script

मध्यप्रदेश की ये है अजब सुरंग: मिटाएगी तीन जिलों के खेतों की प्यास, बस थोड़ा बचा इंतजार

locationकटनीPublished: Jul 18, 2022 09:50:58 pm

Submitted by:

balmeek pandey

– बाधाओं के कारण अटकता था नर्मदा नहर का काम, अब 15 माह में बुझेगी प्रदेश के तीन जिलों के खेतों की प्यास- 7 लाख हेक्टेयर में होगी खेतों की सिंचाई, बरगी डेम से मैहर तक 197 किलोमीटर की नहर तैयार, टनल का मात्र 3.3 किलोमीटर का काम शेष, अक्टूबर 23 तक सतना पहुंच जाएगा नर्मदा जल- बरगी डेम से विंध्य पहुंचाया जा रहा है नर्मदा का अमृत, किसान होंगे समृद्ध

मध्यप्रदेश की ये है अजब सुरंग: मिटाएगी तीन जिलों की प्यास, बस थोड़ा बचा इंतजार

मध्यप्रदेश की ये है अजब सुरंग: मिटाएगी तीन जिलों की प्यास, बस थोड़ा बचा इंतजार

कटनी. प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण योजना बरगी व्यपवर्तन योजना जिसका निर्माण नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण द्वारा कराया जा रहा है। इस योजना के माध्यम से प्रदेश के चार जिलों में सिंचाई का काम होना है। जबलपुर जिले में योजना का लाभ तो मिलने लगा है, लेकिन अभी कटनी, सतना व रीवा जिला वंचित हैं। इसकी मुख्य वजह रही है कि स्लीमनाबाद के समीप सलैया फाटक व खिरहनी में भयंकर पहाड़ को काटकर सुरंग के माध्यम से टनल बनाने में देरी होना। 2008 से काम चल रहा है, लेकिन तकीनीकी खामियों के कारण योजना लेट हुई। अब तीनों जिलों लाखों किसानों के लिए राहत भरी खबर है। बाधा दूर हो गई है और अब काम दु्रत गति से चल रहा है। बता दें कि 5200 करोड़ रुपऐ का यह प्रोजेक्ट है, 3200 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। खास बात यह है कि इसमें सीधे सीएम शिवराज सिंह चौहान नजर बनाए हुए हैं।
जानकारी के अनुसार 11.95 किलोमीटर लंबी टनल पहाड़ में सुरंग बनाकर तैयार की जा रही है। अभी तक 8.7 की नहर बन गई है। 3.3 किलोमीटर का काम बाकी है, जो तेजी से चल रही है। बता दें कि 104 किलोमीटर से लेकर 116 किलोमीटर लंबाई की बनी हुई है। 12 किलोमीटर की टनल बनी है, इसके पहले एक किलोमीटर की टनल में पांच साल लग गए थे जिसमें सवा तीन साल का टेंडर दिया गया था। समय पर काम नहीं पूरा हो पाया था। वहीं अब 12 किलोमीटर के लिए तीन साल का ही समय दिया गया, जिसमें तेजी से काम चल रहा है।

 

मध्यप्रदेश की ये है अजब सुरंग: मिटाएगी तीन जिलों की प्यास, बस थोड़ा बचा इंतजार

समझी बाधा, फिर काम में आई रफ्तार
बता दें कि 10 साल में मात्र 4 किलोमीटर की ही टनल बन पाई और फिर ढाई साल में 4 किलोमीटर बन गई। पहले के चार किलोमीटर में देरी की मुख्य वजह रही है कि इसमें तकलीफें क्या हैं वह नही ंजाना गया। बाद में लिस्ट आउटकर उसे दूर करने के लिए तैयारी की गई। तकनीकी सहायता, ठेकेदार से समन्वयन, जिला प्रशासन से समन्वय बनाकर कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट का सिस्टम जाना गया। जिसके बाद काम में रफ्तार 2021 अप्रैल से काम की गति बेहतर हुई है।

 

ऐसे समझें देरी का गणित
– पहले कूता में चल रहा था काम, आइटम रेट के अनुसार टेंडर प्रक्रिया नहीं हुई, बिना अनुसंधान किए ही ठेका दे दिया गया था।
– अनुमान के अनुसार लागत निकालकर ठेका दिया गया, अनुसंधान के बाद ठेकेदार ने काम किया तो कहीं पर खाई तो कहीं पर पत्थर निकला।
– मशीन में खामियां बहुत आती थीं, सुधार में भी समय लगता था, टेंडर में जो जमीन का उल्लेख हुआ वह मौके पर नहीं मिली।
– शुरू में जो टेंडर लगाया गया था वहां पर जो अधिकारी थे वे शुरू से ही गलती करते रहे, एक किलोमीटर की टनल बनी बना पाए थे।

 

मध्यप्रदेश की ये है अजब सुरंग: मिटाएगी तीन जिलों की प्यास, बस थोड़ा बचा इंतजार

-5200 करोड़ रुपए से बन रही नर्मदा दाईं तट नहर
– 6 लाख 85 हजार हेक्टेयर खेतों में होगी सिंचाई
– 300 करोड़ रुपए की हैवी मशीन से बन रही टनल
– 1100 किलोमीटर की बन रहीं है नर्मदा नहरें
– 197 किलोमीटर बरगी से मैहर तक बनी है नहर

नर्मदा दायींतट नहा को लेकर खास-खास
– टनल बोरिंग मशीन (टीवीएम) से बन रही है सुरंग, 300 करोड़ रुपए की लगी है मशीनरी, इस तरह की मशीन से जम्मू में बनी थी अटल टनल।
– नहर 197 किलोमीटर बन गई है, बरगी डेम से मैहर तक, टनल बनते ही आगे पहुंचाया जाएगा पानी।
– 131 किलोमीटर की एक और नहर बननी है जो सतना जिले को पानी लेकर जाएगी।, 40 किलोमीटर की बेला नहर है जो रीवा तक जाएगी।
– 1100 किलोमीटर की नहरें बन रही हैं नहरें, अक्टूबर 2023 में सतना पहुंचेगा पानी, लोगों का इंतजार होगा खत्म।

 

मध्यप्रदेश की ये है अजब सुरंग: मिटाएगी तीन जिलों की प्यास, बस थोड़ा बचा इंतजार

यहां की लाखों एकड़ में होगी सिंचाई
नहर के शुरू हो जाने से तीन जिलों को लाभ मिलने लगेगा। सतना में 5 लाख एकड़, रीवा में 7 हजार एकड़, कटनी के विजयराघवगढ़ में 50 हजार एकड़ जमीन की सिंचाई होगी। बता दें कि अभी सवा लाख एकड़ जबलपुर में सिंचाई का काम चल रहा है, जिससे किसानों की स्थिति तेजी से सुधर रही है।

 

टनल फैक्ट फाइल
– 8700 मीटर का काम हो गया है
– 3200 मीटर का काम है शेष
– 800 करोड़ से शुरू हुआ
– 1300 करोड़ लग जाएंगे।
– 2008 से चल रहा है काम

 

इनका कहना है
बाधाएं दूर हो गई हैं। टनल का काम तेजी से चल रहा है। टीवीएम में भी सुधार हो गया है। नर्मदा दायीं तट नहर के माध्यम से अक्टूबर 2023 में सतना पानी पहुंचाने का लक्ष्य है, जिसे पूरा करेंगे। 6 लाख हेक्टेयर से अधिक में सिंचाई होगी।
आरएम शर्मा, चीफ इंजीनियर व प्रभारी अधीक्षण यंत्री एनवीडीए।

ट्रेंडिंग वीडियो