
No-confidence motion against district president
कटनी. बहोरीबंद जनपद पंचायत अध्यक्ष लाल कमल बंसल के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गुरुवार को पारित हो गया। इसके साथ ही भाजपा समर्थित जनपद अध्यक्ष को पद से मुक्त कर दिया गया। गुरुवार दोपहर 2 बजे तहसील कार्यालय बहोरीबंद में पीठासीन अधिकारी (एसडीएम) राकेश चौरसिया की मौजूदगी में विशेष सत्र आयोजित किया गया। सत्र की शुरुआत होते ही अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया शुरू की गई, 24 जनपद सदस्यों में 18 जनपद सदस्य उपस्थित रहे। इस दौरान मतदान कराया गया, जिसमें सभी 18 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। परिणामस्वरूप, जनपद अध्यक्ष लाल कमल बंसल को उनके पद से हटा दिया गया।
अविश्वास प्रस्ताव के लिए निर्धारित समय दोपहर 2 बजे था। प्रस्ताव के समर्थन में 18 सदस्य पहले ही पहुंच चुके थे, जबकि जनपद अध्यक्ष लाल कमल बंसल समेत 5 अन्य सदस्य 10 मिनट की देरी से तहसील कार्यालय पहुंचे। अधिकारियों ने समय अधिक होने का हवाला देकर उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दी, जिसके चलते माहौल कुछ देर के लिए तनावपूर्ण माहौल हो गया। सुरक्षा की दृष्टि से एसडीओपी प्रभात शुक्ला, स्लीमनाबाद, बहोरीबंद व बाकल थाना प्रभारी सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।
जनपद अध्यक्ष लाल कमल बंसल का सदस्यों के साथ तालमेल नहीं बैठ रहा था। लगातार अध्यक्ष पर मनमानी का आरोप लगा रहे थे। अधिकारी और कर्मचारियों से भी बर्ताव ठीक नहीं था। आएदिन विवाद की स्थिति बन रही थी। 21 मार्च को जनपद अध्यक्ष ने कलेक्ट्रेट में जमीन पर लोटकर सीइओ व अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर गए थे। इससे पार्टी की भी किरकिरी हुई थी। जनपद सदस्य अध्यक्ष से खपा होकर अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए।
प्रवेश न मिलने से नाराज जनपद अध्यक्ष और उनके समर्थक लौट गए और प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया। उन्होंने चेतावनी दी कि इस निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी। इस घटनाक्रम के बाद बहोरीबंद की राजनीति गरमा गई है। विपक्षी गुट ने इसे जनपद सदस्यों की सामूहिक इच्छा का परिणाम बताया, जबकि अध्यक्ष के समर्थकों ने इसे सुनियोजित साजिश करार दिया है।
18 मार्च को गई थी रीठी जनपद अध्यक्ष की कुर्सी
18 मार्च को रीठी जनपद अध्यक्ष अर्पित अनुरोध अवस्थी को भी जनपद सदस्यों की नाराजगी भारी पड़ी थी। अविश्वास प्रस्ताव में कुर्सी गंवानी पड़ी। 15 में से 13 जनपद सदस्यों ने अध्यक्ष के खिलाफ वोटिंग किया, जिससे अध्यक्ष को हटा दिया गया है। अर्पित अवस्थी भी जनपद सदस्यों की नहीं सुनते थे। लगातार अनदेखी करते हुए मंशा के विपरीत काम कर रहे थे।
बहोरीबंद जनपद पंचायत अध्यक्ष लाल कमल बंसल के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गुरुवार को पारित होने के बाद उनकी कुर्सी चली गई है। अविश्वास प्रस्ताव की इस प्रक्रिया में 6 जनपद सदस्य शामिल नहीं हो पाए, जिसमें जनपद अध्यक्ष सहित पांच अन्य जनपद सदस्य शामिल हैं। इस प्रक्रिया के बाद बाद राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गई है। जनपद अध्यक्ष अपने सदस्यों के साथ वापिस लौट आए और प्रशासन पर एक तरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। साथ ही अल्टीमेटम भी दिया कि प्रशासन के अधिकारी जो नेताओं के कहने पर एकतरफा अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया को पूर्ण कराये है उसको लेकर हाईकोर्ट की शरण ली जाएगी। बहोरीबंद विधानसभा में पहले भाजपा समर्पित रीठी जनपद अध्यक्ष अर्पित अनुरोध अवस्थी के खिलाफ 18 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव लाकर जनपद अध्यक्ष की कुर्सी से अलग किया गया फिर बहोरीबंद जनपद अध्यक्ष के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाकर अध्यक्ष पद से अलग करना सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। आखिर एक ही विधानसभा में दोनों जनपद अध्यक्ष जो की भाजपा के थे, उन्हें कुर्सी से अलग करवाना पड़ा, तो इसके पीछे की रणनीति चर्चाओं में है।
बहोरीबंद जनपद पंचायत के लिए गुरुवार का दिन उतार-चढ़ाव वाला दिन रहा। देर शाम बहोरीबंद जनपद उपाध्यक्ष सोनम चौधरी के जनपद उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का पत्र सोशल मिडिया में वायरल हुआ। जनपद उपाध्यक्ष ने अपना इस्तीफा पत्र कलेक्टर के नाम लिखा है। कयास लगाए जा रहे हैं कि जनपद अध्यक्ष लाल कमल बंसल की कुर्सी जाने के बाद अब जनपद उपाध्यक्ष सोनम चौधरी अब जनपद पंचायत अध्यक्ष पद की दावेदारी के लिए इस्तीफा दी हैं। इस संबंध मै जनपद उपाध्यक्ष सोनम चौधरी व उनके पति राजेश चौधरी जो भाजपा जिला महामंत्री भी है उनका कहना था कि पत्र लिखा बस गया है कलेक्टर को नहीं सौपा गया।
लाल कमल बंसल, तत्कालीन जनपद अध्यक्ष बहोरीबंद का तर्क था कि अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया दोपहर 2 बजे से थी, किसी कारण 10 मिनट विलम्ब हुआ था, जिसके कारण प्रशासनिक अधिकारियों ने अंदर नहीं जाने दिया। प्रक्रिया में भाग नहीं ले पाए। अधिकारियों की इस मनमानी और एकतरफा अविश्वास प्रस्ताव की कार्रवाई को लेकर अब जनपद सदस्यों के साथ हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी।
राकेश चौरसिया, पीठासीन अधिकारी ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया पंचायत राज अधिनियम के तहत पूर्ण कराई गईं है। जनपद अध्यक्ष बहोरीबंद के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया। जनपद अध्यक्ष सहित पांच अन्य जनपद सदस्य इस प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए। निर्धारित समयावधि के 10 मिनट बाद जनपद अध्यक्ष आए, जिस कारण नियमानुसार उन्हें प्रक्रिया में शामिल नहीं होने दिया गया।
Published on:
04 Apr 2025 07:22 am
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