्यरत हैं, जो ठेकेदार सुनील सिंह और सुपरवाइजर कपिल चौरसिया के अधीन काम कर रहे हैं। इन कर्मचारियों से प्रतिदिन 16 से 20 ट्रेनों में पानी भरवाया जाता है, लेकिन इसके एवज में उन्हें केवल 8400 रुपये प्रतिमाह वेतन दिया जाता है। स्थिति तब और खराब हो जाती है जब किसी कारणवश कर्मचारी शिकायत करता है या छुट्टी लेता है ऐसे मामलों में उनके वेतन से 1000 रुपये तक की कटौती कर दी जाती है। (railway contract staff warned agitation)

यह भी पढ़े- एडवाइजरी जारी…'स्क्रीन मिररिंग' से खाली हो सकता आपका बैंक अकाउंट, रहें अलर्ट

छुट्टी लेने पर सजा, विरोध करने पर धमकी

कर्मचारियों का आरोप है कि उनसे प्रतिदिन 8 घंटे से ज्यादा यानी लगभग 12 घंटे तक काम लिया जाता है, लेकिन न तो ओवरटाइम दिया जाता है और न ही किसी प्रकार की सुविधा। यदि कोई कर्मचारी इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाता है, तो उसे काम से निकालने की धमकी दी जाती है। कर्मचारियों ने बताया कि कई बार पुलिस से भी शिकायत की जा चुकी है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं मिला।

स्टेशन प्रबंधक को सौंपा ज्ञापन, दी आंदोलन की चेतावनी

परेशान कर्मचारियों ने अब अपने हक की लड़ाई शुरू कर दी है। सोमवार को सभी ठेका कर्मचारी एकजुट होकर स्टेशन प्रबंधक के नाम ज्ञापन सौंपा और अपनी मांगों को शीघ्र पूरा करने की मांग की। कर्मचारियों का साफ कहना है कि यदि जल्द ही स्थिति में सुधार नहीं किया गया और उन्हें न्यूनतम मजदूरी, समय-सीमा में कार्य और अन्य सुविधाएं नहीं दी गईं, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

प्रशासन की चुप्पी पर सवाल

रेल प्रशासन की ओर से अब तक इस गंभीर मामले पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। जबकि ट्रेनों में समय पर पानी की व्यवस्था करना एक आवश्यक सेवा है। ऐसे में कर्मचारियों की लगातार उपेक्षा न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि सेवा की गुणवत्ता पर भी प्रभाव डाल सकती है। जंक्शन पर कार्यरत इन मजदूरों की आवाज अब बुलंद होने लगी है। अगर समय रहते रेलवे प्रशासन ने स्थिति को नहीं संभाला, तो यह मामला बड़ा आंदोलन और व्यापक असंतोष का रूप ले सकता है। कर्मचारी अब अपने हक के लिए एकजुट होकर संघर्ष के मूड में हैं। (railway contract staff warned agitation)