
throwing garbage
कटनी. वर्ष 2015-16 से नगर निगम द्वारा शहर में निकलने वाले कचरे का उठाव, प्रशंसकरण कर खाद बनाने का काम एमएसडब्ल्यू प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है। जबसे कंपनी काम कर रही है, तभी से योजना को जमकर पलीता लगा रही है। आलम यह है कि पड़वार में 4 लाख टन से अधिक कचरे का पहाड़ खड़ा हो गया है, जो पर्यावरण के साथ स्थानीय लोगों के लिए बेहद घातक हैं। नगर निगम के अफसरों की सांठगांव और बेपरवाही के कारण कंपनी मनमानी करती रहा। अब समस्या गंभीर हो गई है। मनमानी पर शिकंजा कसने के लिए नगर निगम आयुक्त ने कंपनी प्रबंधन को दो माह का अल्टीमेटम दिया है। कंपनी कचरे का प्रशंसकरण करेगी। अब हर सप्ताह इसकी निगरानी होगी। कंपनी को हर हाल में अनुबंध शर्तों का पालन करना होगा।
प्लांट का आयुक्त नीलेश दुबे ने प्रभारी सहायक यंत्री आदेश जैन आदि के साथ जायजा लिया और प्रबंधन से काम न करने की वजह जानी। इस पर कंपनी ने तर्क रखा कि समय पर भुगतान न होने के कारण ऐसी स्थिति बनी है, जबकि लगभग 4 करोड़ रुपए का ही भुगतान बकाया है। इसके अलावा प्लांअ में ब्लोवर्स भी ठीक से काम करते नहीं पाया गया। अब नगर निगम प्लांट में चलने वाली मशीनरी की गणना विद्युत खपत व देयकों के आधार पर गणना की जाएगी, क्योंकि कई साल से कंपनी सिर्फ काम का हवाला दे रही है, लेकिन प्लांट अधिकांश समय बंद रहता है, जिसके कारण पहाड़ खड़ा हो गया है।
हर दिन निकल रहा 125 टन कचरा
कंपनी द्वारा शहर से हर दिन 125 टन कचरे का उठाव करना बता रही है, जो पूरी तरह से सही नहीं है। अनुबंध के अनुसार 2021 तक अधिकतम 65 टन कचरा निकलना प्रस्तावित किया गया था, लेकिन 2024 में लगभग दो गुना हो गया है, जो किसी के गले नहीं उतर रहा। हैरानी की बात तो यह है कि नगर निगम द्वारा कभी भी क्रॉस चेक नहीं कराया जा रहा। इस काम की निगरानी के लिए हर माह लाखों रुपए लेने वाली स्वतंत्र एजेंसी भी ठीक से निगरानी नहीं कर रही।
बंद पड़ा है इंसीनेटर
एमएसडब्ल्यू द्वारा शहर में मरने वाले मवेशियों को भी डिस्पोज किया जा रहा है, लेकिन कई दिनों से इंसीनेटर खराब होने के कारण मशीन काम नहीं कर रही। इस पर आयुक्त ने उसे 15 दिवस में ठीक कराने कहा है। बता दें कि पिछले कुछ दिनों से कंपनी खामियों को छिपाने के लिए मृत मवेशियों को डिस्पोज के नाम पर कचरे के ढेर में दफना रही है। कई दिनों से मनमानी जारी है, इसके बाद भी नगर निगम के अफसर व जनप्रतिनिधि ध्यान नहीं दे रहे।
वर्जन
प्लांट का औचक निरीक्षण किया गया है। कई खामियां पाई गई हैं। कंपनी को अब समय पर भुगतान होगा, लेकिन प्रबंधन को अनुबंध शर्तों के अनुसार हर हाल में काम करना होगा। प्लांट में लगे कचरे के ढेर को खत्म करने के लिए दो माह की समय-सीमा निर्धारित की गई है। 15 दिन में इंसीनेटर ठीक कराने कहा गया है। कचरे को भी क्रॉस चेक कराया जाएगा।
नीलेश दुबे, आयुक्त नगर निगम।
Published on:
03 Jan 2025 09:26 pm
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